देर से घोषित किए प्रत्याशी… फिर भी हो रहा है विरोध

प्रत्याशी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस छोड़ने वालों में भगदड़ जैसी स्थिति है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा की सदस्यता लेने में कोताही नहीं की है। इसी बीच ग्वालियर मुरैना और खंडवा से खबर है कि कांग्रेस के टिकट घोषित होने के बाद से ही तीनों ही प्रत्याशियों का विरोध भी शुरू हो गया है, जिसकी वजह से पार्टी के सामने यह एक नई चुनौती खड़ी हो गई है।
गौरतलब है कि ग्वालियर से पूर्व विधायक प्रवीण पाठक, खंडवा से नरेन्द्र पटेल और मुरैना से सत्यपाल सिंह सिकरवार को कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित किया हुआ है। ऐसे में इन प्रत्याशियों का विरोध बाहर से नहीं बल्कि पार्टी के अंदर से ही  देखने को मिला है। मुरैना सीट पर सत्यपाल सिंह सिकरवार के नाम का ऐलान होने के बाद पार्टी के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष और विजयपुर से विधायक रामनिवास रावत ने ही विरोध का परचम लहराया है। उनका कहना है कि बिना स्थानीय कार्यकर्ताओं से बातचीत के निर्णय लेना ठीक नहीं है। रावत ने कहा कि बिना सोचे-विचारे कार्यकर्ताओं पर उम्मीदवारों को थोपना गलत परिपाटी है। उन्होंने प्रदेश नेतृत्व से खुद को मुरैना प्रभारी की भूमिका से हटाने को भी कह दिया है। इसके अलावा ग्वालियर लोकसभा सीट पर पूर्व विधायक प्रवीण पाठक को लेकर भी विरोधी स्वर मुखर हुए हैं। यहां पाठक के विरोध में जिला शहर कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र शर्मा ने आवाज बुलंद की और खुल कर बोला है। उन्होंने प्रवीण पाठक पर पार्टी के किसी कार्यक्रम में नहीं आने का गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी नेतृत्व के फैसले पर सवालिया निशान लगाया है। शर्मा का कहना है कि पार्टी ने ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया है जो न किसी कार्यक्रम में शामिल होता है और न ही बात किसी धरना-प्रदर्शन में ही साथ देता है। वह सीधे टिकट लेकर आने को भी पार्टी नेतृत्व की कमजोरी बताते हैं। शर्मा का कहना है कि पांच साल विधायक रहने के बावजूद उन्होंने किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह टिकट वितरण से कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। उन्होंने अपनी बात पार्टी के वरिष्ठ नेताओं तक पहुंचा दी है, फैसला जो होगा उसे वो स्वीकार करने की भी करते हैं, और इस चुनाव की बेला में इस्तीफे की बात नहीं कर रहे हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस ने मुरैना, ग्वालियर और खंडवा लोकसभा सीट पर लंबी चयन प्रक्रिया के बाद टिकट घोषित किए थे। मुरैना सीट पर भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर पूर्व विधायक शिवमंगल सिंह तोमर सामने हैं। शिवमंगल भाजपा नेता नरेंद्र सिंह तोमर के करीबी माने जाते हैं। उनका मुकाबला सत्यपाल सिंह सिकरवार से है। सत्यपाल सिकरवार बीजेपी के टिकट पर सुमावली से विधानसभा का चुनाव जीते थे। उनके पिता गजराज सिंह सिकरवार भी 3 बार विधायक रह चुके हैं। उनके भाई सतीश सिकरवार ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस से विधायक और उनकी भाभी शोभा सिकरवार ग्वालियर महापौर हैं। यहां ग्वालियर लोकसभा सीट पर बीजेपी की तरफ से भरत सिंह कुशवाहा प्रत्याशी घोषित किए गए हैं। उनका मुकाबला प्रवीण पाठक से होना है। पाठक युवा नेता और पिछली बार कांग्रेस से ग्वालियर दक्षिण सीट से विधायक चुने गए थे। यह अलग बात है कि पिछले 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। अब जबकि पार्टी ने उन्हें लोकसभा प्रत्याशी घोषित कर दिया है और पार्टी अंदर ही दोनों प्रत्याशियों का विरोध हो रहा है, अगर यह जल्द शांत नहीं होता है तो उनके लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।
तो खड़ा कर सकते हैं मुस्लिम प्रत्याशी
खंडवा लोकसभा के तहत आने वाली कई विधानसभा सीटों के मुस्लिम नेता टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं। इन नेताओं ने अपने समाज की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा है कि तमाम समाज के लोग इस बार किसी मुस्लिम उम्मीदवार को निर्दलीय रूप से उतारकर कांग्रेस का विरोध करेंगे। मुस्लिम नेताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने उनके समाज के किसी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया था, जिसकी नाराजगी की वजह से बुरहानपुर में भाजपा को जीत मिली थी।  

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