दो दिनी मंथन के बाद चुनावी अमृत लेकर दिल्ली पहुंची भाजपा की टीम

भाजपा
  • मंत्रिमंडल में फेरबदल तय, नामों पर भी हुई चर्चा
    भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। बीते दो दिनों से जारी भाजपा के आला नेता मंथन के बाद  अब  उससे निकले अमृत को लेकर दिल्ली रवाना हो गए हैं। अब यह अमृत किसे कब और किस तरह से पिलाना है इसका फैसला पार्टी हाईकमान को करना है। खास बात यह है कि इसमें सत्ता से लेकर संगठन तक में फेरबदल को लेकर चिंतन -मनन की बात कही जा रही है। हिमाचल व गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद हुई इस बैठक को प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की वजह से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दरअसल इस मंथन की शुरूआत सोमवार की रात शुरू हुई थी, जो बीते रोज भी जारी रहा।  
    यह मंथन दोनों दिन मिलाकर करीब साढ़े आठ घंटे तक चला। बैठक में प्रदेश के विधानसभा वार सर्वे को लेकर आई रिपोर्ट समेत चुनाव से जुड़े अन्य मसलों पर भी मंथन किया गया। दोनों दिन चले मंथन में पार्टी के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष बी डी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा भी पूरे समय मौजूद रहे। खास बात यह है कि इस दो दिवसीय बैठक के बाद चार बड़े नेता एक साथ दिल्ली रवाना हो गए। बताया जा रहा है कि यह नेता अपने साथ बैठक में हुई चर्चा के बाद लिए गए निर्णयों की जानकारी भी अपने साथ लेकर गए हैं, जिससे पार्टी हाईकमान को अवगत कराया जाएगा। हाईकमान की स्वीकृति मिलने के बाद इन निर्णयों पर संगठन व सरकार अमल करना शुरू कर देगी। माना जा रहा है कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद इस पर अमल होना शुरू हो सकता है। इसमें सबसे अहम मामला मंत्रिमंडल विस्तार का बताया जा रहा है। दरअसल प्रदेश में लंबे समय से इसको लेकर कयासों का दौर चल रहा है। माना जा रहा है कि इस बार मंत्रिमंडल में विस्तार की जगह पुनर्गठन किया जा सकता है, जिसमें करीब आधा दर्जन नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो कुछ पुराने चेहरों को बाहर का रास्ता दिखाना पड़ेगा। इसकी वजह है प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों को साधना। मौजूदा मंत्रिमंडल इन दोनों ही समीकरणों पर खरा नहीं उतरता है। बताया जा रहा है कि इसमें विंध्य, महाकौशल और मालवा अंचल के खाते में एक -एक मंत्री पद आना तय है। इसके अलावा बुंदेलखंड और मध्य भारत के खाते में भी एक-एक मंत्री पद आ सकता है। दरअसल विंध्य व महाकौशल प्रदेश के वो अंचल हैं जिनका प्रतिनिधित्व कम बना हुआ है। प्रदेश में इस समय विधायकों के संख्या बल के हिसाब से 35 मंत्री बन सकते हैं, जिनमें से मुख्यमंत्री सहित 31 पद भरे हुए हैं और चार पद रिक्त चल रहे हैं।  माना जा रहा है कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद से रिक्त चल रहे विधानसभा उपाध्यक्ष का पद भी भरा जा सकता है। प्रदेश में यह पहला मौका है जब विधानसभा उपाध्यक्ष का पद इतने लंबे समय से नहीं भरा गया है।
    दूसरे दिन भी सर्वे रिपोर्ट पर हुआ विचार विमर्श
    माना जा रहा है कि इस बैठक में पार्टी ने जो सर्वे कराया था, उसकी रिपोर्ट पर मंथन किया गया। इसमें सर्वे में शामिल प्रत्येक बिंदु पर चर्चा की बात कही जा रही है। इस दौरान एक बार फिर से ग्वालियर- चंबल अंचल पर चर्चा की गई। दरअसल सर्वे में इस अंचल में भाजपा की स्थिति प्रदेश के अन्य अंचलों के मुकाबले में बेहद कमजोर बताई गई है। अंचल में यह स्थिति तब बनी हुई है, जब प्रदेश मंत्रिमंडल में इस अंचल से सर्वाधिक मंत्री  हैं। यही नहीं केन्द्र में भी दो मंत्री इसी अंचल से बने हुए हैं। माना जा रहा है कि बैठक में खासतौर पर उन मामलों पर भी चर्चा की गई जो पार्टी की सरकार के खिलाफ एंटीइन्कमवेंसी की वजह माने जा रहे हैं। इसके अलावा बैठक में उन मुद्दों पर भी चर्चा की गई, जिन्हें लेकर पार्टी को विधानसभा चुनाव में जाने पर फायदा मिल सकता है।  
    वीडी बोले थी रूटीन बैठक
    सीएम हाउस में हुई बैठक को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने रूटीन बैठक बताते हुए कहा कि जब भी हमारे वरिष्ठ कार्यकर्ता यहां रहते हैं तो सामान्य तौर पर संगठन के जो काम होते हैं, उन्हें लेकर अनौपचारिक चर्चाएं होती हैं। संगठन के काम को लेकर यह बैठक थी। ऐसी बैठकें होती रहती हैं। सतना में होने वाली 17 दिसम्बर की बैठक को लेकर उन्होंने कहा कि यह प्रदेश कार्यसमिति की बैठक नहीं है। केंद्रीय बैठक के फालोअप को लेकर यह बैठक रखी गई है। इसमें प्रदेश पदाधिकारी से लेकर जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी, मोर्चा के अध्यक्ष, सभी प्रकोष्ठ और प्रकल्प के संयोजक मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि बैठक में आगामी रणनीति को लेकर तैयारी की जाएगी।

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