भाजपा की दूसरी सूची….. इम्पैक्ट जगह-जगह बगावत

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गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में भाजपा ने 230 विधानसभा सीटों में से तीन किस्तों (39+39+1)में 79 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। लेकिन पहली सूची की तरह ही दूसरी सूची जारी होने के बाद असंतोष, विरोध और बगावत तेज हो गई है। इस सूची के आने के बाद भाजपा में सतना, सीधी, श्योपुर और नागदा-खाचरौद में विरोध शुरू हो गया है। नागदा में टिकट को लेकर खुलकर विरोध शुरू हो गया है। कुलीनों का कुनबा कहे जाने वाली भाजपा में पहली बार इस तरह का माहौल देखा जा रहा है। इससे सभी के मन में एक ही सवाल उठ रहा है कि यह असंतोष, विरोध और बगावत मिशन 2023 की राह में भाजपा को भारी ने पड़ जाए।
भाजपा ने 79 टिकट घोषित कर दिए हैं। इनमें से 76 टिकट हारी सीटों के हैं। कुल 103 सीटें भाजपा की हारी हुई हैं। अब 27 सीटें और बाकी हैं। इन सीटों को लेकर भी भाजपा सरप्राइज चेहरे उतारने की रणनीति अपना सकती है। करीब 120 सीटों पर पूर्व की बैठकों में नाम लगभग तय हो चुके थे, लेकिन फाइनल नहीं होने से घोषित नहीं किए गए। अब आगे मंथन के बाद टिकट घोषित होंगे। गौरतलब है कि जब भाजपा की पहली सूची जारी हुई थी तो 39 में से 16 सीटों पर प्रत्याशियों का विरोध हुआ था, लेकिन पार्टी ने डैमेज कंट्रोल कर लिया। अब दूसरी सूची जारी होने पर 12 से ज्यादा सीटों पर असंतोष के सुर बुलंद हो रहे हैं। विरोध को देखते हुए डैमेज कंट्रोल की जद्दोजहद भी शुरू हो गई है। भाजपा अब आगे की रणनीति बना रही है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा व अन्य वरिष्ठ नेताओं ने अलग- अलग बैठकें कीं। भाजपा कार्यालय के अलावा वरिष्ठ नेताओं के निवास पर भी बैठकें हुईं, जिनमें  आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की गई। सभी सीटों से भी फीडबैक मंगवाया जा रहा है। इन सीटों पर समझाइश के लिए नेताओं को भी भेजा जा सकता है। भाजपा में दूसरे दल से आकर टिकट पाने वाले नेताओं को लेकर भी कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। अभी इन सीटों पर खुलकर विरोध नहीं उभरा है, लेकिन स्थानीय दावेदार बैठकों के जरिए आगे की रणनीति बनाने में जुट गए हैं।
नागदा खाचरोद में सबसे अधिक विरोध
दूसरी सूची जारी होने के बाद सबसे अधिक विरोध नागदा- खाचरोद में हो रहा है। पूर्व विधायक दिलीप सिंह शेखावत के समर्थन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एकत्रित हुए। उन्होंने शेखावत के समर्थन में नारेबाजी की। यहां से भाजपा ने तेज बाहदुर सिंह को प्रत्याशी बनाया है। इसके विरोध में कई पार्षद, जनपद सदस्य, जिला पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने अपना इस्तीफा संगठन को सौंप दिया। इसमें उन्होंने लिखा कि हम सभी अपना इस्तफा दे रहे हैं। जिस व्यक्ति ने सतत पार्टी को अपने खून पसीने से सींचा। ऐसे योग्य व्यक्ति को टिकट ना देने से हम बहुत आहत हैं। इस निर्णय के विरोध में हम भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा देते हैं। लगभग तीन हजार पदाधिकारियों ने इस्तीफे की पेशकश की। शेखावत तारखेड़ी धाम से शाम 4.30 बजे लौटे। इस पर समर्थकों ने उन्हें कंधे पर उठा लिया। शेखावत भावुक हो गए। आंसू, रुदन लिए उन्होंने कहा- जो लोग कह रहे हैं कि शेखावत को छोड़ किसी को भी टिकट दे दो, तो उनकी हकीकत पता कर ली जाए। इधर, खाचरौद के लोकेंद्र मेहता ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। जिला अध्यक्ष इसे पारिवारिक मामला बता रहे हैं।
