मिशन 2024 के लिए भाजपा का मेगा प्लान

 भाजपा
  • मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को मिलेगी लोकसभा की कमान

विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में मिली जीत के बाद उत्साहित भाजपा संगठन ने लोकसभा चुनाव की तैयारी तेज कर दी है। पार्टी ने राज्य की सभी 29 सीटों पर जीत का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए राष्ट्रीय नेताओं के दौरे का सिलसिला शुरू हो चुका है। इतना ही नहीं पार्टी ने राज्य सरकार के मंत्रियों के साथ ही वरिष्ठ नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी सौंपे जाने की तैयारी की है, तो वहीं लोकसभा चुनाव में 60 फीसदी वोट हासिल करने का लक्ष्य भी तय किया गया है।
भाजपा ने विधानसभा चुनाव में जहां 230 सीटों में से 163 पर जीत दर्ज की है इसके साथ ही   48.62 प्रतिशत वोट हासिल किए। अब राज्य में सरकार बन चुकी है, मंत्रिमंडल का गठन हो चुका है। भाजपा ने अपनी कार्यशैली के मुताबिक लोकसभा चुनाव की तैयारी तेज कर दी है। पार्टी केंद्रीय स्तर से इस पर रणनीति बना रही है। इसके तहत इस बार हर लोकसभा क्षेत्र में सेंट्रल कार्यालय खोला जाएगा, जो सीधे पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय के संपर्क में रहेगा। इस कार्यालय से चुनाव का ताजा अपडेट लिया जाएगा।
मोदी की गारंटी और योजनाओं की ब्रांडिंग
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मंत्री और दिग्गज नेता  लोकसभा क्षेत्र में गांव-गांव जाकर मोदी की गारंटी और योजनाओं की ब्रांडिंग करेंगे। भाजपा ने पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में इस बार मोदी की गारंटी और सनातन पर खास फोकस किया था। उसका यह प्रयोग बेहद सफल भी रहा है। लोकसभा चुनाव में मोदी की गारंटी को भाजपा प्रमुखता से लोगों के सामने रखेंगी। इसके अलावा सनातन का मुद्दा भी प्रमुख रहेगा। अयोध्या में रामलला की मूर्ति की स्थापना के कार्यक्रम को भी पार्टी बड़े आयोजन के रूप में मनाने जा रही है।  इसमें वह अपने अनुषांगिक संगठन विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का भी सहयोग ले रही है। इसके अलावा सुशासन और जातिगत संतुलन को ध्यान में रख भी अलग -अलग क्षेत्रों में प्रचार की रणनीति तय की जा रही है। कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे केन्द्र सरकार की योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले इसके लिए अभियान चलाकर काम करे और उन्हें पार्टी से जोड़ें। पिछले दिनों प्रदेश भाजपा कार्यालय में हुई दो दिनी बैठक में इसी पर कार्ययोजना तैयार की गई है।
 कार्य योजना बनाएंगे मंत्री
प्रदेश में विभाग आवंटन के बाद सभी मंत्री लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपनी कार्ययोजना बनाएंगे। इसमें उन कार्यों को प्राथमिकता में लिया जाएगा, जिनमें अतिरिक्त वित्तीय संसाधन नहीं लगने हैं और फरवरी तक प्रारंभ किए जा सकते हैं। विभागों ने इसकी प्रारंभिक तैयारी कर ली है, जिसे मुख्यमंत्री के साथ अगले सप्ताह प्रस्तावित मंत्रियों की बैठक में अंतिम रूप दिया जा सकता है। विभागीय बैठकों का सिलसिला अगले सप्ताह से प्रारंभ हो जाएगा। विभाग आवंटन के बाद मंत्रियों की पहली प्राथमिकता द्वितीय अनुपूरक बजट और लेखानुदान में विभागीय योजनाओं के लिए राशि आवंटित कराने की होगी। लोकसभा चुनाव के कारण सरकार ने वर्ष 2024-25 के बजट के स्थान पर लेखानुदान लाने का निर्णय किया है, जो एक लाख करोड़ रुपये से कम का होगा। इसमें अप्रैल से जुलाई 2024 तक के लिए विभागों को बजट आवंटित किया जाएगा।
सभी 29 सीटें जीतने का लक्ष्य
पिछली बार भाजपा ने लोकसभा चुनाव में एक तरह से क्लीन स्वीप किया था। प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से उसने 28 पर जीत दर्ज की थी। केवल छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर वह कुछ मतों के अंतर से हार गई थी। इस बार विधानसभा चुनाव में मिली बम्पर सफलता से पार्टी के हौंसले बुलंद है। राष्ट्रीय नेतृत्व भी इस बार सभी 29 सीटों पर जीत चाहता है। इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। पिछले हफ्ते हुई भाजपा की दो दिनी राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में लोकसभा चुनाव के लिए देशव्यापी रणनीति तय हुई है। अगले तीन माह में करीब एक दर्जन से अधिक कार्यक्रमों को लेकर अभियान चलाने को कहा गया है।  प्रदेश मीडिया प्रभारी भाजपा आशीष अग्रवाल का कहना है कि 29 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज कर प्रदेश भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सशक्त नेतृत्व को समर्पित करेगी। इसकी तैयारियां प्रारंभ हो चुकी हैं। नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर संगठन आगे बढ़ गया है। जहां हम जीते वहां वोट प्रतिशत बढ़ाने का काम हो रहा है, जहां हारे वहां की समीक्षा कर कमियों को दुरुस्त किया जा रहा है। पिछली बार लोकसभा में हमें 58 प्रतिशत वोट मिला था, इस बार इसे 60 प्रतिशत के पार ले जाया जाएगा।
हारे विधानसभा वाले क्षेत्रों पर अधिक फोकस
विधानसभा चुनावों में खजुराहो, होशंगाबाद, इंदौर, देवास, खंडवा की सभी सीटें भाजपा ने जीती है। इसके अलावा सागर, दमोह, रीवा, सीधी, जबलपुर, विदिशा और मंदसौर में केवल एक एक सीट पर उसे हार मिली है। वहीं दस लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां उसे हार का सामना करना पड़ा है। ग्वालियर की चार विधानसभा, मुरैना की पांच भिंड की चार, टीकमगढ़ की तीन, मंडला की पांच, बालाघाट की चार, रतलाम की चार, धार की पांच और खरगौन की आठ में से पांच पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। छिंदवाड़ा लोकसभा की सभी सात सीटों पर उसे पराजय झेलनी पड़ी है। पार्टी अब जीती हुई सीटों पर वोट प्रतिशत का आंकलन कर रही है। जिन विधानसभा क्षेत्रों में उसे विधानसभा चुनाव में पचास से पचपन प्रतिशत तक मत मिले हैं, उन्हें साठ फीसदी पर ले जाने की तैयारी है, वहीं जहां हारे हैं वहां बूथ मजबूत कर वह अपनी जीत के लिए प्रयास कर रही है।

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