युवाओं को फ्रंटफुट पर रखेगी भाजपा

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  • संगठन चुनाव के लिए भाजपा की रणनीति

विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। कार्यकर्ताओं को हर दिन सक्रिय रखने वाली भाजपा संगठन को नई धार देने के अभियान में जुटी हुई है। इसके लिए भाजपा में संगठन चुनाव की तैयारी चल रही है। इस बार भाजपा ने संगठन चुनाव में सारे समीकरणों को साधने पर फोकस किया है। इसके लिए पार्टी ने रणनीति बनाई है की संगठन में युवा और वरिष्ठ दोनों को शामिल किया जाएगा। इसके तहत फ्रंटफुट पर युवाओं को रखा जाएगा। यानी जो फ्रंटल संगठनों यानी मंडल, जिलाध्यक्षों जैसे पदों पर युवाओं को पदस्थ किया जाएगा, वहीं मोर्चा, प्रकोष्ठों में उम्रदराज नेताओं को एडजस्ट किया जाएगा।
गौरतलब है कि प्रदेश में भाजपा के 60 संगठनात्मक जिले हैं। इनमें शहर के 55 एवं ग्रामीण के 5 भोपाल, उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर ग्रामीण शामिल हैं। वहीं प्रदेश में 1099 मंडल और 64,871 बूथ हैं। भाजपा आलाकमान ने संगठन में युवाओं को आगे लाने के लिए एक बार फिर अघोषित रूप से उम्र का क्राइटेरिया तय कर दिया है। तय किया गया है कि संगठनात्मक चुनाव में मंडल अध्यक्ष पदों पर उन युवाओं का चुनाव किया जाएगा जिनकी उम्र 30 से 40 साल तक होगी। जिलें में 50 साल से कम के युवा को मौका दिया जाएगा। किसी मंडल और जिलों में एक नाम पर सहमति न होने या विवाद की स्थिति होने पर 50 साल के सीनियर नेताओं को अवसर मिलेगा। अनुभवी नेताओं को मोर्चा, प्रकोष्ठ में इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा इन नेताओं को जिले के प्रभार भी सौंपे जाएंगे।
60 पार वालों को मिलेगी मोर्चा-प्रकोष्ठों की जिम्मेदारी
जानकारी के अनुसार भाजपा आलाकमान ने युवाओं को अवसर देने के लिए आयु सीमा का निर्धारण किया है, जिसमें मंडल अध्यक्ष 30 वर्ष, जिला अध्यक्ष 40 वर्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष की आयु 50-55 के आसपास होना चाहिए। इसके लिए पार्टी ने संगठनात्मक चुनाव के जरिये ऐसे युवाओं को तलाशने का काम कर रही है जो पार्टी के काम करने के लिए हर समय तैयार रहे। वहीं ऐसे नेता जो 60 से अधिक उम्र को पार कर चुके हैं उन्हें पार्टी मोर्चा और प्रकोष्ठों की जिम्मेदारी सौपेंगी। इससें जहां युवा मैदान में पार्टी के लिए काम करते नजर आएंगे तो वहीं अनुभवी नेता मोर्चा, प्रकोष्ठों के माध्यम से पार्टी के काम को आगे बढ़ाएंगे। पार्टी इन अनुभवी नेताओं से समय-समय पर मार्गदर्शन भी लेती रहेगी, जिससें युवा नेता उनके अनुभवों को मैदान में साकार कर सकें। पार्टी के इस निर्णय से युवाओं में एक संदेश जाएगा और वह पार्टी से जुड़ेंगे। इसके पीछे जो कारण बताए जा रहे वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के युवाओं को राजनीति में लाने और पार्टी से जोडऩे के संदेश को जमीनी स्तर पर लाना है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा पुराने कार्यकर्ताओं को संगठन में प्राथमिकता देगी, जबकि कांग्रेस समेत दूसरी पार्टी से आने वाले नेताओं के लिए उच्च पदों की संख्या को सीमित किया जाएगा। पार्टी इस बार उन कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता देगी जो पार्टी के जमीनी कार्यों में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं। इन कार्यकर्ताओं को सम्मानित करते हुए उन्हें पदों पर नियुक्त किया जाएगा। संगठन का मानना है कि यह बदलाव पार्टी के भीतर नई ऊर्जा का संचार करेगा और जमीनी स्तर पर पार्टी की पकड़ को मजबूत करेगा।
