प्रदेश के तीन जिलों में छह दर्जन से अधिक नक्सलियों का डेरा

 नक्सलियों
  • बालाघाट, ङ्क्षडडोरी और मंडला को बना रखा है ठिकाना…

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। छत्तीसगढ़ से सटे प्रदेश के तीन जिलों में इन दिनों करीब छह दर्जन से अधिक नक्सलियों ने डेरा डाल रखा है। यह तीनों जिले आदिवासी बाहुल्य बालाघाट, मंडला और डिंडोरी हैं। दरअसल इन तीनों जिलों की सीमाएं नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ के जंगली इलाकों से लगी हुई हैं। यह बात अलग है कि इसके बाद भी उनके लिए यह जिले सुरक्षित ठिकाने बने हुए हैं।
    आदिवासी अंचल बालाघाट, डिंडोरी और मंडला में सबसे ज्यादा नक्सली गतिविधियां देखी जा रही हैं। लेकिन इनमें से अब मंडला नक्सलियों का नया गढ़ बनता जा रहा है। दरअसल यह तीनों जिले ही नक्सली बाहुल्य होने की वजह से नक्सलियों के लिए बेहद मुफीद बने हुए हैं। अपने इन सुरक्षित ठिकानों पर नक्सलियों द्वारा किसी बड़ी वारदात को अंजाम  नहीं दिया जाता है। इसकी वजह से उनके विरोध में लोग खड़े नहीं होते हैं। इसकी वजह से सुरक्षाबलों को उनके बारे में जानकारी मिलना मुश्किल होता है। दरअसल छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों द्वारा जब भी बड़ा अभियान छेड़ा जाता है, तब नक्सली छग से आकर  मप्र के इन जिलों में आकर पनाह ले लेते हैं।
    राष्ट्रीय उद्यान की दो रेंजों में सर्वाधिक मूवमेंट
    वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक नेशनल पार्क के आधे से ज्यादा हिस्से में नक्सलियों की मूवमेंट बनी हुई है। पार्क के दो रेंज में सबसे ज्यादा नक्सली मूवमेंट देखी जाती है। पहला मुक्कीरेंज है, तो दूसरी  भैंसागढ़ रेंज है। इसकी वजह है इन दोनों ही रेंजों से नक्सली सीधे जंगल में आसानी से प्रवेश कर जाते हैं। खैर पुलिस महकमें के जिम्मेदार अफसर इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते हैं। इसकी बड़ी वजह है कान्हा नेशनल पार्क के मुक्की, सुपाड़ा और भैंसा गढ़ रेंज में पुलिस कैंप बनाए जाने थे , लेकिन अब तक महज मुक्की रेंज में पुलिस कैंप बन पाया है।
    बीते साल पुलिस को मिली बड़ी सफलता
    बीते साल पुलिस व हॉकफोर्स ने 2 महिला नक्सलियों सहित 4 हार्डकोर नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया था। इन सभी नक्सलियों पर 14-14 लाख रुपए का इनाम घोषित था। इसी तरह से अप्रैल माह में हुई कदला मुठभेड़ में महिला नक्सली सरिता और सुनीता को भी मार गिराया था। कुंदुल-कोद्दापार जंगल क्षेत्र में सितंबर में हुई मुठभेड़ में नक्सली कमलू को धराशायी किया जा चुका है। इसी तरह से  अगस्त माह में प्रतिबंधित संगठन सीपीआई की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य फरार 82 लाख का इनामी नक्सली अशोक रेड्डी को जबलपुर से गिरफ्तार किया गया था।

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