केन्द्र जल्द देगा मप्र को 265 किमी की नई सडक़ें

 नई सडक़ें
  • राज्य का प्रस्ताव मंजूर, चार सडक़ों के लिए राशि का भी किया इंतजाम

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र अब उन राज्यों में शामिल हो चुका है, जिनकी सडक़ें पूरी तरह से चकाचक हो चुकीं हैं। प्रदेश के हिस्से में इस उपलब्धि के आने की वजह है प्रदेश सरकार का केन्द्र के साथ बेहतर समन्वय। अब एक बार फिर मप्र को केन्द्र सरकार पांच नई सडक़ों की सौगात देने जा रहा है।
इन सडक़ों के निर्माण पर करीब 2800 करोड़ रुपए की लागत संभावित है। प्रदेश में अच्छी सडक़ों की वजह बना है राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)। एनएच द्वारा प्रदेश में बड़े पैमाने पर सडक़ों का निर्माण किया गया है, जिसकी वजह से ही दूसरे राज्यों को जोडऩे वाली लगभग सभी सडक़ें बेहतर हो चुकी हैं। अब पांच नई सडक़ें मिलने के बाद स्थिति और बेहतर हो जाएगी। अहम बात यह है कि प्रदेश में अभी राष्ट्रीय राजमार्ग की करीब 7 हजार करोड़ रुपए की लागत की सडक़ों का काम तेजी से चल रहा है। इनमें से 2500 करोड़ रुपए की सडक़ें लगभग तैयार हो गई है। इन सडक़ों के सभी आरओबी व अन्य बड़े पुल लगभग तैयार हो चुके हैं या फिर उस पर आवागमन शुरू हो चुका है। महज दो आरओबी इसमें से एक पवई से कटनी तथा अमानगंज से पवई अगले महीने मार्च तक में पूर्ण हो जाएगा। प्रदेश को जो नई पांच सडक़ें मिलने वाली हैं, वे गुजरात व महाराष्ट्र बार्डर के साथ ही प्रदेश के भीतर की हैं।
यह  पांच नई सडक़ें मिलेंगी
मप्र को जो पांच नई सडक़े जल्द मिलने वाली हैं, उनमें गुजरात बार्डर पर जोबट से अंबुआ के बीच करीब 7.5 किमी की सडक़ है। यह एनएच 56 में आती है। इस पर करीब 370 करोड़ रुपए की लागत संभावित है। इसी तरह से एनएच-43 पर शहडोल से सागर टोला डिंडोरी के पास करीब 69 किमी लंबाई की सडक़ बनेगी। इस पर करीब 845 करोड़ रुपए की लागत आएगी। उधर, राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही पीछोर से दिनारा के बीच करीब 42 किमी की सडक़ भी शामिल है। जिसकी लांगत करीब 426 करोड़ रुपए संभावित है। इसी तरह से एनएच की ही एक अन्य सडक़ का निर्माण भी जल्दी ही शुरू होगा। इस सडक़ की लंबाई करीब 55 किमी होगी, जिसकी लागत 832 करोड़ रुपए अनुमानित है। राष्ट्रीय राजमार्ग महाराष्ट्र बार्डर मुलताई से पट्टन करीब 24 किमी रोड के बनाने पर 354 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इस सडक़ का एसएफसी अभी होना है।
सिर्फ एक सडक़ का ही वित्तीय प्रबंधन लंबित
दरअसल इन सडक़ों का प्रस्ताव पीडब्ल्यूडी के एनएच विंग द्वारा भेजा गया था। केंद्रीय सडक़ मंत्रालय ने इन पर आने वाली करीब 2800 करोड़ रुपए की लागत को स्वीकृत कर लिया है। इन 5 सडक़ों में से चार का एसएफसी (वित्तीय प्रबंधन) भी किया जा चुका है। जिस एक सडक़ के लिए वित्तीय प्रबंधन किया जाना है उसमें मुलताई से पट्टन महाराष्ट्र बार्डर की सडक़ ही शेष है। मप्र से महाराष्ट्र बार्डर की यह 24 किमी लंबी टू लेन सडक़ पर करीब 354 करोड़ रुपए की लागत आने की संभावना है। इसकी स्वीकृति भी मिल चुकी है। अहम बात है कि इन सडक़ों के लिए तमाम जरुरी मंजूरियां भी मिल गई है।

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