जुलाई में प्रस्तावित बजट की तैयारी में जुटा वित्त विभाग
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। लेखानुदान ने काम चला रही प्रदेश सरकार जुलाई में होने वाले मानसून सत्र में वित्तीय वर्ष ने 2024-25 का बजट पेश करेगी। वित्त विभाग बजट की तैयारियों में जुट गया है। सरकार का 2024-25 का पूर्ण बजट का अनुमान 3.48 लाख करोड़ है। इसमें लेखानुदान के 1.45 लाख करोड़ रुपये भी शामिल होगा। अगले वित्तीय वर्ष के लिए राजस्व प्राप्तियां 2.52 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है। इसमें राज्य कराधान से आय 96 हजार करोड़ रुपये है।
वित्त विभाग ने 2024-25 के बजट अनुमान और तैयारी को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसमें विभाग ने वेतन-भत्ते, ऋण भुगतान और 15वें वित्त आयोग के लिए बजट अनुदान को प्राथमिकता में रखने को कहा है। प्रदेश सरकार ने लोकसभा चुनाव के चलते फरवरी में पूर्ण बजट पेश नहीं किया था। सरकार लेखानुदान लेकर आई थी। इसमें तीन महीने का सरकार का योजनाओं और वेतन भत्तों के खर्च का बजट जारी किया गया था। इसमें किसी तरह के नए कर संबंधी नए प्रस्ताव और व्यय के नए मदद शामिल नहीं किए गए थे। जानकारों का कहना है कि सरकार अब लोकसभा चुनाव के बाद जुलाई में अपना पूर्ण बजट लेकर आ सकती है। अब राज्य में चार से पांच साल बाद चुनाव है। ऐसे में सरकार कठोर निर्णय भी ले सकती है। यह समय सरकार के लिए सख्त निर्णय लेने के लिए आदर्श होता है। सरकार जुलाई माह के दूसरे सप्ताह में बजट पेश कर सकती है।
विभागों से मांगा प्रस्ताव
वित्त विभाग ने विभागों से कहा है कि नई योजनाओं के प्रस्ताव प्रशासकीय स्वीकृति के बाद ही भेजें। इसमें उद्देश्य और लाभ की जानकारी का विवरण भी भेजने को कहा गया है। वहीं, जिन योजनाओं को बंद किया जा रहा है, उसकी जानकारी भी देने को कहा गया है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की उपयोजना के लिए पर्याप्त राशि रखने को कहा गया है। वित्त विभाग ने सभी विभागों से कहा है कि आवश्यक व्यय के प्रावधान प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित किए जाएं। केंद्र सरकार के अनुसार महंगाई भत्ता और राहत के लिए बजट स्थापना व्यय में रखें। इसकी गणना ठीक से कराएं, ताकि कोई परेशानी न आए। केंद्र सरकार की सभी परियोजनाओं के लिए राज्यांश पर्याप्त मात्रा में रहे। कोई ऐसी योजना, जो केंद्र सरकार द्वारा भी संचालित की जा रही है, तो उसके संविलियन का प्रस्ताव दें। जिन योजनाओं के लक्ष्य पूर्ण हो चुके है, उन्हें बंद करने की प्रक्रिया करें। सभी विभागों को मई अंत तक प्रस्ताव भेजने को कहा गया है।
साल-दर-साल बढ़ रहा बजट
मप्र सरकार के बजट में साल-दर-साल बढ़ोतरी हो रही है। पिछले तीन वर्षों में बजट में एक लाख करोड़ से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। मप्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 22021-22 में 2 लाख 31 हजार 375 करोड़ का बजट पेश किया गया था। वित्तीय वर्ष 2024-25 में बजट अनुमान 3 लाख 48 हजार 986 करोड़ रुपए का होगा। उल्लेखनीय है कि बजट तैयार करने की मानक प्रक्रिया यह है कि वित्त विभाग पहले सभी विभागों को अपनी मागें भेजने के लिए लिखता है। दूसरे चरण में अधिकारियों की उप सचिव स्तर की बैठक होती है। विभिन्न विभागों के उप सचिव चर्चा कर सरकार की प्राथमिकताओं के आधार पर अपनी मांगों को सूचीबद्ध करते हैं। फिर वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ विभिन्न विभागों के प्रमुखों की बैठक होती है। इसमें बजट प्रस्ताव तैयार कर इसे वित्त मंत्री स्तर पर भेजा जाता है। इसके बाद सरकार बजट को अंतिम रूप देती है।
फरवरी में लाया गया था लेखानुदान
राज्य सरकार फरवरी में पूर्ण बजट लेकर नहीं आई। सरकार लेखानुदान लेकर आई। जानकारों ने बताया कि इसका कारण केंद्र की तरफ से योजनाओं और प्रोग्राम के लिए राज्य को मिलने वाले राज्यांश में देरी कारण रहा। केंद्र सरकार ने भी लोकसभा चुनाव के चलते लेखानुदान लेकर आई। अब वह भी जुलाई में पूर्ण बजट पेश कर सकती है। लेखानुदान में सरकार पूर्ण बजट पेश होने तक राज्य सरकार के खर्चों और योजनाओं के संचालन के लिए राशि को स्वीकृति देती है। गौरतलब है कि मप्र सरकार हर साल फरवरी-मार्च में विधानसभा में बजट पेश करती है। आम चुनाव के कारण इस साल सरकार ने पूर्ण बजट पेश नहीं किया और केंद्र सरकार की तर्ज पर विधानसभा में लेखानुदान (वोट ऑन अकाउंट) लाया गया था। चूंकि लेखानुदान केवल अप्रैल से 31 जुलाई तक चार महीनों के लिए था, इसलिए सरकार को 31 जुलाई से पहले पूर्ण बजट पेश करना है। लेखानुदान के जरिए मिलने वाला पैसा मुख्य बजट का हिस्सा होगा। वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा पूर्ण बजट की बजाय लेखानुदान लाने का कारण यह था कि राज्य को केंद्र सरकार से हस्तांतरण और विभित्र योजनाओं में सहायता और अनुदान के रूप में मिलने वाली धनराशि को मंजूरी नहीं दी गई थी।