- अब उपचुनाव की बारी…
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। लोकसभा चुनाव के बाद अब मप्र में विधानसभा उपचुनाव की बारी है। वर्तमान में दो विधानसभा सीटों बुधनी और अमरवाड़ा में उपचुनाव होना तय है, जबकि विजयपुर और बीना को लेकर असमंजस हैं। अमरवाड़ा, विजयपुर और बीना से जीते कांग्रेस विधायक अब भाजपा में शामिल हो गए हैं। इनमें से अमरवाड़ा से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह का इस्तीफा विधानसभा सचिवालय को मिल गया था। इसके बाद विधानसभा सचिवालय ने यह सीट रिक्त घोषित कर यहां छह महीने के अंदर उप चुनाव कराने की सूचना चुनाव आयोग को भेज दी थी। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और बुधनी विधायक शिवराज सिंह चौहान लोकसभा सांसद बनकर दिल्ली पहुंच गए हैं। ऐसे में बुधनी में भी उपचुनाव होना तय है। गौरतलब है कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव में एकमात्र विधायक शिवराज सिंह चौहान को विदिशा लोकसभा सीट से टिकट दिया था। शिवराज सिंह चौहान बड़े मार्जिन से चुनाव जीत गए हैं। जल्द ही वे विधायक पद से इस्तीफा देंगे। उनका इस्तीफा मंजूर होने के बाद बुधनी विधानसभा सीट रिक्त हो जाएगी और यहां छह महीने के भीतर उपचुनाव कराए जाएंगे। इसके अलावा अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होंगे। विजयपुर से कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने गत 30 अप्रैल को और बीना से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे ने गत 5 मई को पार्टी छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर ली थी। इन दोनों विधायकों ने अब तक अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है, इसलिए अभी इन दोनों सीटों पर उपचुनाव को लेकर संशय की स्थिति बनी है। यदि ये विधायक अपने पद से इस्तीफा देते हैं, तो इन दोनों सीटों पर भी उपचुनाव होगा।
बुधनी से कई दावेदार
अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भाजपा कमलेश शाह को टिकट देगी, यह तय है। लेकिन शिवराज के सांसद चुने जाने के बाद बुधनी सीट पर जो उपचुनाव होगा उसमें भाजपा का प्रत्याशी कौन होगा, इसके लिए कयासों का दौर शुरू हो गया है। 2013 के चुनाव से इस सीट पर प्रचार की कमान उनके बड़े बेटे कार्तिकेय ने संभाली है। 2018 और 2023 के विधानसभा चुनाव में शिवराज ने तो बुधनी से केवल नामांकन दाखिल किया था। उन्होंने इस सीट को छोडक़र पूरे प्रदेश में प्रचार किया। ऐसे में क्या कार्तिकेय को उपचुनाव का टिकट मिल सकता है? जानकारों का कहना है कि इसकी संभावना कम है, क्योंकि भाजपा परिवारवाद के आरोपों से बचने की कोशिश करेगी। कार्तिकेय भी कह चुके हैं कि फिलहाल वह बुधनी से चुनाव नहीं लड़ेंगे। पार्टी जिसे भी टिकट देगी वह शिवराज के पसंद का और भरोसमंद उम्मीदवार होगा। ऐसे में बुधनी विधानसभा सीट से सात नेताओं के नामों की चर्चा अभी से शुरू हो गई है। विदिशा के पूर्व सांसद रहे रमाकांत भार्गव का नाम पहले स्थान पर है। क्योंकि इस बार उनका टिकट काटकर शिवराज को टिकट दिया गया। ऐसे में पार्टी इनाम के तौर पर उन्हें प्रत्याशी बना सकती है। वे शिवराज की पसंद भी माने जाते हैं। उसके बाद सलकनपुर ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश उपाध्याय का नाम है। वे शिवराज के करीबी मित्रों में से हैं। धार्मिक पहचान होने से पार्टी उन पर दांव लगा सकती है। इनके अलावा सीहोर भाजपा के जिलाध्यक्ष रवि मालवीय का नाम भी चर्चा में है। ये शिवराज सिंह चौहान के भरोसेमंद हैं। शिवराज को उनके नाम पर भी कोई आपत्ति नहीं होगी। सीहोर के पूर्व जिलाध्यक्ष रघुनाथ भाटी भी कतार में हैं। बुधनी में मालवीय वर्ग बड़ा वोट बैंक हैं। रघुनाथ भी पूर्व सीएम शिवराज के खास लोगों में गिने जाते हैं। वहीं भेंरुदा नगर पालिका के अध्यक्ष शिशिर मारुति भी चर्चा में हैं। उनके पिता भी विधायक रह चुके हैं। युवा होने के नाते पार्टी नए चेहरे के तौर पर मौका दे सकती है। साधना सिंह के करीबी लोगों में शामिल हैं। मध्यप्रदेश वन विकास निगम के अध्यक्ष रह चुके गुरु प्रसाद शर्मा भी शिवराज के खास लोगों में शामिल हैं। अत: वे भी चर्चा में हैं। नरेंद्र सिंह तोमर के रिश्तेदार नीरज भाटी का भी नाम चर्चा का केंद्र बना हुआ है। तोमर के चलते शिवराज सिंह नीरज भाटी का नाम आगे बढ़ा सकते हैं।
यहां उपचुनाव की संभावना खत्म
लोकसभा चुनाव के टिकटों के वितरण के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि प्रदेश में आधा दर्जन से अधिक विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो सकते हैं। लेकिन कांग्रेस ने अपने जिन पांच विधायकों को लोकसभा के टिकट दिए थे, वे पांचों विधायक चुनाव हार गए, इसलिए इन सीटों पर उपचुनाव नहीं होंगे। कांग्रेस ने डिंडोरी विधायक ओमकार सिंह मरकाम को मंडला लोकसभा सीट से, पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल मार्को को शहडोल से, सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को सतना से, भांडेर विधायक फूल सिंह बरैया को भिंड सीट से और तराना विधायक महेश परमार को उज्जैन सीट से लोकसभा का टिकट दिया था। ये पांचों विधायक चुनाव हार गए।