सुरक्षित रखने के लिए नोटों पर… डाला जाता था बोरिक पाउडर

  • ढाई-ढाई लाख नोटों की बना रखी थीं गड्डियां
  • विनोद उपाध्याय
बोरिक पाउडर

परिवहन विभाग का पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा नोटों को दीमक से बचाने के लिए उन पर केमिकल छिडक़ता था। उसके यहां छापे के दौरान जो 1 करोड़ 72 लाख रुपए बरामद किए हैं, उन पर बोरिक पाउडर लगा हुआ पाया गया है। नोटों को सुरक्षित रखने में आने वाली परेयाानी को देखते हुए ही वह बड़ी राशि मिलने के बाद उसका निवेश वह सोना और चांदी में कर देता था। उसके दफ्तर से मिली 235 किलो चांदी की सिल्लियां भी इसका सबूत दे ही हैं। इसके अलावा कार से मिला सोना और नगदी भी इस सबूत पर मुहर लगाते हुए दिख रहे हैं। इसके अलावा जिस तरह से उसके अरेरा कालानी वाले ठिकाने से परिवहन विभाग की सील और रसीद-कट्टे मिले हैं उससे यह तो तय हो गया है कि परिवहन विभाग के चेकपोस्टों से होने वाली काली कमाई का पूरी तरह से सौरभ शर्मा जुड़ा हुआ था। इस मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इस मामले में जांच शुरू की है। ईडी अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि की है वे लोकायुक्त छापे में बरामद दस्तावेजों का अध्ययन कर रहे हैं। वहीं, मंगलवार को मामले की पड़ताल के लिए भोपाल से लोकायुक्त की एक टीम ग्वालियर गई है। टीम के सदस्य हुरावली स्थित परिवहन मुख्यालय पहुंचे, वहां पर उनके द्वारा अधिकारियों से उससे जुड़ी जानकारी मांगी। लोकायुक्त की टीम को सौरभ के दोस्त चेतन सिंह गौर के ठिकाने से जो 1.72 करोड़ रुपए मिले, वो 2.50 लाख रुपए के पैकेट या गड्डी में रखे हुए थे। इनमें दीमक से बचाने के लिए केमिकल वाला बोरिक पाउडर भी डाला गया था। इसके कुछ पैकेट में 2022 की मुहर लगी है, इससे ये आशंका है कि यहां दो साल से पैसे रखे हुए थे। उधर, आयकर विभाग को दिए बयान में चेतन गौर ने खुद को सौरभ का साधारण वर्कर बताया है।  जांच एजेंसियों केे सामने चेतन स्वीकार कर चुका है कि सौरभ जहां कहता था, मैं वहां साइन कर दिया करता था। मेरे दस्तावेज वह अलग-अलग काम बताकर ले लेता था। चेतन ने यह भी बताया कि वे दोनों पुराने परिचित थे और उसे काम की जरूरत थी। इसी कारण उसने सौरभ से कभी कोई सवाल नहीं किया। जांच एजेंसियां इस बात की जांच में जुटी है कि सौरभ और उसकी पत्नी बीते दिनों किन-किन देशों की यात्रा पर गए हैं? इसकी वजह ये है कि छापों में विदेशी करेंसी भी मिली है। जांच एजेंसी को इस बात की भी आशंका है कि दुबई में भी सौरभ ने रियल एस्टेट में निवेश किया है। ग्वालियर, जबलपुर और भोपाल की प्रॉपर्टी के दस्तावेजों से संदेह है कि ये सारी प्रॉपर्टी भी सौरभ ने परिवहन विभाग की काली कमाई से बनाई है। ये प्रॉपर्टी सौरभ की मां उमा, पत्नी दिव्या और चेतन के नाम से है। चेतन के नाम से सौरभ ने अविरल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी भी बनाई है। 2021 में इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन हुआ है। इस कंपनी में चेतन, शरद जायसवाल और साले रोहित तिवारी को एडिशनल डायरेक्टर बताया गया है।
जयपुरिया स्कूल में कहीं गड़ी तो नहीं है काली कमाई…?
परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा का जयपुरिया स्कूल का भवन भी जांच एजेंसियों के निशाने पर है। दरअसल, एजेंसियों को अंदेशा है कि इस स्कूल में भी तो उनकी काली कमाई का काला धन गड़ा हो सकता है। इसकी वजह है कि जयपुरिया स्कूल के पास सौरभ शर्मा के कार्यालय से भारी मात्रा में चांदी की सिल्लियां बरामद हो चुकी हैं। इनकी कीमत दो करोड़ रुपए से ज्यादा की आंकी गई है। वहीं उसके पास आठ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति मिली है। इससे पहले इनकम टैक्स की टीम और पुलिस ने रातीबड़ इलाके से एक लावारिस कार से 52 करोड़ का सोना और 10 करोड़ से ज्यादा की नगदी बरामद की थी। जयपुरिया स्कूल का भवन उनकी मां मंजूसा शर्मा के नाम पर है। इस बीच पता चला है कि इस निर्माणाधीन भवन पर आए दिन रात को कई कारों से लोग आते रहते थे। इसके अलावा जांच एजेंसियां राजेश शर्मा के करीबी बिल्डरों पर भी नजर रख रही हैं। माना जा रहा है कि उनके कॉल डिटेल निकाली जा रही है। कॉल डिटेल से भी बेहद महत्वपूर्ण जानकारियां जांच एजेंसी के हाथ लग सकती हैं।
डायरी में मिले अधिकांश नंबर आ रहे हैं बंद
सूत्रों के मुताबिक, काली कमाई को आला अफसरों ने सोने की शक्ल में सौरभ के पास सुरक्षित रखा था। कार से जब्त डायरी में मिले परिवहन विभाग के अफसरों, आरटीओ के नंबरों की जांच करने पर पता चला कि इनमें से अधिकतर ने फोन बंद कर रखे हैं। इन सभी का डिटेल कॉल रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। बता दें, कार से 54 किलो सोना, 10 करोड़ नकदी के अलावा एक डायरी मिली थी।
कर्मचारियों को थमाए जाएंगे नोटिस
आयकर विभाग की ओर से बिल्डर्स, प्रमोटर्स और कंपनियों के मालिकों और इनके परिजन के साथ अब इनके यहां काम करने वालों को भी नोटिस जारी कर तलब किया जाएगा। सबसे पहले त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के राजेश शर्मा के ड्राइवर, अकाउंटेंट और अन्य कर्मचारियों को नोटिस देकर उनसे आय के बारे में जानकारी ली जाएगी। उधर छापे के दौरान चड्डी-बनियान में घर से भागने वाले राजेश शर्मा के डमी कर्मचारी विश्वनाथ साहू के बारे में आयकर विभाग को जानकारी मिली है कि भागते समय उसके एक पैर की हड्डी टूट गई थी, जिसकी वजह से वह अस्पताल में भर्ती है।

Related Articles