‘आप’ के आने से होगा भाजपा को फायदा

आप

… कांग्रेस के वोट बैंक पर बनेगी खतरा

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में इस बार चुनावी समीकरण अभी से बदलते हुए दिखाना शुरु हो गए हैं। इसकी वजह है आप व जयस जैसे राजनैतिक संगठनों द्वारा इस बार प्रदेश के विधानसभा चुनावों में ताल ठोकने की घोषणा की जाना। यह दल भले ही खुद चुनावी जीत हासिल न कर सकें, लेकिन भाजपा व कांग्रेस का कई सीटों पर जीत का गणित जरुर बिगाड़ने का दमखम रखती हैं। आम आदमी पार्टी द्वारा हाल ही में प्रदेश की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया जा चुका है। उसके इस एलान के बाद से विपक्षी खेमों में हलचल दिखने लगी है। यह बात अलग है कि आप के चुनाव लडऩे से भाजपा की तुलना में कांग्रेस को अधिक नुकसान होने की संभावना है। इसका बड़ा उदाहरण गुजरात चुनाव में सामने आ चुका है। मप्र में भी आप ने घोषणा कर दी है कि उसकी सरकार बनी तो दिल्ली और पंजाब राज्य जैसी सुविधाएं मप्र में भी दी जाएंगी।
अगर आप आदमी के प्रदर्शन पर नजर डालें तो वह अभी दो राज्यों में सरकार बना चुकी है। यह वे राज्य हैं, जो आप से पहले कांग्रेस शासित थे। इन दोनों ही राज्यों मे आप ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर ही सत्ता के सिंहासन पर कब्जा किया है। ऐसे में आप पार्टी अब दो नए राज्यों एमपी और छत्तीसगढ़ की जनता से लुभावने वादे देना शुरू कर दिए हैं। आप मुखिया अरविंद  केजरीवाल का कहना है कि अगर आप की सरकार बनी तो जनता को बिल्कुल वैसी ही फ्री सुविधा मिलेगी जैसी दिल्ली और पंजाब में मिलती है। पर मेट्रो टाउन नहीं होने के चलते मध्य प्रदेश जैसे राज्य में पार्टी का ये रोडमैप कठिनाइयों से भरा दिखाई देता है। यह बात अलग है कि मतदाताओं व अन्य परिस्थितियों की वजह से मप्र आम आदमी पार्टी के लिए कठिन माना जा रहा है। अगर दिल्ली और पंजाब राज्य की जनसंख्या को मिला दें तो दोनों राज्यों की संख्या की दुगनी अकेले मप्र मे है। अगर दिल्ली की तुलना मप्र से की जाए तो मप्र की आबादी उसकी तुलना में छह गुना अधिक है। ऐसे में आप के वादे पर थोड़ा संशय होना लाजमी है। फिलहाल तो उसके वादों को मात्र चुनावी लॉलीपॉप के तौर पर ही देखा जा रहा है। हाल में ही हुए गुजरात चुनाव परिणामों के बाद आम आदमी पार्टी ने सभी राजनीतिक पार्टियों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। यहां कुल 156 सीटों पर पार्टी ने चुनाव लड़ा था लेकिन ,उसे महज पांच ही सीटों पर जीत मिली पर आप 35 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही। उसने इस मामले में कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया है। अगर गुजरात के वोट प्रतिशत को देखा जाए तो वहां पर आप का वोट प्रतिशत 12.9 था, जबकि कांग्रेस का वोट प्रतिशत 27 फीसदी था जो 2017 के मुकाबले 16 प्रतिशत कम हो गया है। कांग्रेस को 2017 के चुनाव में 77 सीटों पर जीत मिली थी और 2022 में उसे महज 16 ही सीटों पर ही जीत मिल सकी। इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने सार्वजनिक रुप से माना है कि इतनी कम सीटें आने की वजह आम आदमी पार्टी है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना था कि कांग्रेस के जो वोट विघटित हुए वो आप के खाते में गए हैं, जिसकी वजह से कांग्रेस को नुकसान और भाजपा को फायदा हुआ।
जीत कर हार चुकी है कांग्रेस
प्रदेश को लेकर अगर बीते चुनाव की बात की जाए तो कांग्रेस 114 सीटें हासिल करके सरकार में आ गई थी लेकिन, महज 15 माह में ही कांग्रेस की सरकार गिर गई और भाजपा ने फिर से अपनी सरकार बना ली थी। ऐसे में इस बार की लड़ाई कांग्रेस पार्टी के लिए कई मायने में कठिन मानी जा रही है। इसकी वजह है अब उसके पास श्रीमंत जैसा चेहरे का अभाव तो है ही साथ ही आप की बढ़ती हुई सक्रियता भी है। अगर वर्तमान सियासी समीकरण देखें तो आप पार्टी देश के भीतर खुद को कांग्रेस के विकल्प के तौर पर देख रही है। इसकी वजह है उसने दोनों ही राज्यों में कांग्रेस को हराकर जीत हासिल की। जबकि जितने अन्य राज्यों में पार्टी ने चुनाव लड़ा वहां पर विपक्षी पार्टी के तौर पर कांग्रेस थी और इस बार के चुनाव में नुकसान कांग्रेस को ही हुआ। अब ये आने वाले समय में ही तय हो पाएगा कि कितना फायदा आप के चुनाव लडऩे से भाजपा को होता है जबकि कितना नुकसान कांग्रेस को होता है।
तो हो सकती है मुश्किल
आप के ऐलान के बाद कांग्रेस पार्टी को काफी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि गुजरात राज्य में ये देखा गया है। अगर आम आदमी पार्टी एमपी में भी कांग्रेस के वोट बैंको में नुकसान पहुंचा पाने में कामयाब हुई तो ये भाजपा के लिए लाभदायक हो जाएगा। ये सिर्फ एमपी विधानसभा चुनाव के नजरिए से आंकड़े नहीं लगाए जा रहे हैं बल्कि आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी कांग्रेस पार्टी के लिए मुसीबत का सबब बन सकती है। अगर अभी की बात करें तो एमपी में सिर्फ एक विधायक आप का है और नगर पालिका के चुनाव में एक महापौर भी बना लिया था। लेकिन अब ये देखने वाली बात होगी कि इस बार के विधानसभा चुनावों में कितनी सीटें आम आदमी पाती है।

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