मंत्रिमंडल विस्तार: आलाकमान ने की माननीयों की कुंडली तलब

मंत्रिमंडल विस्तार

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार करने से पहले भाजपा आलाकमान ने पार्टी के सभी 163 विधायकों की पूरी कुंडली दिल्ली तलब की है। इसमें उनसे संबंधित हर वो जानकारी मांगी गई है, जो विधायक और उनके परिजनों से संबधित है। मांगी गई जानकारी में विधायक राजनीति में कब से हैं, किन-किन पदों पर रहे हैं और भ्रष्टाचार को लेकर उनके खिलाफ कितनी शिकायतें आदि हैं। इसके आधार पर ही मंत्री पद की सूची तैयार की जाएगी। अहम बात यह है कि इस बार मंत्री पद के लिए बड़े और प्रभावशाली नेताओं का कोटा भी पूरी तरह से समाप्त करने की तैयारी कर ली गई है। यही वजह है कि इस बार प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले चेहरों का फैसला भी दिल्ली से ही होना है। यही वजह है कि फिलहाल मंत्रिमंडल के नामों पर मुहर नहीं लग पा रही है। पहले माना जा रहा था कि खरमास के पहले मंत्रिमंडल की शपथ करा ली जाएगी, लेकिन अब यह काम खरमास के बीच ही होगा। गौरतलब है कि प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के तौर पर डा. मोहन यादव द्वारा अपने दो साथी उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा के साथ 13 दिसंबर को शपथ ग्रहण की गई थी। उनके द्वारा तेजी से अपनी नई पारी की शुरुआत भी कर दी गई है।
अब तीन दिन का समय हो चुका है, लेकिन अभी भी यह तय नहीं है कि आखिर मंत्रिमंडल का विस्तार कब होगा। मुख्यमंत्री के शपथ लेने वाले दिन से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलें शुरु हो गई थीं, लेकिन उन पर विराम नहीं लग पा रहा है। पार्टी सूत्रों की माने तो अभी तक मंत्रियों के नाम तय नहीं हुए हैं। इसको लेकर कवायद की जा रही है। इन नामों के लिए पहले प्रदेश स्तर पर मंथन किया जा रहा था , लेकिन इस बीच भाजपा हाईकमान ने भी विधायकों का पूरा ब्यौरा मंगा लिया है। दिल्ली से पार्टी के सभी 163 विधायकों की पूरी जानकारी मांगी गई है। कब से विधायक हैं, कितनी बार विधायक चुने गए गए हैं, कितनी बार सांसद रहे हैं, राजनीतिक सफर के दौरान संगठन के किन-किन पदों पर रहे हैं और उनके कार्यकाल के दौरान क्या-क्या उपलब्धियां रही हैं। उसके अलावा विधायकों का विवादों से भी नाता रहता है। इसकी जानकारी भी संगठन ने मांगी है।
किस विधायक के खिलाफ कितने आपराधिक प्रकरण हैं, भ्रष्टाचार को लेकर कितनी शिकायतें हैं और किस-किस स्तर पर जांच चल रही है। भाजपा की तकरीबन बीस साल की सरकार में जो विधायक मंत्री रहे हैं अथवा मंत्री नहीं बन पाए थे, क्या उनके खिलाफ भी भ्रष्टाचार की जांच चल रही है। यह पूरी जानकारी प्रदेश संगठन द्वारा दिल्ली भेजी जा चुकी है। माना जा रहा है कि संगठन इसका अपने स्तर पर विश्लेषण करेगा और उसके आधार पर ही प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले सदस्यों के नाम तय करने का काम किया जाएगा। हाईकमान की ओर से सामान्य तौर पर मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले सदस्यों की सूची के साथ प्रदेश के नेताओं को बुलाया जाता है, उनके गुण-दोष और सियासी सफर पर मंथन होता है। उसके आधार पर मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले सदस्यों के नाम तय किए जाते हैं। नाम तय करते समय क्षेत्रीय, जातीय और सामाजिक समीकरणों का भी पूरा ध्यान रखा जाता है।
गैर विधायक नेताओं का भी मांगा ब्यौरा
पार्टी हाईकमान ने विधायकों के अलावा पार्टी के 16 गैर विधायक नेताओं की भी जानकारी मांगी है। यह सभी नेता प्रदेश के रहने वाले हैं और अलग-अलग स्तर पर पार्टी के लिए काम करते हैं। इनमें कुछ नेता संघ की पृष्ठभूमि से भी है। फिलहाल यह तय नही है कि हाईकमान द्वारा जिन 16 नामों की जानकारी मांगी गई है, उनका उपयोग किस स्तर पर किया जाएगा। माना जा रहा है कि उनमें से कई नेताओं को निगम मंडल में जगह दी जाएगी , तो कुछ चेहरों को सरकार स्तर पर कोई बड़ा काम दिया जा सकता है। उनमें से कई को दिल्ली स्तर पर भी जिम्मेदारी दिए जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
अधिकांश पुराने चेहरों कोरखा जाएगा दूर
भाजपा की बीस साल की सरकार में बहुत सारे चेहरे ऐसे हैं, जो हर सरकार में मंत्री बनते रहे हैं। इनमें कई चेहरे ऐसे भी हैं, जिनको लेकर शिकायतें दिल्ली आती रही हैं।  इस बार आलाकमान ऐसे चेहरों को मंत्रिमंडल से दूर करने की तैयारी मे हैं। पार्टी सूत्रों की माने तो पुराने कुछ मंत्रियों को इस बार भी मंत्रिमंडल में मौका दिया जाएगा, लेकिन ज्यादातर से किनारा किया जाएगा। सीएम के तौर पर पार्टी ने जिस तरह से नया चेहरा दिया है, उसी तरह के चौंकाने वाले नाम मंत्रिमंडल भी आएंगे।
खरमास की चिंता नहीं करेगी भाजपा
आमतौर पर खरमास में कोई शुभ कार्य नहीं होते। भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी मंत्रिमंडल के गठन के लिए खरमास की चिंता नहीं करेगी। जिस तरह भाजपा ने आलोचना की परवाह किए बगैर पितृपक्ष में  प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी थी, उसी तर्ज पर खरमास में, नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। सोशल मीडिया पर बीते रोज खबर फैली कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने संभावित मंत्रियों की सूची दिल्ली भेज दी है और उस पर मुहर लगते ही आज यानि की शनिवार को नए मंत्रियों को शपथ दिला दी जाएगी, लेकिन यह पूरी तरह से अफवाह साबित हुई है। मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले चेहरों को लेकर दो स्तर पर मंथन चल रहा है। सीएम और डिप्टी सीएम की तर्ज पर केंद्रीय नेतृत्व मंत्रियों के नामों की सूची तैयार कर रहा है। दूसरा, मुख्यमंत्री डॉ यादव वरिष्ठ नेताओं की राय लेकर सूची बना रहे हैं। यह सूची दिल्ली केंद्रीय नेतृत्व के पास भेजी जाएगी।

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