पुनर्वास के लिए ठिकाने ढूंढ रहे ब्यूरोक्रेट्स

ब्यूरोक्रेट्स
  • सेवानिवृत्ति से पहले कई अफसरों ने शुरू की लॉबिंग…

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। सेवाकाल के दौरान सरकार की आंख और कान बने रहने वाले ब्यूरोक्रेट्स सेवानिवृत्ति के बाद भी सरकारी सुविधाओं का मोह त्याग नहीं पाते हैं। ऐसे में कई अफसरों की कोशिश रहती है कि सेवानिवृत्ति के बाद भी उन्हें अच्छी जगह पदस्थापना मिल जाए। ऐसे में इस साल रिटायर होने वाले अफसरों ने अभी से पुर्नवास की जुगाड़ लगानी शुरू कर दी है। कुछ अफसरों ने तो अपने बायोडाटा को भी सरकार के पास पहुंचा दिया है।
गौरतलब है कि 30-40 साल सरकारी सेवा और सुविधाओं में रहने के बाद जब कोई आईएएस रिटायर होते हैं ,तो वह घर पर बैठना नहीं चाहता है। ऐसे में कईयों की कोशिश रहती है कि वे सेवानिवृत्ति के बाद आयोग, बोर्ड, परिषद आदि में एडजस्ट हो जाएं। मप्र में आने वाले छह माह के भीतर कई आईएएस अफसर सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। ये अफसर अभी से अपने पुर्नवास  के लिए सरकार के पास बायोडाटा पहुंचा रहे हैं। अफसरों की सक्रियता इसलिए भी है, क्योंकि चुनाव के बाद संस्थाओं में नियुक्ति की प्रक्रिया होना है। कई ऐसे महत्वपूर्ण पद हैं, जहां सेवानिवृत्ति के बाद नियुक्ति का प्रावधान है।
कई पद खाली होंगे
सेवानिवृत्त ब्यूरोक्रेट्स की पुर्नवास स्थली माने जाने वाले कई संस्थानों में इस साल पद खाली होने वाले हैं। राज्य निर्वाचन आयोग में पदस्थ चुनाव अयुक्त बसंत प्रताप सिंह का कार्यकाल दिसम्बर में समाप्त होगा। यहां मुख्य सचिव स्तर के किसी सेवानिवृत्त आईएएस की नियुक्ति हो सकती है। इस पद पर मुख्य सचिव वीरा राणा की संभावना है। हालांकि उनको एक और एक्सटेंशन मिलने की संभावना है। मप्र निर्माण कार्य की गुणवत्ता परिषद में डीजी का पद 6 माह से खाली है। यहां सेवानिवृत्त के बाद पूर्व एसीएस अशोक शाह की नियुक्ति की गई थी। शाह और सीएस इकबाल सिंह बैंस के बीच ट्यूनिंग अच्छी होने से शाह को वाणिज्यिक कर अपीलीय बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया था। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में अध्यक्ष का पद पिछले चार साल से खाली पड़ा है। कमलनाथ सरकार ने आईएफएस एमएस धाकड़ को अध्यक्ष बनाया था।
कांग्रेस सरकार गिरने के बाद 2020 में शिवराज सरकार ने उन्हें हटा दिया था। इसके लिए भी कुछ आईएएस अधिकारी लाबिंग करने में लगे हैं। वहीं एक साल बाद रेरा, विद्युत नियामक आयोग सहित कई संस्थाओं में अध्यक्ष के पद खाली होंगे। सेवानिवृत्त के बाद एससीएस एपी श्रीवास्तव की नियुक्ति रेरा में अध्यक्ष पद पर की गई थी। एपी श्रीवास्तव का कार्यकाल अगले वर्ष समाप्त हो जाएगा। इनकी नियुक्ति मई 2021 में की गई थी। वहीं विद्युत नियम आयोग के अध्यक्ष का पद भी एक वर्ष के अंदर समाप्त हो रहा है। अध्यक्ष के पद पर एसपीएस परिहार की नियुक्ति कमलनाथ सरकार गिरने के बाद शिवराज सरकार ने की थी।
अभी से ढूंढ रहे ठिकाने
मप्र कॉडर के आधा दर्जन आईएएस अधिकारी इस वर्ष सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ये अधिकारी वर्तमान में केंद्र और राज्य सरकार के विभागों में पदस्थ हैं। संजय बंदोपाध्याय अगस्त में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वर्तमान में ये कर्मचारी चयन आयोग में चेयरमैन हैं। वहीं केंद्र में भूतल परिवहन मंत्रालय में सचिव अनुराग जैन अगस्त में रिटायर्ड होंगे। केंद्र में प्रतिनियुक्त पदस्थ आशीष उपाध्याय सितम्बर में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के एसीएस मलय श्रीवास्तव नवम्बर और एमपी भवन दिल्ली में कमिश्नर पंकज राग अक्टूबर में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। सेवानिवृत्त होने के बाद आधा दर्जन से अधिक आईएएस अधिकारी अपने पुर्नवास के लिए अभी से ठिकाने ढूंढने में लगे हैं। इनमें अनुराग जैन, मलय श्रीवास्तव, पंकज राग, विनोद कुमार, कविंद्र कियावत सहित कई आईएएस अधिकारी शामिल हैं। इनमें कुछ आईएएस अधिकारी दिल्ली के नेताओं के माध्यम से अपनी लॉबिंग करने में लगे हैं। तो कुछ संघ के बड़े पदाधिकारियों के माध्यम से अपनी पैठ बनाने में जुट गए हैं। ये सभी अधिकारी एक साल के अंदर सेवानिवृत्त हो रहे हैं ।

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