- दो किस्तों में केन्द्र से मिलेंगे साढ़े छह अरब रुपए
विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र के लिए अच्छी खबर है कि इस बार केन्द्र सरकार प्रदेश को 15 अरब से अधिक राशि देगा। यह राशि प्रदेश को केन्द्रीय करों के हिस्से के रूप में मिलेगी। इसके अलावा इसी वित्त वर्ष में भी प्रदेश को केन्द्र से दो किस्तों में साढ़े छह अरब रुपए भी मिलेंगे। केन्द्र से मिलने वाली इस राशि से प्रदेश के खाली खजाने की बदलहाल स्थिति को कुछ हद तक राहत मिलने की उम्मीद है। यह राशि चालू वित्त वर्ष के समाप्त होने से पूर्व यानी 31 मार्च से पहले मिल जाएगी। इसकी पहली किस्त इसी महीने और दूसरी किस्त मार्च में मिल जाएगी। फिलहाल केंद्रीय करों से प्रदेश को 80 हजार 184 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान था, जिसमें वृद्धि होने से यह राशि 86 हजार 500 करोड़ रुपए हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय करों में हिस्से की राशि किस्तों के रूप में हर महीने की 10 तारीख को मिलती है। केन्द्रीय करों के हिस्से की राशि नए प्रावधानों के हिसाब से नए वित्त वर्ष में बढक़र केन्द्री करों में मप्र को 95 हजार करोड़ से अधिक की हिस्सेदारी मिलेगी। जो चालू वित्त वर्ष की तुलना में 15 हजार करोड़ रुपए से अधिक हो जाएगी। वित्त विभाग के अफसरों के मुताबिक केंद्र सरकार ने केंद्रीय करों में मप्र का हिस्सा वर्ष 2023-24 के लिए 80 हजार 184 करोड़ रुपए प्रस्तावित किया था। पुनरीक्षित बजट में इसे बढ़ाकर 86 हजार 500 करोड़ रुपए कर दिया गया है। इसका फायदा यह होगा कि प्रदेश में जारी योजनाओं के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट में अधिक राशि मिल सकेगी। दरअसल, जीएसटी सहित अन्य केंद्रीय करों से भारत सरकार का राजस्व बढ़ा है। इसका लाभ मप्र को भी मिल रहा है। 15वें वित्त आयोग द्वारा निर्धारित अनुपात में मप्र समेत अन्य राज्यों को राशि मिल रही है। हालांकि पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले चालू वित्त वर्ष में केंद्रीय करों के हिस्से में मप्र को 4 हजार करोड़ रुपए कम दिए गए हैं। पिछले वित्त वर्ष में मप्र को केंद्रीय करों के हिस्से में 10 हजार 435 करोड़ रुपए अधिक मिले थे। इन योजनाओं में होगा फायदा अधिकारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री जन मन योजना के माध्यम से भी विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए आवास बनाने राशि मिलेगी। तीन साल में सभी को आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में ऐसे परिवारों की संख्या करीब एक लाख 20 हजार है। उन्हें आवास बनाने के लिए दो लाख रुपए, शौचालय के लिए 15 हजार रुपए और मजदूरी की राशि अधिक से मिलेगी। ऐसे ही ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के विकास के लिए राज्यों को प्रोत्साहन राशि दिए जाने की योजना का लाभ मध्य प्रदेश को मिलेगा। प्रदेश में एक दर्जन लोक विकसित किए जा रहे है। उज्जैन में श्री महाकाल लोक बनाया गया है, जिससे उज्जैन आने वाले पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ी है। इसका लाभ अन्य पयर्टन स्थलों को भी मिला और आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ी है।बिना ब्याज कर्ज की योजना रहेगी जारी केंद्र सरकार ने पूंजीगत कार्यों को बढ़ावा देने के लिए 50 वर्ष की अवधि के लिए बिना ब्याज का ऋण देने की योजना को जारी रखने का निर्णय लिया है। अभी प्रदेश के लिए 7,850 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए है। एक किस्त मिल चुकी है। इसका उपयोगिता प्रमाण पत्र भेज दिया गया है और दूसरी किस्त वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पूर्व मिल जाएगी। नए वित्तीय वर्ष में भी सरकार इसका फायदा उठाने में पीछे नहीं रहेगी। इसके तहत अंतरिम बजट में प्रविधान किया जाएगा। मप्र सरकार भी लाएगी लेखानुदान मप्र सरकार इस बार पूर्ण बजट के स्थान पर विधानसभा के बजट सत्र में लेखानुदान लेकर आएगी। वित्त विभाग इसकी तैयारियों में जुटा है। गुरुवार को वित्त अधिकारियों की नजर अंतरिम बजट पर पूरी तरह से लगी रही। लेखानुदान में चार महीने के लिए विभिन्न विभागों के खर्च के लिए राशि का प्रावधान किया जाएगा। लेखानुदान करीब एक लाख 30 हजार करोड़ का हो सकता है। ऐसे ही बजट सत्र में दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। मप्र विधानसभा का बजट सत्र 7 फरवरी से शुरू होगा।लेखानुदान का आधार बनेगा अंतरिम बजट राज्य सरकार द्वारा लाए जाने वाले लेखानुदान में इस बार अधोसंरचना और औद्योगिक विकास, गरीब कल्याण, महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता दिए जाने की उम्मीद है। इसके एक लाख करोड़ रुपये के होने का अनुमान है। माना जा रहा है कि इसमें लाड़ली बहना, महिला स्व-सहायता समूहों को सहायता, विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग की महिलाओं को पोषण आहार भत्ता देने की योजनाओं को निरंतर रखने की घोषणा की जाएगी। इसी तरह से गरीब कल्याण के लिए तेंदूपत्ता संग्राहकों के पारिश्रमिक में वृद्धि, प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण, मनरेगा, संबल योजना, अटल ज्योति योजना के लिए भी प्रविधान रखा जाएगा। किसानों को बिना ब्याज का अल्पावधि ऋण उपलब्ध कराने जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों को ब्याज अनुदान, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए राज्यांश, खाद-बीज अनुदान, सस्ती बिजली देने अनुदान का प्रविधान भी किया जा रहा है। नल से पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जल जीवन मिशन, सडक़ नेटवर्क को मजबूत करने के लिए एक्सप्रेस वे के निर्माण को गति देने, औद्योगिक केंद्रों के विकास, स्टार्टअप को प्रोत्साहन के लिए संशोधित नीति के अनुरूप अनुदान दिया जाएगा।