‘भावी सरकार’ पर डोरे डाल रहे ब्यूरोक्रेट्स

भावी सरकार
  • माननीयों से गुपचुप संपर्क कर साध रहे समीकरण

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मतदाताओं के मौन और उस पर बंपर वोटिंग ने भाजपा और कांग्रेस के रणनीतिकारों को पसोपेस में डाल दिया है। वहीं हर बार चुनाव परिणाम का पहले ही आंकलन कर लेने वाले ब्यूरोक्रेट्स भी कुछ समझ नहीं पा रहे हैं। ऐसे में प्रदेश के कई नौकरशाह ‘भावी सरकार’ का आंकलन कर नेताओं को साधने में जुट गए हैं। इसके लिए कई तरह की रिपोर्ट तैयार कर माननीयों को सौंप रहे हैं, ताकि सरकार बनने पर वे उनकी गुडबुक में शामिल रहें।
सूत्रों का कहना है कि कुछ अफसर तो दोनों पार्टियों के नेताओं पर डोरे डाल रहे हैं। गौरतलब है कि मप्र में पिछले 20 साल से भाजपा विधानसभा चुनाव (2018 को छोडक़र ) जीत रही है। इस जीत से हर बार सीएम शिवराज सिंह चौहान ही बन रहे हैं। जितने मजबूत प्रदेश में सीएम हुए हैं, उससे कहीं ज्यादा अधिकारी लॉबी मजबूत हुई है। इन दौरान मुख्यमंत्री के पसंदीदा अधिकारी हमेशा पॉवर गैलरी में रहे। कई अफसर तो ऐसे हैं,जिनकी आधी से ज्यादा नौकरी मुख्यमंत्री के आस-पास ही कट गई। वहीं कई अफसर ऐसे हैं , जिनका अधिकांश समय लूप लाइन में ही गुजर रहा है। ऐसे में 2018 के चुनाव परिणाम को देखते हुए कई अफसरों ने ‘भावी सरकार’ का आंकलन कर नेताओं को साधने में जुट गए हैं।
महत्वपूर्ण जिम्मेदारी की उम्मीद
सूत्रों का कहना है कि कुछ अधिकारियों ने मतदान का फीडबैक सामने आते ही वरिष्ठ नेताओं को बधाई देते हुए उनकी सरकार बनने का आश्वासन भी दिया है, तो कुछ ने नेताओं को टिप्स भी दिए हैं। बताया गया है कि एक अधिकारी ने डाकमत पत्रों पर पूरा फोकस रखने की सलाह देते हुए कहा कि कर्मचारियों का वोट काफी महत्वपूर्ण होगा, इसमें हेरफेर होने की ज्यादा संभावनाएं है। प्रदेश में मतदान होते ही कई नौकरशाह नेताओं से संपर्क बनाने लगे है। इनमें से कुछ मैदानी जिम्मेदारी निभा रहे है, तो कुछ काफी समय से लूप लाइन में पड़े हुए है और वे नई सरकार के कार्यकाल में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी की उम्मीद लिए है। कहा जाता है कि अधिकारी हवा का रुख परखने में माहिर होते है। मतदान होते ही मप्र के अधिकारी भी संभावित, परिणाम की आहट  पाते ही राजनैतिक दलों से जुड़े नेताओं से नजदीकियां बनाने में लग गए है। कहा जा रहा है कि इनमें से कुछ अधिकारियों ने बड़े विभागों में की कमजोर कडिय़ों से जुड़े दस्तावेज भी जुटा लिए हैं, जिसके सहारे में वे नई सरकार के मुखिया या विभागीय मंत्री से संपर्क साधेंगे और फिर अपनी मनचाही जगह पर पोस्टिंग कराएंगे। जानकारों की माने तो बीते दिन मतदान के बाद पहली बार भाजपा की बैठक में कुछ अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर नेताओं के बीच चर्चा हुई है। विशेषकर छतरपुर में जिस तरह से राजनगर मामले में पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया गया है, उससे भाजपा नेता खुश नहीं है, कुछ ऐसी ही स्थिति भिंड के अधिकारियों को लेकर बताई जा रही है। बैठक में साफ तौर पर कहा गया कि इन अधिकारियों ने जो किया, उसे उचित नहीं माना जा सकता। कांग्रेस ने भी कुछ अधिकारियों की सूची तैयार कराई है। कहा जा रहा है कि इन अधिकारियों पर सत्ता के इशारे पर काम करने का आरोप लग रहा है। ग्वालियर में कलेक्टर की वहां के कांग्रेस विधायक से हुई बहस को भी पार्टी ने गंभीरता से ले रही है।
पार्टियों के निशाने पर मैदानी अफसर
उधर, मतदान के बाद से दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस के निशाने पर नौकरशाह आ गए हैं। दोनों ही ओर से अधिकारियों को हिदायत दी जा रही है। सत्ता में आने पर सबक सिखाने तक की बात कही जा रही है। कांग्रेस के उम्मीदवार विक्रम सिंह नाती राजा ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कर भाजपा उम्मीदवार अरविंद पटेरिया सहित अन्य लोगों पर हत्या और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया। गिरफ्तारी न होने पर कांग्रेस आक्रामक हुई और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राजनगर पहुंच गए। उन्होंने थाने के सामने धरना दिया। इतना ही नहीं वह खटोली पर रात भर वहीं सोए भी। इस मामले में भाजपा ने भी कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के नेतृत्व में भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग और पुलिस महानिदेशक से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। साथ ही चुनावी लाभ पाने के लिए अपने ही कार्यकर्ता की हत्या करने का आरोप कांग्रेसियों पर लगाया। भाजपा ने छतरपुर के एसपी अमित सांघी और राजनगर के थानेदार पर बगैर जांच के मामला दर्ज करने का आरोप लगाया। दोनों अधिकारियों के निलंबन तक की मांग कर डाली। इसी तरह सागर जिले के रहली में भी कांग्रेस उम्मीदवार ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले करने का आरोप लगाया।
अधिकारियों को साध रहे दिग्गी राजा
एक तरफ कांग्रेस के कई नेता अफसरों पर हमलावर हैं, वहीं दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अफसरों को साधने में जुटे हुए हैं। विगत दिनों दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया वेबसाइट पर एक के बाद एक तीन ट्वीट किये। दिग्गी के मुताबिक मप्र में ऐसे कई आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने सरकार को फायदा पहुंचाने के लिए अपने उच्च अधिकारियों की गैरकानूनी निर्देश नहीं माने तो बड़े अधिकारियों ने उनकी गोपनीय चरित्रावली (सीआर) खराब कर दी। ऐसे अधिकारियों के प्रति सहानुभूति जताते हुए दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि अगर मप्र में कांग्रेस की सरकार बनी तो आपकी सीआर सुधारी जाएगी। दिग्विजय सिंह ने अधिकारियों से कहा है कि अधिकारी बिना किसी डर के काम करें। मप्र की बेहतरी के लिए खुद को समर्पित करें।

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