भाजपा का ‘संकल्प’… कांग्रेस का चुनावी मुद्दा

  • लोकसभा चुनाव के लिए बनने लगी रणनीति
  • विनोद उपाध्याय
भाजपा-कांग्रेस

लोकसभा चुनाव में करीब दर्जनभर सीटों को जीतने के टारगेट के साथ कांग्रेस ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। कांग्रेस की कोशिश है कि भाजपा को हर मुद्दे पर घेरे। इसके लिए कांग्रेस के रणनीतिकार भाजपा के संकल्प पत्र की घोषणाओं पर नजर रखे हुए है। चुनावी मैदान में उतरने से पहले कांग्रेस संकल्प पत्र की अधूरी घोषणाओं की सूची बनाएगी। फिर जनता के बीच भाजपा पर वादाखिलाफी का आरोप लगाकर जनता के बीच उसे घेरेगी। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि कांग्रेस पार्टी के पास न कोई मुद्दा है, न स्पष्ट नीति है। मप्र में सभी 29 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस की हार सुनिश्चित है। सरकार संकल्प पत्र की घोषणाएं पूरी करने को लेकर कृत संकल्पित है।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में परास्त होने के बाद कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की तैयारी तो शुरू कर दी है, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा को घेरने के लिए उसके पास फिलहाल कोई मुद्दा ही नहीं है। ऐसे में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा जारी किए गए संकल्प पत्र की समीक्षा शुरू कर दी है। पार्टी के कुछ रणनीतिकार इस काम में जुट गए हैं कि सरकार बनने के बाद भाजपा संकल्प पत्र में किए गए कौन-कौन सी घोषणाओं को पूरा कर रही है। इसके बाद कांग्रेस अधूरी घोषणाओं को लेकर जनता के बीच जाएगी। दरअसल, 2018 में 15 साल का वनवास खत्म कर कांग्रेस जब सत्ता में लौटी थी और कांग्रेस सरकार ठीक से काम शुरू भी नहीं कर पाई थी कि भाजपा ने वचन पत्र के वादे पूरे करने को लेकर उसे घेरना शुरू कर दिया था। फिर चाहे किसान कर्ज माफी का मुद्दा हो या एक रुपए में एक यूनिट बिजली देने का या फिर बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने का। अधिकारियों के थोकबंद तबादलों को लेकर भी भाजपा शुरुआत से कांग्रेस पर हमलावर रही थी। लेकिन कांग्रेस लोकसभा की रणनीति के तहत अभी मौन है।
धान खरीदी-लाड़ली बहना बनेंगे हथियार
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी आक्रामकता दिखाएगी। इस कारण संकल्प पत्र की घोषणाएं पूरी करने को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के मामले में कांग्रेस जल्दबाजी नहीं दिखा रही है, जबकि इस समय सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस के पास किसानों से जुड़ा धान खरीदी का ज्वलंत मुद्दा है। भाजपा ने संकल्प पत्र में धान खरीदी 3100 रुपए प्रति क्विंटल करने की घोषणा की है, लेकिन सरकार धान खरीदी पर किसानों को 2183 रुपए प्रति क्विंटल का भुगतान कर रही है। इससे धान बेचने वाले किसानों को 917 रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान हो रहा है। कांग्रेस ने लाखों किसानों से जुड़े इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। वहीं लाड़ली बहना योजना भी कांग्रेस का प्रमुख हथियार बनेगी। तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने योजना में राशि क्रमश: एक हजार से बढ़ाकर 3 हजार रुपए करने की कई बार मंच से घोषणा की थी, लेकिन योजना में एक बार सिर्फ 250 रुपए की वृद्धि की गई। योजना में हर महीने प्रत्येक पात्र महिला को 1250 रुपए दिए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि मप्र में विधानसभा चुनाव में भाजपा की बंपर जीत में महिलाओं की सबसे बड़ी भूमिका रही है। योजना में शामिल बहनों को पक्का मकान देने का वादा भी किया गया है। इसके अलावा किसानों से जुड़े मुद्दे को भी कांग्रेस जनता के बीच लेकर जाएगी। इनके अलावा संकल्प पत्र की जो अन्य प्रमुख घोषणाएं कांग्रेस का चुनावी मुद्दा बनेगी उनमें सभी परिवार को मुफ्त राशन के साथ रियायती दर पर दाल, सरसों का तेल एवं चीनी उपलब्ध करवाएंगे। लाड़ली बहनों को मासिक आर्थिक सहायता के साथ पक्का मकान देंगे। उज्ज्वला एवं लाड़ली बहनों को 450 रुपए में गैस सिलेंडर मिलेगा। किसानों से 2700 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं एवं 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान की खरीदी करेंगे। प्रत्येक परिवार में कम से कम एक रोजगार अथवा स्वरोजगार के अवसर। गरीब परिवार की छात्राओं को केजी से पीजी तक और छात्रों को 12वीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा देंगे। जनजातीय समुदाय के सशक्तिकरण के लिए 3 लाख करोड़ रुपए, सरकारी स्कूल में मिड-डे मील के साथ अब पौष्टिक नाश्ता भी मिलेगा। हर संभाग में आईआईटी की तर्ज पर मप्र इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एवं एम्स की तर्ज पर मप्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस स्थापित होगा।
राम मंदिर मुद्दे की कोई काट नहीं
राजनीति के जानकारों का कहना है कि चुनाव तक राजनीति अयोध्या और राम मंदिर के इर्द-गिर्द घूमेगी। कांग्रेस के पास लोकसभा चुनाव में राम मंदिर मुद्दे की कोई काट नहीं है। कांग्रेस चाहती है कि भाजपा संकल्प पत्र की घोषणाओं पर अभी अमल नहीं करे, ताकि उसे चुनाव में भाजपा को घेरने का मौका मिल जाए। कांग्रेस भाजपा के संकल्प पत्र की अधूरी घोषणाओं में चुनाव में अपने लिए संभावनाएं तलाश रही है। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि भाजपा ने चुनाव पूर्व बड़ी-बड़ी घोषणाएं की थी, लेकिन सरकार बनने के बाद इधर-उधर की बातें कर इनसे जनता का ध्यान भटकाया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी संकल्प पत्र की घोषणाएं पूरी करने को लेकर सरकार पर लगातार दबाव बना रही है। निश्चित ही लोकसभा चुनाव में हम इन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे।

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