अभी भी भाजपाई नहीं बन पाए ‘दलबदलू’

  • समय-समय पर सत्ता-संगठन को खड़ा करते रहते हैं कटघरे में
भाजपा

गौरव चौहान
अपनी पार्टी में उपेक्षा से परेशान होकर भाजपा का दामन थामने वाले कांग्रेस, बसपा सहित अन्य पार्टियों से आए नेता अभी भी भगवा रंग में रंग नहीं पाए हैं। इसका असर यह हो रहा है कि वे आए दिन सत्ता और संगठन पर हमला करने से नहीं चूकते हैं। इस संदर्भ में मूल भाजपाईयों का कहना है कि जो लोग दूसरी पार्टियों से भाजपा में आए हैं, उनका मकसद केवल कुर्सी पर बैठना है। आज भी वे भाजपा की विचारधारा में नहीं बंध पाए हैं। इसलिए आए दिन बखेड़ा खड़ा करते रहते हैं।
गौरतलब है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी संख्या में कांग्रेस और अन्य पार्टियों से नेता भाजपा में शामिल हुए थे। सभी को उम्मीद थी या आश्वासन दिया गया था कि सत्ता और संगठन में उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी। लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो पाया है। इसलिए कांग्रेस, बसपा और अन्य दलों से आए नेताओं ने इन दिनों मप्र की भाजपा सरकार और संगठन की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं। बीते दिनों कई विधायकों ने भाजपा संगठन और सरकार की सार्वजनिक घेराबंदी की है और इनमें से अधिकतर अन्य दलों से आने वाले नेता हैं। भाजपा के पुराने नेताओं का मानना है कि इन्हें पार्टी की विचारधारा से कोई खास लेना-देना नहीं है, इसलिए ये सरकार की छवि खराब करने से भी सकुचाते नहीं हैं।
लगा रहे तरह-तरह के आरोप
जानकारों का कहना है कि बड़ी संख्या में दूसरी पार्टियों के नेता इस उम्मीद से भाजपा में शामिल हुए थे कि, उन्हें राजनीतिक कुर्सी मिलेगी। लेकिन ऐसा नहीं होने से अब वे अपनी भड़ास तरह-तरह के आरोप लगाकर निकाल रहे हैं। हाल ही में विधानसभा से अपना त्यागपत्र सोशल मीडिया में वायरल करने वाले बृजबिहारी पटैरिया भी कांग्रेस से आए थे और भाजपा के टिकट पर सागर के देवरी से चुनाव जीता था। कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाकर एएसपी के सामने दंडवत होकर वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने वाले मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल भी बसपा से भाजपा में आए थे। केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार के विरुद्ध सांसद प्रतिनिधियों की नियुक्ति के विरुद्ध मोर्चा खोलने वाले पूर्व विधायक मानवेंद्र सिंह भी पहले कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे हैं, अब उनके पुत्र कामाख्या प्रताप सिंह छतरपुर जिले की महाराजपुर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक हैं। अब भाजपा के वरिष्ठ नेता इस पर विचार कर रहे हैं कि ऐसे नेताओं को चिन्हित कर कार्रवाई के दायरे में लाया जाए, जो सरकार और संगठन दोनों को जानबूझकर परेशान कर रहे हैं। बता दें, प्रदेश के तीन भाजपा विधायकों ने कानून-व्यवस्था और अधिकारियों की मनमानी को लेकर अपना दर्द सार्वजनिक किया है।
अफसर भी नहीं करते कार्रवाई
दरअसल, कई दूसरे दलों के नेताओं की अफसर भी नहीं सुनते हैं। इसकी वजह से यह नेता दबाव बनाने के लिए विद्रोही तेवर अपनाने पर बाध्य हो जाते हैं। अहम बात यह है कि ऐसे मामलों के सामने आने के बाद भी अफसरों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं की जाती है, जिससे कि भविष्य में इस तरह की स्थिति बनने की नौबत ही नहीं आए।
लगातार बढ़ रही नाराजगी
प्रदेश में भाजपा आज भले ही मजबूत है, लेकिन पार्टी में असंतुष्ट नेताओं की भरमार है। पार्टी में ‘बाहरी’ नेताओं को महत्व मिलता देख मूल भाजपाई नाराज हैं, वहीं दूसरी पार्टी से आए नेता इसलिए नाराज हैं कि उनको वादे के अनुसार पद और प्रतिष्ठा नहीं मिल रही है। राजनीति के जानकार यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि इन विधायकों का दर्द वाजिब है या इसके पीछे कोई एजेंडा है, जिस कारण ये विधायक अपनी ही सरकार की फजीहत करा रहे हैं। मऊगंज से विधायक प्रदीप पटेल तो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनुराग पांडे के सामने दंडवत हो गए। वह कानून-व्यवस्था की स्थिति और जिले में शराब व ड्रग्स के अवैध कारोबार से लंबे समय से नाराज बताए जाते हैं। सोशल मीडिया पर विधायक का फोटो वायरल होने के बाद जबलपुर की पाटन सीट से विधायक व पूर्व मंत्री अजय विश्नोई भी उनके साथ आ गए। उन्होंने एक्स पर लिखा,कि प्रदीप जी आपने सही मुद्दा उठाया है, लेकिन क्या करें शराब ठेकेदारों के आगे पूरी सरकार ही दंडवत है। उधर, आवश्यकता न होने के बाद भी कांग्रेस विधायकों से त्यागपत्र लेकर भाजपा में शामिल करने और टिकट देकर उपचुनाव लड़वाने के निर्णय से भी पार्टी का एक बड़ा वर्ग नाराज है। वर्ष 2023 में मिली अभूतपूर्व विजय के बावजूद अमरवाड़ा से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह को कांग्रेस से भाजपा में लाया गया और उपचुनाव में टिकट भी दिया गया। इससे पार्टी का मूल कार्यकर्ता नाराज है। इसके बाद विजयपुर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते रामनिवास रावत को भी त्यागपत्र दिलाकर मंत्री बनाया गया। इससे भी स्थानीय स्तर पर नाराजगी है। बयानबाजी करने वालों को भोपाल बुलाया पार्टी ने बयानबाजी करने और संगठन- सरकार के सामने परेशानी खड़ी करने वाले विधायकों को भोपाल बुलाया है। उन सभी को पार्टी की रीति-नीति से अवगत कराया जाएगा।

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