भाजपा में कुछ और सांसदों को चुनाव लड़ाने पर मंथन

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  • नफा नुकसान का आंकलन कर रिपोर्ट भेजी हाई कमान को…

भोपाल/चिन्मय दीक्षित/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए भले ही प्रत्याशी चयन का अधिकांश काम दिल्ली में किया जा रहा है , लेकिन इसके बाद भी राज्य के दिग्गज नेता बीते रोज कुछ और सांसदों को चुनाव लड़ाने पर घंटों मंथन करते रहे। दरअसल तमाम प्रयासों के बाद भी प्रदेश संगठन को कुछ सीटों को लेकर चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रदेश प्रभारी भूपेन्द्र यादव , प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बीच करीब चार घंटो तक विचार विमर्श किया गया। इस दौरान प्रदेश के सियासी हालात और पार्टी की चुनावी रणनीति पर बात की गई है। बताया गया है कि बैठक में सर्वाधिक उन सीटों पर बात की गई है, जहां पर पार्टी की स्थिति खराब बताई जा रही है। इस दौरान इस पर चर्चा की गई कि अगर कुछ और सांसदों को कठिन मानी जाने वाली विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी बनाया जाए, तो उसका कितना लाभ दूसरे विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी को मिल सकता है। सूत्रों की मानें तो बैठक में दो और सांसदों को चुनावी मैदान में प्रत्याशी बनाए जाने पर बेहद गंभीरता से विचार विमर्श किया गया।
पार्टी सूत्रों की माने तो यह वे सांसद हैं, जो आदिवासी वर्ग से आते हैं। भाजपा संगठन को बीते चुनाव की ही तरह इस बार भी चुनाव में इसी वर्ग से ही खतरा बताया जा रहा है। यही वजह है कि भाजपा इस वर्ग के दो सांसदों को चुनाव में उतारकर इस वर्ग को साधना चाहती है। कहा जा रहा है कि दिल्ली के आदेश पर ही प्रदेश में चुनावी कमान संभाल रहे नेताओं ने सांसदों को चुनाव लड़ाने को लेकर मंथन किया। बैठक में निकाले गए निष्कर्षों की रिपोर्ट तैयार कर पार्टी हाईकमान को भेज दी गई है। अब इस मामले में अंतिम फैसला केन्द्र को ही करना है।
असंतोष थामने पर भी हुआ मंथन
पार्टी सूत्रों का कहना है कि बैठक में प्रदेश के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से उम्मीदवारों को लेकर हो रहे विरोध व प्रत्याशी बनाए जाने की मांग को लेकर भी विचार विमर्श किया गया। उल्लेखनीय है कि भोपाल की ही गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी बदले जाने को लेकर जिस तरह से पोस्टर बाजी हो रही है , उसने भी पार्टी की ङ्क्षचता बढ़ा रखी है। लगभग इसी तरह की स्थिति प्रदेश में करीब दो दर्जन सीटों पर बनी हुई है।
संभाग स्तर पर मोदी और शाह की रैली की योजना  
पार्टी सूत्रों के अनुसार इस दौरान चुनाव प्रचार को लेकर भी मंथन किया गया है। पार्टी की योजना चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की लगभग हर संभाग में कम से कम एक सभा या रैली कराने की है। योजना के तहत मोदी की हर संभाग में एक रैली या जन सभा , तो वहीं अमित शाह की भी उन संभाग और जिला मुख्यालयों में जनसभा कराने की योजना बनाई जा रही है, जहां पर भाजपा को अधिक खतरा बना हुआ है। इसी तरह से उन जिलों में जहां पर बागाबत की स्थिति बेकाबू है, वहां जनसभा के बाद शाह नेताओं और प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर अंसतोष को थामने का भी काम करेंगे। जिससे की पार्टी की अंदरुनी कलह से होने वाले नुकसान को डैमेज कंट्रोल किया जा सके। इसी तरह से इस दौरान चुनाव प्रचार के लिए बुलाए जाने वाले नेताओं के नामों पर भी चर्चा कर उनकी सूची भी तैयार की गई है।

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