- शिव गणों की संख्या बढ़ेगी, कई मंत्रियों के विभाग बदलने की तैयारी
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में अगले विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर भाजपा का पूरा संगठन इन दिनों मिशन मोड में काम करता दिख रहा है। पार्टी की कोर कमेटी और प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के साथ ही आला नेताओं के बीच दो दिन तक चले मंथन के बाद यह साफ हो गया है की अब पार्टी ने उन 114 सीटों पर विशेष फोकस करने का फैसला किया है , जिन पर पार्टी प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा है , जबकि इसके साथ ही शिव गणों की संख्या में वृद्वि करने पर भी सहमति बन गई है। इसके पहले पार्टी ने रिक्त चल रहे निगम मंडलों में भी पार्टी कार्यकर्ताओं को समायोजित करने का तय किया है।
इस पूरी कवायद के लिए भाजपा में बीते दो दिन से बैठकों का दौर जारी था। राष्ट्रीय महामंत्री शिव प्रकाश ने रविवार को कोर ग्रुप की बैठक के बाद देर रात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लंबी चर्चा की और उसके बाद सोमवार सुबह प्रदेश कार्यालय में प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश अध्यक्ष बी डी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री बी डी शर्मा के साथ भी बैठक कर चिंतन मनन किया। विधानसभा चुनाव में अब महज तेरह महीनों का समय बचा है। ऐसे में पार्टी पूरी तरह चुनावी मोड में आ गई है। भाजपा ने इन हारी हुई 114 सीटों पर अभी से प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं। इनकी बैठक भी संगठन ने ली है। जिसमें प्रभारियों को जल्द ही अपने प्रभार के विधानसभा क्षेत्र में जाकर मैदानी रिपोर्ट तैयार कर उसे जल्द देने को कहा गया है। पिछले विधानसभा में भाजपा को 109 सीटों पर ही विजय मिली थी। कांग्रेस के खाते में 114 सीटें गई थीं, हालांकि उपचुनाव में सेनेरियों में बदल गया था और भाजपा ने 28 में से 19 सीटें जीत ली थीं। इसके बाद भी पार्टी ने बीते विधानसभा चुनाव को आधार बनाकर इन विधानसभा क्षेत्रों में हार के कारण, कमियों को तलाशने के लिए प्रभारी बनाए हैं। इन प्रभारियों की बैठक प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने ली , जिसमें प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद भी शामिल हुए। बैठक में प्रभारियों से कहा गया कि वे मंडल स्तर पर बैठकें आयोजित कर कार्यकर्ताओं से संवाद करें और हार के कारण तलाशें ताकि उन्हें दूर किया जा सके । प्रभारियों को बूथ वार जानकारी जुटाने को भी कहा गया है। विधानसभा प्रभारी कार्यकर्ताओं के अलावा समान विचारधारा वाले लोगों और बुद्धिजीवियों से भी चर्चा कर अपनी रिपोर्ट संगठन को देंगे। इसके अलावा बूथ विस्तारकों से भी संगठन नेताओं ने चर्चा की और उनसे बूथ स्तर पर किए गए कामों की जानकारी ली।
