भाजपा का बूथ विस्तारक अभियान….

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  • कार्यकर्ताओं की मेहनत पर भारी पड़ रहे मंत्रियों सहित दिग्गज नेता

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मेहनत करे कोई और उसका फल किसी और को मिले, ऐसा ही कुछ चल रहा है भाजपा के बूथ विस्तारक अभियान में। दरअसल इस अभियान में पार्टी संगठन ने मंत्री से लेकर कार्यकर्ता तक को लगाया है , लेकिन दिग्गज भाजपा नेता और मंत्रियों द्वारा इसमें महज दिखावे के लिए सहभागिता की जा रही है। अब बेचारे कार्यकर्ता तो पार्टी के इस अभियान में दिन रात एक किए हुए हैं , लेकिन सत्ता की हनक और संगठन के रसूखदार इसके लिए गंभीर नहीं बन पा रहे हैं। यही वजह है कि प्रदेश के अधिकांश मंत्री सौ घंटे तो ठीक पचास घंटे तक का समय पार्टी के इस महत्वपूर्ण सर्वोच्च प्राथमिकता वाले अभियान में भी पूरी गंभीरता दिखाने को तैयार नहीं है। खास बात यह है कि इस अभियान का सर्वाधिक फायदा भी इन्हीं नेताओं को होना है। यही वजह हैे कि अब प्रदेश संगठन को इस अभियान की अंतिम तिथी आगे बढ़ाना पड़ गई है। यह अभियान पार्टी द्वारा प्रदेश में जनाधार बढ़ाने के लिए चलाया जा रहा है। पाटी्र के इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम बूथ विस्तारक अभियान के लिए सभी छोटे-बड़े नेताओं को 100 घंटे का समय देने के लिए कहा गया है। पार्टी ने इस अभियान की शुरूआत 20 जनवरी से की थी जिसे 30 जनवरी तक चलाया जाना था , लेकिन बूथ डिजिटलाइजेशन का काम पूरा नहीं हो पाने की वजह से अब इस अभियान में छह दिनों की वृद्वि कर दी गई है। खास बात यह है कि प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा इस अभियान के लिए पहले ही दिन से अलग-अलग जिलों में बूथ-बूथ पर घूमकर पन्ना प्रमुखों की बैठकें ले रहे हैं। इसके बाद भी बड़े नेताओं में उन जैसा जज्बा और जोश का अभाव बना हुआ है। यही वजह है कि शिवराज के अधिकांश मंत्रियों के 30 जनवरी तक 100 घंटे का समय पूरा नहीं हो पाया, कुछ वरिष्ठ नेता भी इस मामले में फिसड्डी बने हुए हैं। गौरतलब है कि इसके लिए पार्टी ने हर बूथ पर बीते विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी को मिले वोट का तुलनात्मक डाटा तैयार कराया है। अभियान के तहत हर बूथ पर तैनात होने वाले सरकारी कर्मचारियों के अलावा उस क्षेत्र के प्रभावी कांग्रेस नेताओं की जानकारी भी जुटाई जा रही है।
दावा अभियान समाप्ती तक हो जाएंगे 100 घंटे
इस मामले में प्रदेश भाजपा महामंत्री भगवानदास सबनानी का कहना है कि इस अभियान में सभी नेता पूरी शिद्दत से लगे हैं। उनका कहना है कि यह अभियान 6 फरवरी तक चलाया जाना है, तब तक सभी के 100 घंटे पूरे हो जाएंगे। उनका कहना है कि अभियान का पूरा डाटा ऐप में लोड किया जा रहा है। रजिस्टर में तो सब कुछ दर्ज किया जा चुका है, लेकिन ऐप में अपलोड करने में कुछ तकनीकी परेशानी आ रही है। इसकी वजह से अभियान के समय में वृद्धि की गई है। गौरतलब है कि रणवीर सिंह रावत के पास रीवा संभाग का तो , सबनानी के पास इंदौर, कविता पाटीदार के पास भोपाल, पंकज जोशी के पास होशंगाबाद, हरिशंकर खटीक के पास शहडोल और शरदेंदु तिवारी के पास जबलपुर का प्रभार है।
35 हजार बूथों का डिजिटल डाटा तैयार
भाजपा द्वारा बीते 10 दिनों में प्रदेश के 35 हजार बूथों का डिजिटल डाटा तैयार किया जा चुका है। बाकी बूथों का यह काम भी पांच फरवरी तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। इस काम में होने वाली देरी की वजह पार्टी नेता शुरूआती तीन-चार दिनों तक विस्तारक बूथ में कार्यकर्ताओं के नहीं पहुंचने को बता रहे हैं। दरअसल डिजिटल जानकारी के माध्यम से पार्टी जमीनी कार्यकर्ताओं को महत्व देने के साथ उन्हें सीधे शीर्ष स्तर से जोड़ने की कवायद कर रही है। इसके बाद बूथ स्तर के पदाधिकारी व कार्यकर्ता सीधे मुख्यमंत्री से भी विशेष कोड के जरिये जुड़ सकेंगे। पार्टी का दावा है कि इसकी वजह से  अब बूथ स्तर के कार्यकर्ता को भी नई पहचान मिल सकेगी। पन्ना प्रमुखों को अलग से विशेष कोड यानी पहचान दी जाएगी। इसका एक फायदा ये भी होगा कि कोड के जरिये पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री भी सीधे संपर्क कर सकेंगे। बूथ के तीन पदाधिकारियों अध्यक्ष, महामंत्री, और बीएलए, जिन्हें संगठन में त्रिदेव की संज्ञा दी गई है, उन्हें संपदा स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा। इस पर यूनिक नंबर के साथ पूरा परिचय होगा।
कांग्रेस भी शुरू कर रही घर-घर चलो अभियान
उधर, भाजपा के बूथ विस्तारक अभियान के बीच प्रदेश में कांग्रेस द्वारा घर चलो, घर-घर चलो अभियान चलाने की तैयारी कर ली गई है। इसकी शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ देवास से करने जा रहे हैं। यह अभियान एक माह तक चलेगा। इसके तहत पार्टी कार्यकर्ता सभी बूथों पर पहुंचकर मतदाताओं से सीधा संवाद करेंगे। इस दौरान मतदताओं को महंगाई, बेरोजगारी, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग और महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार के बारे में बताकर नाथ की तत्कालीन कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां बताई जाएंगी। इसी तरह से आगामी विधानसभा चुनाव के लिए क्षेत्रवार मुद्दों की भी तलाश की जाएगी। इसका उपयोग विधानसभा चुनाव के समय क्षेत्रवार वचन पत्र तैयार करने में किया जाएगा।  

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