माइक्रो मैनेजमेंट से चुनाव लड़ेगी भाजपा

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  • भाजपा ने त्रिदेव और पंच परमेश्वर को मोर्चे पर किया तैनात

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 200 पार का जो टारगेट बनाया है उसे पूरा करने के लिए पार्टी ने मजबूत रणनीति बना ली है। रणनीति के तहत पार्टी ने माइक्रो मैनेजमेंट बनाया है जिसके तहत त्रिदेव और पंच परमेश्वर को टारगेट पूरा करने की जिम्मेदारी दी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक त्रिदेव और पंच परमेश्वर प्रदेश भर में जमीनी रिपोर्ट का आंकलन करेंगे, तमाम पार्टी नेताओं के साथ चर्चा करने और पार्टी की रणनीति जमीनी स्तर तक पहुंचाएंगे। गौरतलब है कि भाजपा ने इस बार संगठन की ताकत के बल पर अबकी बार 200 पार के लक्ष्य को हासिल करने और पार्टी को मिलने वाले वोटों में 10 प्रतिशत की वृद्धि करने का निर्णय लिया है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लगभग आठ महीने पहले भाजपा ने चुनाव का माइक्रो मैनेजमेंट शुरू किया है। इस चुनावी प्रबंधन में मतदाता के घर, मोहल्ले, गली और बूथ में घुलने-मिलने की रणनीति शामिल है। यानी मतदाता को उसके घर में ही अपना बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस रणनीति के अहम किरदार त्रिदेव और पंच परमेश्वर होंगे। इनके दम पर भाजपा अपनी चुनावी जमीन मजबूत करना चाह रही है।
गुजरात फार्मूले पर रणनीति
दरअसल, मप्र भाजपा के रणनीतिकारों ने गुजरात में मिली बंपर जीत को देखते हुए वहां के फार्मूले को यहां के चुनाव में अजमाने की तैयारी की है। इसी रणनीति के तहत त्रिदेव और पंच परमेश्वर को मोर्चे पर तैनात किया जा रहा है। इसके साथ ही गुजरात विधानसभा चुनाव की तरह मध्य प्रदेश में भी मतदाता सूची के हर बूथ के हर पन्ने पर दर्ज मतदाताओं से जीवंत संपर्क बनाए रखने के लिए सूक्ष्म स्तर पर काम किया जा रहा है। इसके लिए पन्ना प्रभारियों की भी नियुक्ति की गई है। चुनाव प्रबंधन का यह मॉडल पूरे प्रदेश में लागू कराया जा रहा है। इंदौर संभाग की 37 विधानसभा सीटों पर इसे तेजी से अमल में लाया जा रहा है। इंदौर संभाग की इन सीटों पर लगभग 12 हजार मतदान केंद्र हैं। हर बूथ के लिए बूथ समितियां बनाई जा चुकी हैं। जहां बूथ समिति निष्क्रिय हैं, उसके पदाधिकारियों और सदस्यों में बदलाव भी शुरू कर दिया गया है। भाजपा संभागीय प्रभारी भगवानदास सबनानी ने बताया कि भाजपा के गुजरात चुनाव के मॉडल को आधार बनाकर राष्ट्रीय संगठन की योजना एवं गाइडलाइन के अनुसार काम किया जा रहा है। बूथ समितियों में उसी बूथ के कार्यकर्ताओं को शामिल किया जा रहा है। मतदाता सूची के एक पन्ने पर 30 मतदाताओं के नाम दर्ज होते हैं। एक पन्ना प्रभारी को बस उन 30 मतदाताओं से संपर्क की ही जिम्मेदारी दी गई है। आशानुरूप काम न करने वाली बूथ समितियों में बदलाव भी करेंगे।
कौन-क्या जिम्मेदारी निभाएगा…
बूथ प्रमुख पर वोटिंग के दिन वोटर लिस्ट लाने और बस्ता लगाने की जिम्मेदारी होगी। बीएलए-2 बूथ प्रमुख के सहायक के रूप में काम करेगा। अगर मतदान केंद्र पर किसी का नाम नहीं मिल रहा है तो सूची देखकर बताएगा। सोशल मीडिया प्रमुख का काम प्रचार-प्रसार का होगा। वह बूथ स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर भाजपा की योजनाओं का प्रचार करेगा। इन सबकी निगरानी का काम बूथ प्रभारी के कंधों पर रहेगा। बूथ समितियों और पांच-छह बूथों से मिलाकर बने शक्ति केंद्र की निगरानी और कामकाज के लिए बूथ विस्तारक भी बनाए गए हैं। यह बूथ विस्तारक 24 मार्च तक अपने कार्यक्षेत्र के हर बूथ पर प्रवास करेंगे। वे इस काम के लिए हर दिन छह से आठ घंटे मैदान पर देंगे। बूथों की पड़ताल करने के बाद बूथ विस्तारक हर दिन भाजपा कार्यालय पर रिपोर्ट भी देंगे। इस अभियान को बूथ विस्तारक-2.0 नाम दिया गया है। बूथ समिति में हर बूथ पर 11-11 कार्यकर्ताओं की समिति बनाई जा रही है। अधिकांश समितियां बन चुकी हैं तो कुछ का दोबारा गठन किया जा रहा है। बूथ समिति में अध्यक्ष, महामंत्री और बीएलए बूथ लेवल एजेंट प्रमुख हैं। इन्हें त्रिदेव नाम दिया गया है। पांच-छह बूथों को मिलाकर एक शक्ति केंद्र बनाया गया है। शक्ति केंद्र की टोली में पांच जिम्मेदार तय किए गए हैं। इन्हें पंच परमेश्वर नाम दिया गया है। इसमें शक्ति केंद्र प्रभारी, संयोजक, सह संयोजक, हितग्राही प्रभारी, आइटी प्रभारी शामिल हैं। चुनाव तक यह टोली अपने अधीन आने वाले बूथों पर त्रिदेव और बूथ समिति से काम कराएगी। एक शक्ति केंद्र पर एक बूथ विस्तारक की नियुक्ति की गई है। बूथ विस्तारक उन कार्यकर्ताओं को बनाया जा रहा है, जो भाजपा की विचारधारा को समझते हों और जिनमें संगठन क्षमता हो। मंडल अध्यक्षों से ऐसे कार्यकर्ताओं के नाम बुलाए गए थे।
चुनावी फतेह दिलाने की जिम्मेदारी दोनों पर
विधानसभा चुनाव में भाजपा को फतह दिलाने की जिम्मेदारी इस बार त्रिदेश और पंच परमेश्वर पर रहेगी। बस्ता लगाने से लेकर मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुंचाने का जिम्मा इन पर होगा। हर बूथ पर भाजपा ने इनकी तैनाती कर दी है। भाजपा का जोर हमेशा बूथ जीतने पर रहता है। पार्टी के बड़े नेता अक्सर नारा भी लगाते हैं कि बूथ जीता तो चुनाव जीता। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने बूथ प्रबंधन के लिए त्रिदेव बनाए हैं। इसमें बूथ प्रमुख, बूथ प्रभारी और बीएलए-2 शामिल हैं। निकाय चुनाव में सफलता हासिल करने के बाद अब विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी ने बूथ स्तर पर पंच परमेश्वर की तैनाती कर दी है। इसमें बूथ प्रभारी, बूथ प्रमुख, बीएलए-2, सोशल मीडिया इंचार्ज प्रमुख शामिल हैं। इन सभी का काम बूथ प्रबंधन का होगा।

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