- सूफी संवाद महाअभियान …
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भाजपा 2024 को किसी भी हाल में जीतना चाहती है और उसके लिए सबको अपने पाले में लाने में जुटी हुई है। भाजपा लगातार अलग-अलग वर्गों के लोगों को अपने साथ जोड़ने की मुहिम में लगी हुई है, उसी कड़ी में मुसलमानों को लुभाने के लिए खूब माथापच्ची कर रही है। पार्टी ने मुसलमानों तक अपनी पहुंच बढ़ाने की एक रणनीतिक पहल के तहत सूफी संवाद महा अभियान शुरू किया है।
भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा की तरफ से आयोजित यह आउटरीच प्रोग्राम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और सरकार की कल्याणकारी नीतियों से विभिन्न दरगाहों के सूफी आध्यात्मिक नेताओं और उनके अनुयायियों को रू-ब-रू करवाने की एक पहल है। पार्टी की यह पहल पसमांदा मुसलमानों के बाद अब मुस्लिम समुदाय के एक अलग वर्ग सूफी अनुयायियों को खुद से जोडऩे के प्रयासों का एक हिस्सा है। इसके लिए सूफी संवाद का आयोजन किया जाएगा। जिसका नारा है कि ना दूरी है, न खाई है, मोदी हमारा भाई है…। गौरतलब है कि भाजपा ने इस बार 400 सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उसमें मप्र की 29 सीटें भी शामिल हैं। प्रदेश भाजपा लोकसभा चुनाव में अपना वोट बैंक 68 फीसदी तक पहुंचाने अपने कोर वोट के अलावा अल्पसंख्यक वोट पर भी नजर जमाए हुए है। विशेषकर मुस्लिम मतदाताओं पर पार्टी खास योजना के जरिए पहुंच बनाने की तैयारी में है। जानकारों की मानें तो राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद दिल्ली में अल्पसंख्यक मोर्चा की राष्ट्रीय स्तर की बैठक होगी, जिसमें मध्यप्रदेश सहित दूसरे राज्यों के लिए इन कार्यक्रमों का खाका तैयार किया जाएगा। यानी 18 फरवरी को तय हो जाएगा कि मध्य प्रदेश में अल्पसंख्यक मोर्चा सुफी संवाद, हितग्राही सम्मेलन मोडिया मित्र जैसे कार्यक्रम कब आहुत करेंगी। हालांकि इतना तय है कि मोर्चे को हर लोकसभा सीट पर इन कार्यक्रमों से जुड़ी 30 बैठकों का बुलाना है।
मप्र में 12% अल्पसंख्यक वोटर
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में कुल मतदाताओं में 12 फीसदी अल्पसंख्यक वोटर है। यानि 55 से 60 लाख मुस्लिम मतदाता है। 19 जिलों में मुसलमानों की आबादी 1 लाख से ज्यादा है। भोपाल जिले की कुल आबादी में 22 प्रतिशत तो बुरहानपुर जिले को कुल आबादी में 24 फीसदी मुसलमान हैं। प्रदेश के पांच लोकसभा क्षेत्रों में मुस्लिम आबादी प्रभावी मानी जा रही है। इनमें से भोपाल के अलावा खंडवा और मंदसौर संसदीय सीट में मुस्लिम मतदाता परिणामों को प्रभावित करते रहे हैं, क्योंकि यहां का अधिकांश वोट कांग्रेस से जुड़ा माना जाता है। भाजपा इस लोकसभा चुनाव में इस वोट बैंक को अपनी और लाने के प्रयास में जुटी हुई है। इसके लिए पार्टी मोदी की गारंटी के सहारे इस वोट बैंक से नजदीकी पाना चाहती है। पिछले दिन विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान ऐसे अल्पसंख्यक वोट से संपर्क साधा गया और उन्हें केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं से जोड़ा गया, जो सीधे अपने समाज के वोट बैंक से जुड़ा हुआ है।
स्नेह सम्मेलन होंगे…
प्रदेश भाजपा ने इसके लिए अपने अल्पसंख्यक मोर्चा को जिम्मेदारी सौंपी है। जो जल्द ही प्रदेश भर में मोदी मित्र, सुफी संवाद और शुक्रिया मोदी जी जैसे अभियान चलाकर अल्पसंख्यकों से दूरियां खत्म करने का प्रयास किया जाएगा। इतना ही नहीं चुनाव से पहले अल्पसंख्यक स्नेह संवाद कार्यक्रम भी आयोजित होगा, जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शामिल हो सकते है। इसी तरह राष्ट्रीय स्तर पर बैठक आहूत होगी, जिसमें प्रदेश के चुनिंदा अल्पसंख्यकों को आमंत्रित किया जाएगा। इस बैठक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे। सूत्रों की मानें तो प्रदेश भर में अल्पसंख्यक मोर्चा मोदी मित्र बनाएंगे, जिन्हें अल्पसंख्यक बाहुल्य बूथों में वोट प्रतिशत बढ़ाने की लक्ष्य दिया जाएगा। पूरे प्रदेश में उन स्थानों पर सूफी संवाद कार्यक्रम होंगे, जहां मजार है और वहां बड़ी संख्या में लोग अपनी आस्था के साथ पहुंचते हैं। वहां ऐसे लोगों को बताया जाएगा कि भाजपा किस तरह से अल्पसंख्यकों के विकास के लिए काम कर रही है। पार्टी ऐसे हितग्राहियों को चिन्हित करेगी, जिन्होंने प्रदेश या केन्द्र सरकार की योजनाओं का लाभ लिया है। इन हितग्राहियों को आगे रखकर भाजपा अल्पसंख्यक लोगों को बताएगी कि किस तरह उनके जीवन में परिवर्तन आया है। सूफी संवाद और हितग्राही सम्मेलन में भाजपा से जुड़ने वाले अल्पसंख्यकों का स्नेह सम्मेलन हर लोकसभा क्षेत्र में बुलाया जाएगा, जिसमें नए कार्यकर्ताओं को पार्टी की नीति रीति से अवगत करकर उन्हें दल को मजबूत बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसी सम्मेलन में कार्यकर्ताओं को अल्पसंख्यक बाहुल्य वृद्धों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, जिससे वे भाजपा का वोट बैंक बढ़ाने के लिए काम कर सकें।