भाजपा नेताओं को… जल्द छोड़ना होगा दोहरा पद, फार्मूला तय

भाजपा नेताओं
  • कांग्रेस अभी से देगी कार्यकर्ताओं को बूथों की जिम्मेदारी

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में भाजपा संगठन अब जल्द ही एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला लागू करने जा रही है। इसके लिए फार्मूला तैयार कर लिया गया है। इसकी शुरूआत सूबे के बड़े शहरों से की जाने की तैयारी है। माना जा रहा है की इसकी शुरूआत पार्टी निकायों से करने जा रही है। उधर कांग्रेस भी चुनावी तैयारियों के तहत प्रदेश में सभी 65 हजार बूथों पर अपने पोलिंग एजेंट बनाने की तैयारी कर रही है। यह एजेंट वोटर सूची अपडेट कराने से लेकर मतदान और मतगणना तक काम पार्टी की ओर से देखेंगे। दरअसल प्रदेश में भाजपा के कई ऐसे नेता है जो संगठन के पदों पर भी हैं और अब निकायों में भी पदाधिकारी बन चुके हैं। पार्टी उनसे संगठन के पदों से इस्तीफा लेकर नए कार्यकर्ताओं को पदाधिकारी बनाकर मौका देने के पक्ष में है। इस तरह का कदम सबसे पहले भोपाल और इंदौर में उठाया जाएगा। दरअसल भोपाल की बात की जाए तो यहां पर जिला कार्यकारिणी में शामिल तीन महामंत्री, तीन उपाध्यक्ष व एक जिला मंत्री पार्षद का चुनाव जीतकर पार्षद बन चुके हैं। लगभग यही हाल इंदौर नगर निगम में भी हैं। अब इन सभी को संगठन पार्टी के दायित्व से मुक्त करने की तैयारी में है। इसके लिए इनसे इस्तीफे लेकर उनकी जगह नए कार्यकर्ताओं को संगठन में एडजस्ट करेगी। इसके बाद इस फार्मूले का बाकी जिलों में भी लागू किया जा सकता है। इसको लेकर पार्टी नेताओं के बीच विचार मंथन का दौर जारी है। दरअसल विधानसभा चुनाव के पहले संगठन चाहता है की किसी तरह से कार्यकर्ताओं की संगठन व सत्ता में भागीदारी तय कर दी जाए। यही वजह है की अगर निकायों में पार्षद, अध्यक्ष और अन्य पदों पर पदस्थ हो चुके कार्यकर्ताओं की जगह अब संगठन में नए कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाए , जिससे उनमें उत्साह का संचार होगा। अब प्रदेश में विधानसभा के आम चुनाव होने में महज सवा साल का समय ही रह गया है। ऐसे में भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को काम में लगाए रखने के साथ नई जिम्मेदारियां देने पर फोकस कर रही है। इंदौर नगर निगम में पार्षद के पद पर निर्वाचित होने वाले ऐसे नेता जो संगठन में अलग-अलग दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं, उनके द्वारा सिर्फ पार्षद पद की जिम्मेदारी निभाने और संगठन का पद छोड़ने की सहमति प्रदान करना शुरू कर दिया है, तो इसी तरह से भोपाल में भी पार्टी के जिला और मडंल कार्यकर्ताओं के बीच आम राय बन चुकी है। राजधानी में भी जिला और मंडल कार्यकारिणी में नए चेहरों को मौका देने की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश इंदौर और भोपाल के बाद इसी तरह के कदम बाकी जिलों में भी उठा सकता है। इससे पार्टी में निचले स्तर एक व्यक्ति एक पद की व्यवस्था की शुरूआत होगी और निर्वाचित कार्यकर्ताओं द्वारा संगठन और पार्टी द्वारा सौंपे गए अन्य दायित्व छोड़ने  से दूसरे नए चेहरों को मौका मिलेगा। इस फार्मूले के आधार पर चुनावी साल में कार्यकर्ताओं को नई जिम्मेदारियों  के साथ एडजस्ट किया जाएगा तो उनमें काम करने की ललक और तेज होगी।
कांग्रेस का हर बूथ पर होगा पोलिंग एजेंट
चार साल पहले हुए विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस जिस मामले को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट गई थी। उसी मामले में अब कांग्रेस अगे बढ़ रही है। इसके तहत अब कांग्रेस हर बूथ पर वोटर लिस्ट में किए जाने वाले संशोधन पर पूरी नजर रखने की योजना पर काम कर रही है।  इसके लिए  वह हर बूथ पर पोलिंग एजेंट बनाने की तैयारी कर रही है। गौरतलब है की बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सबसे ज्यादा फोकस फर्जी वोटर्स और वोटर लिस्ट में एक से ज्यादा जगह पर एक ही वोटर के नाम पर था। इस मामले को कांगे्रस ने बड़ा मुद्दा बनाया था। इसे लेकर वह चुनाव आयोग से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गई थी। यह बात अलग है की इस मामले में तब उसे कोई खास फायदा नहीं हुआ था। इस मामले में अब कांग्रेस अभी से सक्रिय होती नजर आना शुरू हो गई है। विधानसभा चुनाव के लिए वोटर लिस्ट अपडेट होने और नाम जोड़ने का काम शुरू होने वाला है। इसके पहले पार्टी हर बूथ पर अपना एक एजेंट नियुक्त करने की तैयारी में लगी है। पोलिंग एजेंटों के जरिए कांग्रेस इस बार फर्जी वोटर या वोटर लिस्ट में एक ही मतदान के एक से ज्यादा पर नाम नहीं लिखने पर फोकस करेगी। इसके लिए पीसीसी चीफ ने 65 हजार बूथ पर तीन लाख कार्यकर्ता तैनात करने का लक्ष्य बनाया है। एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस, महिला कांग्रेस, सेवा दल के एक-एक कार्यकर्ता को बूथ पर जोड़ा जाएगा और हर गांव के हर बूथ पर होने वाली छोटी और बड़ी महत्वपूर्ण बातों पर नजर रखी जाएगी। जमीनी स्तर पर कांग्रेस की कमजोरी बूथ लेवल कार्यकर्ताओं और बड़े नेताओं के बीच सामंजस्य की कमी रही है। कमी को दूर करने का प्रयास मंडलम और सेक्टर को मजबूत करने के साथ किया जा रहा है। दोनों ही पार्टियों का पूरा फोकस इन दिनों बूथ को मजबूत करने पर बना हुआ है।
भाजपा का त्रिदेव पर भी फोकस
भाजपा मिशन 2023 की तैयारी के तहत संगठन में त्रिदेव फॉर्मूला को तेजी से लागू करने पर जोर दे रही है। त्रिदेव यानी बूथ अध्यक्ष, महामंत्री और बीएलए (बूथ लेवल एजेंट्स) के जरिए माइक्रो मैनेजमेंट पर फोकस किया जा रहा है। भाजपा इसके लिए 25 हजार साइबर वॉरियर्स की बड़ी फौज तैयार कर चुकी है। इसके जरिए वह 2023 और  2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी जमीन मजबूत करने की तैयारी मे है। भाजपा टेक्निकल नॉलेज से साउंड साइबर वॉरियर्स की फौज भी प्रदेश में उतारने की तैयारी में है। इसके लिए 25 हजार साइबर वॉरियर्स तैयार करने का टारगेट है। यह वॉरियर्स वे सोशल मीडिया के माध्यम से बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने वालों को उसी की भाषा में जवाब देकर बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने का काम करेंगे।  

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