चौंकाने वाला होगा प्रदेश अध्यक्ष का नाम
मप्र में बुधनी और विजयपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव के परिणाम 23 नवंबर को आ जाएंगे और इसके बाद भाजपा संगठन में चुनाव प्रक्रिया तेज हो जाएगी। दिसंबर या फिर नए साल में भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। नए प्रदेश अध्यक्ष के फिलहाल कई दावेदारों के नामों की चर्चाएं हैं जिनमें ब्राह्मण, ओबीसी और अनुसूचित जाति से आने वाले नेता शामिल हैं। चर्चाएं ये भी हैं कि मोदी-शाह की जोड़ी मुख्यमंत्री के नाम की ही तरह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर भी चौंका सकती है। वर्तमान में प्रदेश अध्यक्ष के लिए वर्तमान अध्यक्ष वीडी शर्मा, बैतूल विधानसभा सीट से विधायक हेमंत खंडेलवाल, राज्यसभा सांसद और युवा आदिवासी चेहरे के तौर पर सुमेर सिंह सोलंकी, मंडला लोकसभा सीट से सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, अनुसूचित जाति के होने के कारण लाल सिंह आर्य,  पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, के अलावा देवास सांसद महेन्द्र सोलंकी, पूर्व विधायक अरविंद भदौरिया के नाम भी चर्चाओं में बने हुए हैं। महिला चेहरों में सागर से सांसद लता वानखेड़े, बुरहानपुर विधायक अर्चना चिटनीस और सीधी विधायक रीति पाठक के नामों की भी चर्चा है।
14 से 20 नवंबर तक बूथ समितियों का गठन
भाजपा ने संगठनात्मक चुनाव की कवायद प्रारंभ कर दी है। 14 से 20 नवंबर तक सभी बूथ समितियों का गठन कर लिया जाएगा। इसके लिए सांसद, विधायक, जिला अध्यक्ष एवं मंडल अध्यक्षों ने अपनी-अपनी सूची जिले के चुनाव अधिकारी को सौंप दी है, जिसके हिसाब से बूथ समितियों का गठन किया जाएगा। इसके बाद मंडल और जिला समितियों का गठन किया जाएगा। इस बार पार्टी ने जहां बूथ समिति में कुछ नए सदस्यों को जोड़ने के लिए नए विभाग प्रमुख जैसे लाभार्थी प्रमुख, मन की बात प्रमुख एवं व्हाटसएप प्रमुख बनाने का निर्णय किया है तो वहीं मंडल से प्रदेश स्तर के लिए जो अध्यक्ष बनाए जाएंगे उनकी आयु सीमा भी तय कर दी है। सूत्रों की मानें तो भाजपा हाईकमान भाजपा की नई पीढ़ी खड़ी करने का प्रयास कर रहा है। वीडी शर्मा ने प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद भोपाल, सागर, इंदौर समेत कई जिलों में 35 साल तक के युवाओं को जिलाध्यक्ष बनाया था। उनके इस फैसले से प्रदेश के कुछ सीनियर नेताओं ने सवाल भी उठाए थे पर उनका यह प्रयोग सफल रहा। संगठन चुनाव के माध्यम से आलाकमान पूरे देश में युवा नेताओं की नई फौज खड़ी करना चाहता है। वह इन नेताओं को आने वाले समय के लिए तैयार करना चाहता है। संगठन चुनाव में जिलाध्यक्षों के अधिकांश पद युवाओं को देने के फैसले पर पार्टी की बैठक में सवाल उठ चुके हैं तब भाजपा नेताओं ने साफ किया था कि संगठन चुनाव में अनुभव और युवा का संगम देखने को मिलेगा पर अब अधिकांश पद युवाओं को मिलने के संकेत मिल रहे हैं।

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