उधर, प्रदेश में अभी विधायकों की संख्या के मान से कैबिनेट में चार और मंत्री शामिल किए जा सकते हैं। ऐसे में खबरे है की सभी चारों रिक्त पदों को भरने की सहमति बन गई है। बताया जा रहा है की इस विस्तार के बहाने संगठन क्षेत्रीय संतुलन साधने का प्रयास करेगा। इसके तहत महाकौशल, विंध्य और मालावा व मध्यभारत से एक -एक विधायक को मौका दिया जाना तय माना जा रहा है। इसकी वजह है प्रदेश में ग्वालियर – चंबल अंचल से सर्वाधिक अभी मंत्री है , जबकि बुंदेलखंड अंचल से भी चार विधायक मंत्री हैं। दरअसल विंध्य और महाकौशल ऐसे इलाके हैें जहां से मंत्रिमंडल में बेहद कम प्रतिनिधित्व है , जबकि इनमें से विंध्य अंचल ऐसा इलाका है , जहां से बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का लगभग पूरी तरह से सूपड़ा साफ हो गया था। माना जा रहा है की महाकौशल से अनुसूचित जनजाति के विधायक नंदनी मरावी को मौका मिल सकता है तो विंध्य से राजेंद्र शुक्ला को शपथ दिलाई जाने की पूरी संभावना है। यह बात अलग है कि इस क्षेत्र से केदारनाथ शुक्ला भी लंबे समय से मंत्री पद का इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा एक विधायक को मालवा से मौका दिया जाना भी तय माना जा रहा है। यहां से रमेश मेंदोला और कांग्रेस से भाजपा में आकर उप चुनाव मे जोवट से विधायक बनी श्रीमती सुलोचना रावत के नाम की चर्चा है। सुलोचना उपचुनाव में इसी शर्त पर भाजपा में शामिल हुई थीं की उनके विधायक निर्वाचित होने पर उन्हें मंत्री पद दिया जाएगा। वहीं लोधी समाज की नाराजगी को देखते हुए नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटेल को भी मंत्रिमंडल में मौका दिया जा सकता है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो मुख्यमंत्री के बेहद करीबी विधायक पूर्व मंत्री रामपाल सिंह को भी इस चुनावी साल में मौका मिल सकता है।
बदले जाएंगे कई मंत्रियों के विभाग
सूत्रों की माने तो मंत्रिमंडल विस्तार के साथ करीब आधा दर्जन मंत्रियों के विभाग भी बदलने की खबर है। इनमें कई मंत्रियों के पास भारी भरकम एक से अधिक विभाग हैं, जिनके साथ वे पूरी तरह से न्याय नहीं कर पा रहे हैं। यही नहीं अभी मुख्यमंत्री के पास उप चुनाव हारी इमरती देवी और ऐदल सिंह कंसाना के विभाग है। माना जा रहा है की नए मंत्री बनाए जाने के बाद इन विभागों का सीएम बंटवारा कर सकते हैं। इसके अलावा मंत्रियों की परफार्मेंस रिपोर्ट के आधार पर विभागों में बदलाव किया जाना है।
राव हुए विवादित बयानों पर सख्त
प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने विवादित बयानों पर सख्ती दिखाते हुए नेताओं को अपनी वाणी पर संयम रखने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयानों से नेताओं को बचना चाहिए जिससे सत्ता और संगठन के सामने असहज स्थिति निर्मित न हो। सूत्रों की माने तो इस तरह के बयान देने वाले नेताओं को संगठन द्वारा तलब कर उन्हें समझाइश दी जाएगी तथा कुछ नेताओं पर अनुशासन की कार्रवाई भी की जाएगी।
बदले जाएंगे जिलाध्यक्ष
बैठक में जिलाध्यक्षों के परफार्मेन्स रिपोर्ट पर भी चर्चा करने के बाद कुछ को हटाने पर भी सहमति बनी है। इसकी वजह से माना जा रहा है की पार्टी जल्द ही डेढ़ दर्जन जिलों के अध्यक्ष बदल सकती है। कई जिलाध्यक्षों की विधायक और सांसदों से पटरी नहीं बैठ रही है तो करीब एक दर्जन जिला अध्यक्ष ऐसे हैं जो नगरीय निकाय चुनाव में संगठन में तालमेल बनाने में पूरी तरह से असफल साबित हुए हैं। तीन जिलाध्यक्षों के खिलाफ पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के काम न करने की भी शिकायत संगठन को मिली है। इसके अलावा संगठन नेताओं ने प्रदेश महामंत्री हरिशंकर खटीक, भगवानदास सबनानी समेत अन्य महामंत्रियों से भी एकांत में चर्चा की।