- हर साल 15 मई तक होंगे तबादले, नए शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र में रहना होगा तीन साल
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में अब शिक्षकों और स्कूल शिक्षा विभाग के अन्य कर्मचारियों के तबादले 15 मई तक किए जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट की बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर मंजूरी दी जा सकती है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने शिक्षकों और स्कूल शिक्षा विभाग के अन्य कर्मचारियों के लिए अब स्थायी तबादला नीति बनाई है। तबादला नीति हर साल नहीं बनाई जाएगी, इसमें जरूरी होने पर ही संशोधन किया जाएगा। नीति के अनुसार शिक्षक एवं अन्य संवर्ग के तबादले हर साल 15 मई तक किए जाएंगे। हालांकि इस साल तबादलों की तारीख अलग से निर्धारित की जाएगी। स्वैच्छिक तबादले के लिए आॅनलाइन आवेदन करना होगा। गौरतलब है कि अभी हर साल तबादला नीति बनाई जाती है। अब नई नीति के अनुसार गंभीर शिकायतों, दोष सिद्ध होने, प्रतिनियुक्ति से वापसी, न्यायालयीन निर्णय के पालन, अनुशासनहीनता के गंभीर मामलों में संस्था प्रमुख की अनुशंसा और स्कूलों में खाली पद भरने के लिए प्रशासनिक आधार पर तबादला होगा। वहीं प्रतिनियुक्ति पर विशेष परिस्थिति में ही भेजा जाएगा। नई नीति में प्रावधान किया गया है कि शिक्षक एवं प्राचार्यों को जनप्रतिनिधियों की निजी स्थापना में पदस्थ नहीं किया जाएगा। नए शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र में तीन साल या परिवीक्षा अवधि पूरी करना होगी। उन्हें पूरी सेवा में 10 साल ग्रामीण क्षेत्रों में रहना होगा। वचन पत्र भी देना होगा। हालांकि चयन परीक्षा से चयनित शिक्षकों को इसमें राहत दी जाएगी। शहरी क्षेत्रों में 10 साल तक पदस्थ शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा जाएगा। अध्यापक संवर्ग से आए शिक्षकों को भी ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में पांच से 10 साल सेवा देना होगी। जबकि तीन साल में सेवानिवृत्त होने वाले गंभीर बीमार या विकलांग और एक साल से कम की सेवा एवं 40 प्रतिशत या उससे अधिक नि:शक्तता होने पर तबादला नहीं किया जाएगा।
एजुकेशन पोर्टल से आवेदन अनिवार्य
शिक्षकों के लिए स्थाई तबादला नीति में रिक्त पदों की गणना हर साल 30 अप्रैल की स्थिति में होगी। पहले प्रशासनिक और फिर स्वैच्छिक तबादले होंगे। एजुकेशन पोर्टल से आवेदन अनिवार्य होगा। दूसरे जिले या संभाग के शिक्षक को पदोन्नति वाले पद पर पदस्थ नहीं करेंगे, जबकि उसी जिले या संभाग के शिक्षक को कर सकेंगे। शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों व कार्यालयों में अतिशेष शिक्षकों/कर्मचारी को पदस्थ करेंगे। आपसी सामंजस्य से स्वैच्छिक तबादले होंगे। जनजातीय बहुल क्षेत्रों में प्रशासकीय आधार पर पदस्थ शिक्षकों को प्रोत्साहन भत्ता देंगे। तबादले में वरीयता का क्रम को महत्व दिया जाएगा। पिछले सत्र में हाईस्कूल परीक्षा का शत-प्रतिशत परिणाम आने पर, स्वयं या परिवार के सदस्य के गंभीर बीमारी से पीड़ित होने पर, विवाह के कारण पति-पत्नी के निवास या कार्यस्थान पर, नि:शक्त, विधवा परित्याक्ता, विधुर, कोरोना के कारण इलाज के लिए सुविधा अनुसार स्थान पर, राज्य और राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त होने पर, अतिशेष शिक्षकों को एक से अधिक आवेदन होने पर तबादला किया जाएगा। नए स्कूल या संकाय शुरू करने पर सेटअप में संशोधन 31 दिसंबर तक किया जाएगा। वास्तविक एवं संभावित रिक्तियों का निर्धारण 31 जनवरी तक किया जाएगा। पोर्टल पर एक मार्च को रिक्त पदों की जानकारी देंगे। 31 मार्च तक आॅनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। 30 अप्रैल को तबादला आदेश जारी होंगे। 15 मई तक कार्यभार ग्रहण करना होगा।
देसी गाय पालने पर भी मिलेगा अनुदान
कैबिनेट में आने वाले प्रस्ताव के मुताबिक प्रदेश के प्रत्येक जिले के 100 गावों में देसी गाय पालने के लिए प्रति गाय 900 रुपए अनुदान दिया जाएगा। इस तरह पहले चरण में 5200 गांवों में देसी गाय पालने के लिए 26 हजार लोगों को अनुदान दिया जाएगा। वहीं प्राकृतिक खेती के मार्गदर्शन के लिए हर विकासखंड में 5 पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जाएगी। हर गांव में किसान मित्र और किसान दीदी की व्यवस्था भी होगी, जो प्राकृतिक खेती के मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्य करेंगे। कार्यकतार्ओं और मास्टर ट्रेनर को मानदेय भी दिया जाएगा।
इन प्रस्तावों पर भी चर्चा
कैबिनेट में ग्रामीण पर्यटन परियोजना में होम स्टे निर्माण उन्नयन के लिए अनुदान संबंधी प्रस्ताव पर चर्चा की जानी है। वहीं नक्सल विरोधी अभियान में हॉक फोर्स के पुलिसकर्मियों को नक्सल विरोधी विशेष भत्ता और हॉक फोर्स में एक वर्ष से अधिक प्रतिनियुक्ति पर हॉक फोर्स भत्ता दिया जाएगा। नई नवकरणीय ऊर्जा नीति, 2022 को स्वीकृति दी गई। नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विवि जबलपुर अंतर्गत डेयरी साइंस एवं फूड टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। बाणसागर बहुउद्देशीय परियोजना नहर कार्य की अंतिम बार 5 हजार करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति संबंधी प्रस्ताव भी है।