भाजपा संगठन मैदानी स्तर पर बड़े फेरबदल की तैयारी में

भाजपा संगठन
  • बदले जाएंगे मंत्रियों के जिलों के प्रभार

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में भले ही विधानसभा के चुनाव में अभी एक साल का समय बचा हुआ है, लेकिन अभी से भाजपा प्रदेश संगठन ने मैदानी स्तर पर बड़े बदलाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसकी वजह है पार्टी द्वारा कराया गया सर्वे और संगठन के कामकाज को लेकर मिला फीडबैक। पार्टी सूत्रों की माने तो आगामी एक माह के अंदर  में मैदानी स्तर पर बड़ा फेरबदल देखने  को मिल सकता है। इसमें जिले की टीम के साथ ही जिला प्रभारियों में भी बड़े पैमाने पर बदलाव किया जाएगा। यही नहीं सरकार स्तर पर भी जिलों के प्रभारी मंत्रियों में बदलाव करने की कवायद की जा रही है। दरअसल प्रभारी मंत्रियों को लेकर भी मैदानी स्तर से कई तरह की शिकायतें सरकार को मिल रही हैं। इस बदलाव के लिए ही लगातार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पार्टी के आला नेता लगातार उनके कामकाज की समीक्षा कर रहे हैं। अब एक बार फिर से मंत्रियों को मुख्यमंत्री द्वारा सीएम हाउस एक साथ बीते रोज  सीएम ने मंत्रियों को सीएम हाउस बुलाया  और उन्हें कई तरह की नसीहतें भी दीं।
 पार्टी सूत्रों के अनुसार करीब आधा दर्जन जिलाध्यक्षों को बदले जाने के बाद अब करीब एक दर्जन जिलाध्यक्षों को जल्द ही बदला जा सकता है। इनमें वे जिले खासतौर पर शामिल हैं, जहां पर निकाय चुनावों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा उन जिलों में भी बदलाव किया जाना प्रस्तावित है, जिनमें संगठन के हिसाब से जिला इकाईयां काम नहीं कर पा रही हैं। इसको  लेकर प्रदेश संगठन का प्रदेश प्रभारी  सहित आला नेताओं के  साथ विचार विमर्श कर लिया गया  है। यही नहीं कई जिलों में संगठन व स्थानीय विधायकों में पटरी नहीं बैठने की वजह से भी कार्यकर्ताओं के सामने असहज स्थिति बनी हुई है।
इन तरह की स्थितियों से पार पाने के लिए ही अब प्रदेश संगठन ने बदलाव करना तय कर लिया है। यही वजह है कि इसकी शुरुआत पार्टी द्वारा कुछ दिनों पहले कुछ जिलों के जिलाध्यक्ष बदलने के साथ कर दी थी, जिसके बाद हाल ही में संभागीय प्रभारियों के संभागों का प्रभार भी बदल दिया गया है। इसकी वजह है पार्टी मिशन 2023 की तैयारियों को लेकर अपनी मैदानी तैयारी अभी से चाक-चौबंद कर लेना चाहती है। इसके तहत ही निकाय चुनाव के दौरान पार्टी को जिन जिलों में हार का सामना करना पड़ा उन इलाकों में नए सिरे से जमावट की जा रही है।  प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पार्टी को अपडेट करने की जरूरत बताई है। भाजपा कोर ग्रुप की बैठक के बाद ही संगठन में सर्जरी का सिलसिला शुरू हो गया। पार्टी ने अभी संभागीय प्रभारियों को बदला है, इसके साथ जिलाध्यक्षों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट का ऑडिट भी किया जा रहा है। इसके तहत जिलों के संगठन प्रभारी और ऐसे जिले जहां चुनावों के दौरान पार्टी प्रत्याशियों की स्थिति रेड जोन में आई है, उनका बदलना तय है।
मंत्रियों को दी गई नसीहत
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते रोज अपने निवास पर मंत्रियों को रात्रि भोज पर बुलाया था। इस मौके पर सीएम ने मंत्रियों से जहां वन टू वन किया, तो कुछ खराब परर्फामेंस वाले मंत्रियों को अपने कामकाज में और सुधार लाने की नसीहत दी। सूत्रों की मानें तो मंत्रियों से अपने विभाग की योजनाओं के साथ-साथ अपने प्रभार के जिलों में अधिक ज्यादा ध्यान देने को कहा है। सीएम ने मंत्रियों से कहा कि प्रशासनिक निर्णयों में यदि किसी भी तरह की असहमति बनती है, तो उनसे व्यक्तिगत मिलकर उन्हें अवगत कराएं। इनमें कुछ मंत्री ऐसे भी थे, जिनकी परफार्मेंस अपेक्षित नहीं आंकी जा रही है, या जिन मंत्रियों के विभागों की शिकायतें सामने आ रही हैं। मुख्यमंत्री ने ऐसे मंत्रियों को साफ संकेत दिए हैं कि अभी भी वह अपने कामकाज में सुधार ले आएं इस चुनावी वर्ष है कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सीएम ने पिछले दिनों प्रदेश में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के दौरे के बाद सड़कों को लेकर लगातार बयानबाजी होने पर असंतोष जताया और पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव से सवाल किया। कुछ मंत्रियों से सीएम ने योजनाओं के सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं होने पर असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि मंत्री अपने विभाग पर पैनी नजर रखें और योजनाओं के बारे में लगभग हर सप्ताह रिव्यू करें। इतना ही नहीं, अपने संपर्कों और संगठन के जरिए ये भी पता लगाएं कि योजनाओं का लाभ वास्तविक हितग्राहियों को मिल पा रहा है या नहीं।
भार्गव ने दिया स्पष्टीकरण
बैठक से बाहर आए मंत्री गोपाल भार्गव का कहना है कि जब मद में पैसा ही नहीं है तो सड़क का निर्माण कहां से कराए। भार्गव ने साफ कहा कि मंडला की जिस सड़क को लेकर नितिन गडकरी को माफी मागनीं पड़ी उसके लिए सुपर अथॉरिटी जिम्मेदार है।
तैयार किया गया एक साल का रोडमैप
पार्टी ने साल भर के रोड मैप पर काम शुरू किया जा रहा है। इसमें बूथ सशक्तिकरण, बूथ डिजिटलाइजेशन, संगठन ऐप, हितग्राहियों और प्रबुद्ध वर्गों से निरंतर संवाद संपर्क के अभियान पर पूरी ताकत से काम करने को कहा गया है। हर बूथ पर 10 फीसदी वोट शेयर बढ़ाने और प्रदेश में 51 प्रतिशत वोट हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए बूथ स्तर पर केंद्र या राज्य की योजनाओं का लाभ लेने वाले हितग्राहियों को चिन्हित किया गया है।
जारी है सतत समीक्षा का काम  
भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव की मौजूदगी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा दो बार संगठन के सभी 57 जिलों के परफार्मेस की समीक्षा कर चुके हैं। इसके अलावा शिवराज कैबिनेट के सभी सदस्यों के कामकाज का आकलन भी शुरू किया गया है। जल्दी ही टीम शिवराज में भी नए सिरे जिलों के प्रभार का से आवंटन किया जाएगा। संगठन को शिकायतें मिली हैं कि कई मंत्रियों ने अपने प्रभार के जिलों का ध्यान नहीं रखा।

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