लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा का सर्वे शुरू

  • सर्वे में जिसका नाम उसी को मिलेगा टिकट
  • गौरव चौहान
भाजपा का सर्वे

विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद भाजपा अब लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है।  पार्टी ने तय किया है कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी का चयन सर्वे कराकर किया जाएगा। इसमें नाम आने पर ही टिकट के लिए संबंधित के नाम पर विचार होगा। भाजपा सूत्रों के अनुसार पार्टी जहां एक तरफ वर्तमान सांसद की कार्यप्रणाली को लेकर सर्वे करवा रही है, वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र में सक्रिय नेताओं का नाम भी पूछ रही है। जिसको जनता का अधिक समर्थन मिलेगा उसको ही लोकसभा का टिकट दिया जाएगा।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद भाजपा ने अब पूरा फोकस लोकसभा चुनाव पर कर लिया है। इस बार पार्टी प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों को जीतने की रणनीति पर काम कर रही है। ऐसे में पार्टी दमदार और लोकप्रिय नेता को टिकट देना चाहती है। इसके लिए नमो एप के माध्यम से सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे में लोगों से पूछा जा रहा है कि क्या आपके सांसद लोकप्रिय हैं, क्या मैदान में सक्रिय नजर आते हैं, क्या आप उनके कार्य-व्यवहार से संतुष्ट हैं। अगर नहीं हैं, तो उन तीन नेताओं के नाम बताइए, जो आपके संसदीय क्षेत्र में सक्रिय और लोकप्रिय है।
कई सांसदों को टिकट कटने का खतरा
सर्वे शुरू होने के साथ भाजपा के मौजूदा सांसदों की धडक़ने बढऩे लगी हैं। ऐसा इसलिए कि उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि लोकसभा चुनाव में उनके टिकट पर कैंची चल सकती है। सर्वे के लिए मोदी सरकार ने 12 सेक्टर तय किए हैं और इसी आधार पर जनता से सांसदों के कार्य क्षेत्र के बारे में रेटिंग ली जा रही है। सर्वे की खास बात यह है कि जनता से पार्टी के उन तीन नेताओं के नाम भी पूछे गए हैं, जो जनता के बीच लगातार सक्रिय हैं। उनके सुख-दुख में साथ देते हैं और केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का फायदा आम लोगों को दिलाने में मदद करते हैं। सर्वे के कारण मौजूदा सांसदों की नींद उड़ी हुई है। कई सांसदों ने अपने कार्यकर्ताओं, मित्रों और रिश्तेदारों के जरिए सर्वे का फार्म भरवाने का काम शुरू कर दिया है। मकसद यह है कि खुद की परफॉर्मेंस को बेहतर बताया जा सके। अगर सर्वे में बेहतर रिकार्ड सामने नहीं आएगा, तो टिकट पर तलवार लटकना तय है। पार्टी सूत्रों की मानें तो सर्वे के सवालों से यह बात साफ हो गई कि विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा में भी कई दिग्गजों का विकेट भी गिरने वाला है। कई दिग्गजों की जगह भी बदली जाएगी। सर्वे के आधार पर सांसदों का रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा, जो आगे चलकर टिकट बंटवारे का बड़ा आधार बनेगा। माना जा रहा है कि यह सर्वे प्रत्याशी चयन की कवायद है।
छिंदवाड़ा में कांग्रेस भारी, कई जगह कड़ा मुकाबला
विधानसभा चुनाव परिणामों के अनुसार छिंदवाड़ा में कांग्रेस मजबूत है, वहीं कई लोकसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला होने के आसार हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में कुल 29 लोकसभा सीटें हैं और 2019 के चुनाव में पार्टी के 28 सांसद जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं। छिंदवाड़ा एक मात्र सीट है, जहां पर कांग्रेस प्रत्याशी को सफलता मिली है। छिंदवाड़ा से नुकलनाथ सांसद हैं। वे पूर्व सीएम कमलनाथ के बेटे हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है। छिंदवाड़ा लोकसभा में कुल सात विधानसभा सीटें आती हैं और सभी पर कांग्रेस के विधायक जीते हैं। केंद्र की सत्ता का सेमीफाइनल माने जाने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भले भाजपा ने सुनामी के साथ जीत हासिल की हो, लेकिन लोकसभा के फाइनल मैच में कुछ ऐसी सीटें हैं, जो भाजपा के लिए चुनौती साबित हो सकती है। विधानसभा चुनाव परिणाम के लिहाज से देखा जाए, तो प्रदेश की ऐसी पांच लोकसभा सीटें हैं, जहां पर कांग्रेस का वोटिंग परसेंटेज (मत प्रतिशत) बढ़ा है। खास बात यह कि भाजपा के दो सांसद भी विधानसभा का चुनाव हार गए हैं। हारने वालो में सतना सांसद गणेश सिंह के साथ केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी शामिल है। यह बात दीगर है कि भाजपा इस बार प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर कमल खिलाने का दावा कर रही है। विधानसभा चुनाव के आंकड़ों के अनुसार मुरैना लोकसभा सीट पर भाजपा को खासी मशक्कत करनी होगी। मुरैना लोकसभा में श्योपुर, विजयपुर, जौरा, मुरैना और अंबाह में कांग्रेस की बढ़त मिली। सबलगढ़, सुमावली और दिमनी में भाजपा जीती है। मंडला लोकसभा में भी जीत की राह आसान नहीं है। मंडल लोकसभा में कुल आठ विस सीटें हैं। कांग्रेस को बिछिया, निवास, डिंडोरी, केवलारी और लखनादौन में जीत हासिल हुई है, जबकि गोटेगांव, शहपुरा और मंडला में भाजपा जीती है। खरगोन लोकसभा में आठ विधानसभा सीटों में से पांच पर पंजा और तीन पर कमल खिला है। छिंदवाड़ा लोकसभा में कुल सात विस सीटें है। सातों सीटों पर कांग्रेस को जीत हासिल हुई है। धार लोकसभा सीट पर आठ में से पांच पर कांग्रेस और तीन पर भाजपा जीती है। भिंड और ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र में विस की आठ- आठ सीटें हैं। दोनों सीटों पर भाजपा और कांग्रेस को विस की चार-चार सीटों पर जीत मिली है। ऐसे में यहां कड़े मुकाबले के आसार हैं।
चुनावी मुद्दों की भी पड़ताल…
सर्वे का एक मुख्य सवाल यह भी है कि मतदान करते समय कौन से मुद्दे पर आप लोग फोकस करेंगे। पार्टी सूत्रों की मानें तो मुद्दों को लेकर जनता की ओर से दिए जाने वाले सुझावों को आधार बनाकर पार्टी अपना चुनावी कैंपेन (प्रचार) तय करेगी। लोकसभा चुनाव को लेकर आने वाले भाजपा के घोषणा पत्र में भी जनता के सुझावों की झलक देखने को मिलेगी। मोदी सरकार की ओर से जनता से यह भी पूछा जा रहा है कि पिछली सरकारों की तुलना में हमारी सरकार का काम कैसा है और हमारी सरकार से भविष्य को लेकर आप कितने आशावादी हैं। विश्व में भारत के बढ़ते कद पर आप क्या सोचते हैं। मोदी सरकार की किन-किन योजना का लाभ आपको मिला है। राज्यों की सरकारों का कितना लाभ प्राप्त हुआ है। अंतिम सवाल यह भी है कि आप भाजपा को वोट देने का इरादा रखते हैं या नहीं।

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