राम मंदिर और किसानों के सहारे जीत की तैयारी में भाजपा

राम मंदिर
  • प्रदेश में 15 दिसंबर से किसान संघ शुरू करेगा अभियान

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव होने के बाद भाजपा ने अब अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरु कर दी हैं। इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के रणनीतिकार राम मंदिर और किसानों को केन्द्र में रखकर चुनाव प्रचार की रणनीति तैयार कर रहे हैं। इसकी वजह है, भाजपा राम मंदिर और किसानों को गेमचेंजर के रूप देख रही है। यही वजह है कि इस बार अयोध्या के राम मंदिर का श्रेय लेने के साथ-साथ किसानों को भी पार्टी के साथ जोड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया जा रहा है। पार्टी के लिए यह काम संघ के अनुषांगिक संगठन किसान संघ को दिया गया है। किसान संघ 15 दिसंबर से प्रदेश के 15 लाख किसानों को अपने साथ लाने के लिए किसान जोड़ो अभियान शुरू करने जा रहा है। भाजपा मानकर चल रही है कि अगर किसानों का भरपूर साथ मिल जाता है तो, वह जीत की हैट्रिक आसानी से लगा सकती है। बीजेपी के इस अभियान में संघ भी पूरी तरह से मदद कर रहा है। यही वजह है कि राम मंदिर मामले में जनता का साथ पाने के लिए गांव-गांव में पीले चावल बांटकर 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले भव्य राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण दिया जा रहा है। इससे भाजपा के पक्ष में पूरी तरह से धार्मिक माहौल बनता जा रहा है। उधर, संघ भगवान बलराम को आराध्य मानने वाले अन्नदाताओं को जोड़ने के लिए विशेष अभियान भी शुरू करने जा रहा है। इस अभियान के माध्यम से किसान संघ द्वारा मप्र में 15 लाख किसानों को जोडऩे का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए उनसे दस रुपए सदस्यता शुल्क लिया जाएगा। इस दौरान किसानों को केन्द्र सरकार द्वारा उनके लिए संचालित की जाने वाली योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। फिलहाल केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई), किसान क्रेडिट कार्ड  और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश की किसानों से संबंधित योजनाओं का भी उल्लेख किया जाएगा।
60 लाख किसान परिवारों पर नजर
प्रदेश में करीब एक करोड़ किसान हैं, जिनका राजनीतिक रुप से बड़ा प्रभाव माना जाता है। किसान हर चुनाव में चुनावी मुद्दा भी बने हैं। इस दौरान खास तौर पर लागत मूल्य की जगह लाभकारी मूल्य दिलाने का मामला उठता रहता है। किसानों के मुद्दों को लेकर किसान संघ की नाराजगी बीजेपी सरकार पर समय -समय पर दिखती रही है। इस मामले में अब किसान संघ का साथ अब भाजपा को मिल गया है। माना जा रहा है कि यदि एक किसान परिवार में  तीन से चार सदस्य माने जाएं तो इस योजना के तहत किसान संघ 60 लाख किसान परिवारों तक अपनी पहुंच बना सकता है।
दूसरे राज्यों में भी होगी शुरुआत
किसान मध्यप्रदेश से लेकर दिल्ली तक अपनी ताकत दिखा चुके हैं। मध्यप्रदेश में किसानों ने एक बार भोपाल शहर को पूरी तरह से बंधक बना लिया था। वहीं मंदसौर गोलीकांड आज भी फाइलों के साथ-साथ राजनीतिक दलों के घोषणापत्रों में नजर आता रहता है। इसके लिए सीएम शिवराज सत्याग्रह भी कर चुके हैं। किसानों के दवाब में ही मोदी सरकार को अपने कृषि कानून वापस लेने पड़े थे। इन सारी स्थितियों को देखते हुए ही संघ किसान जोड़ो अभियान शुरु कर रहा है। इसकी शुरुआत  मध्यप्रदेश से हो रही है ,जो आगे दूसरे राज्यों में भी शुरू किया जाएगा।

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