बसपा: उधार के प्रत्याशियों से वजूद बनाने की कवायद

बसपा

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में तीसरा सबसे बड़ा राजनैतिक दल बहुजन समाज पार्टी ही है। इस दल की खासियत यह है कि वह हर चुनाव में फिर वह विस का हो या लोकसभा का, सभी में उधार के प्रत्याशियों पर ही दांव लगाकर अपना वजूद कायम करने के प्रयासों में रहती है।  यही वजह है कि पार्टी प्रदेश में अब तक कोई बढ़ा जनाधार व नेता तक खड़ी नहीं कर पायी है। तीसरे चरण में जिन सीटों पर चुनाव होने हैं उनमें ग्वालियर-चंबल अंचल की सीटें शामिल हैं। इस अंचल में बसपा के अपने परंपरागत मतदाता हैं। मुरैना में भले ही पार्टी को अब तक जीत नहीं मिली है , लेकिन उसे इतने वोट जरूर मिल जाते हैं कि वह हार जीत में निर्णायक हो जाते हैं। इस बार भी इस अंचल में दलबदलुओं के सहारे दम लगा रही है। मुरैना में पूर्व कांग्रेसी नेता रमेशचंद्र गर्ग को  बसपा ने प्रत्याशी बनाया है। वे हाल ही में बसपा में शामिल हुए हैं। 2014 में मुरैना से बसपा प्रत्याशी वृंदावन सिंह सिकरवार ने दो लाख 42 हजार वोट लेकर कांग्रेस को तीसरे नंबर पर पहुंचा दिया था। वहीं, 2019 में करतार सिंह भड़ाना को एक लाख 29 हजार मत मिले थे। इसी तरह भिंड में बसपा ने कांग्रेस से 2019 में उम्मीदवार रहे देवाशीष जरारिया को प्रत्याशी बनाया है। जरारिया हाल ही में बसपा में आए थे। यहां पिछले चुनाव में बसपा को 66 हजार 613 मत मिले थे। ग्वालियर में भी पार्टी ने हाल ही में कांग्रेस से आए कल्याण सिंह कंसाना पर दांव लगाया है। वह कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और ग्वालियर देहात के अध्यक्ष रहे हैं। तीनों सीटों पर कांग्रेस के बागी बसपा से उम्मीदवार हैं।
विस में बसपा को मुरैना लोस में मिले थे 20त्न मत
मुरैना लोकसभा सीट के तहत आने वाली आठ विधानसभा सीट में भी पार्टी कहीं दूसरे तो कहीं तीसरे स्थान पर रही। उसके प्रत्याशियों को अधिकतम 56 हजार तक मत मिले थे। सभी सीटों के मत जोड़ें तो बसपा को तीन लाख दो हजार 113 मत मिले थे, जो कुल डाले गए मतों को 20.87 प्रतिशत है। इसके बाद विधानसभा चुनाव परिणाम के आधार पर बसपा की अच्छी स्थित रीवा में रही। यहां हर विधानसभा सीट में पार्टी को आठ हजार से लेकर 44 हजार तक मत मिले थे। सभी विधानसभा सीटों की बात करें तो दो लाख दो हजार 50 मत मिले थे, जो कुल डाले गए मतों का 16.34 प्रतिशत है।

Related Articles