छतरपुर में अरविंद पटेरिया का विरोध
वहीं, छतरपुर में राजनगर से अरविंद पटेरिया वीडी शर्मा के बहुत करीबी माने जाते हैं। अरविंद पटैरिया को टिकट मिलने का पूरा श्रेय वीडी शर्मा को जाता है। ऐसे में अगर अरविंद चुनाव हारते हैं तो, उसमें वीडी शर्मा की छवि खराब हो सकती है। यहां से दो प्रबल और भाजपा के वरिष्ठ दावेदार थे, जिनमें से एक वर्तमान जिला अध्यक्ष मलखान सिंह तो वहीं, दूसरे पूर्व जिला अध्यक्ष घासीराम पटेल टिकट की दौड़ में जोर शोर से लगे हुए थे। अब इन्हें टिकट न मिलने से यह अंदर खाने विरोध में जा सकता है। जिसका खामियाजा पार्टी प्रत्याशी को भुगतना पड़ सकता है। वहीं, अरविंद पटेरिया का विरोध भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने शुरू कर दिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रकाश पांडे का कहना है कि बाहरी प्रत्याशी नहीं स्थानीय प्रत्याशी चाहिए।
कहीं निर्दलीय चुनाव लडऩे की घोषणा, तो कहीं  इस्तीफा
प्रत्याशियों के विरोध का आलम यह है की कहीं प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लडऩे की घोषणा की गई है तो, कहीं इस्तीफा तक दे दिया गया है। भाजपा ने सतना से अपना उम्मीदवार सांसद गणेश सिंह को बनाया है। यहां से टिकट के दावेदार रत्नाकर सिंह ने गणेश सिंह को उम्मीदवार बनाने का विरोध किया। उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा कि कोरोना काल में कोई मैदान में नहीं आया। मेरी मेहनत का पार्टी ने मुझे यह फल दिया। उसका तहे दिल से शुक्रिया। उन्होंने कहा कि यदि जनता की इच्छा होगी तो मैं निर्दलीय चुनाव लडूंगा।  सीधी में भाजपा ने वर्तमान विधायक केदारनाथ शुक्ला का टिकट काट दिया है। यहां पार्टी ने सांसद रीति पाठक का उम्मीदवार बनाया है। सीधी से डॉक्टर राजेश मिश्रा टिकट के लिए दोवदारी कर रहे थे। रीति पाठक को टिकट मिलने के बाद उन्होंने भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा विधायक केदारनाथ शुक्ला ने सोशल मीडिया के जरिए टिकट कटने की नाराजगी जताई। हालांकि मीडिया को कोई बयान नहीं दिया। यह जरूर कहा कि अभी घरेलू कार्यक्रम में व्यस्त हैं। एक-दो दिन में कार्यकर्ताओं, समर्थकों से सलाह लेकर आगे की रणनीति तय करूंगा। मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने श्रीकांत चतुर्वेदी को टिकट का विरोध किया है। कहा कि सांसद विधायक का चुनाव लड़ेंगे और विधायक सरपंच का। पार्टी ने बूढ़े सांसदों को विधायकी का टिकट देकर युवा के रूप में अवतरित किया है। ऐसा कर भाजपा ने युवाओं को संदेश दिया है कि वह पार्टी में दरी बिछाने की योग्यता ही रखते हैं। नारायण ने सवाल उठाया कि भाजपा सीनियर सांसद, केंद्रीय केन्द्रीय मंत्रियों को विधानसभा चुनाव लड़ा सकती है तो फिर मुरली मनोहर जोशी व लालकृष्ण आडवाणी से किनारा क्यों किया, यह सोचने वाली बात है। भाजपा ने श्योपुर से पूर्व विधायक दुर्गालाल विजय को प्रत्याशी बनाया है। 71 साल के दुर्गालाल का विरोध शुरू हो गया है। दुर्गालाल विजय अब तक यहां से  विधानसभा चुनावों में भाजपा के टिकट पर 5 बार चुनाव लडे हैं, जिनमें साल 2003 और 2013 यानी 2 चुनाव वह जीते और तीन बार  चुनाव हार गए। उनको प्रत्याशी बनाने पर पूर्व जिला अध्यक्ष राधेश्याम रावत ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

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