- पोलस्टर्स इंडिया ओपिनियन पोल
भोपाल/गौरव चौहान। चुनावी प्रचार के बीच कई कंपनियों के मीडिया संस्थानों के साथ किए जाने वाले सर्वे सामने आने लगे हैं। ऐसा ही एक और सर्वे सामने आया है। यह सर्वे पोलस्टर्स इंडिया द्वारा मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर किया गया है। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता और कल्याणकारी योजनाओं के चलते सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश में एक बार फिर से सत्ता में आ सकती है। इसमें भाजपा को कांग्रेस पर लगभग 5 प्रतिशत की निर्णायक बढ़त मिलती दिखाई दे रही है। अब प्रदेश में चुनावी प्रचार जोर पकड़ने लगा है, ऐसे में प्रचार के अब अंतिम 2 सप्ताह में कांग्रेस को ये रुझान पलटने के लिए काफी मेहनत करनी होगी। सर्वे के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि आगामी चुनावों में भाजपा के बेहतर प्रदर्शन का बड़ा कारण महिलाओं का समर्थन है क्योंकि,भाजपा को सभी वर्गों की महिलाओं का समर्थन मिलता दिख रहा है।
सर्वे के मुताबिक 2018 के विधानसभा चुनाव की तुलना में बीजेपी को 3.1 प्रतिशत अधिक वोट मिल सकते हैं। इसकी वजह से उसका वोटशेयर 44.7 प्रतिशत तक पहुंच सकता है, जबकि कांग्रेस के वोट शेयर में 2.1 प्रतिशत की कमी आने की उम्मीद है, जिससे उसका वोट शेयर 39.4 फीसदी पर रह सकता है। भाजपा, जो लगभग 19 वर्षों से राज्य में सत्ता में है, (15 महीनों को छोडक़र जब कांग्रेस नेता कमल नाथ मुख्यमंत्री थे), को विशेष रूप से कल्याणकारी योजनाओं की अपनी श्रृंखला से लाभ हुआ है। 31 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि इन योजनाओं से चुनाव में गेमचेंजर होने की उम्मीद है, 34 प्रतिशत ने संकेत दिया कि इसका चुनाव पर कुछ प्रभाव पड़ेगा, जबकि इस सर्वेक्षण के 1/3 उत्तरदाताओं ने संकेत दिया कि इन योजनाओं का चुनाव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। वोटशेयर के मामले में बीजेपी का प्रदर्शन लगभग 2013 के विधानसभा चुनाव जैसा ही रहने की उम्मीद है।
हालांकि, 2023 में कम सीटें मिलने की उम्मीद है, क्योंकि छोटी पार्टियों को 2013 की तुलना में 2023 में कम वोट मिलने की उम्मीद है। कांग्रेस को चुनाव बेहतर करने में खासी परेशानी हो सकती है, जब तक कि चुनाव के आखिरी दौर में पार्टी के पक्ष में कोई महत्वपूर्ण रुझान न आए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राज्य के सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं। 41 फीसदी उत्तरदाताओं ने उनके प्रदर्शन को उत्कृष्ट बताया, जबकि 36 फीसदी ने उनके काम को संतोषजनक बताया। 21 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि उनका प्रदर्शन बेहद खराब था। उधर, सीएम के रूप में कमलनाथ के कार्यकाल को 21 फीसदी मतदाताओं ने बेहतर बताया है। 5 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि उमा भारती ने अपने 1 साल के छोटे कार्यकाल के दौरान सबसे अच्छा प्रदर्शन किया, जबकि 3 फीसदी ने कहा कि सीएम के रूप प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार के प्रदर्शन से भी सत्तारूढ़ भाजपा को फायदा हो रहा है। 54 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री का प्रदर्शन उत्कृष्ट था, जबकि 35 फीसदी ने कहा कि उनका प्रदर्शन संतोषजनक था। केवल 22 उत्तरदाताओं ने कहा कि वे प्रधानमंत्री के प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हैं। आंकड़ों से संकेत मिलता है कि जहां पीएम मोदी बीजेपी की लोकप्रियता को आगे बढ़ा रहे हैं और मुख्यमंत्री भी काफी लोकप्रिय बने हुए हैं, वहीं बीजेपी को मौजूदा विधायकों के खिलाफ काफी कड़ी सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ सकता है। सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि 41 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे मौजूदा विधायक को बदलना चाहेंगे, जबकि 29 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने विधायक को नहीं बदलने की बात की है। 28 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वे विधायक को बदलना चाहेंगे या बनाए रखना चाहेंगे। हालाँकि, राज्य में भाजपा की भी कुछ समस्याएं हैं क्योंकि आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतें राज्य के लिए सबसे बड़ी समस्या बनी हुई हैं।
बेरोजगारी प्रदेश में बड़ी समस्या
बेरोजगारी राज्य में एक और बड़ी समस्या बनी हुई है, स्थानीय विकास और किसानों के मुद्दे भी अन्य मुद्दे हैं, जो भाजपा के लिए कुछ समस्याएं पैदा कर सकते हैं। भाजपा ने लाडली बहना योजना के माध्यम से 450 रुपये में एलपीजी सिलेंडर की पेशकश करके महंगाई के मुद्दे पर सेंध लगाने की कोशिश की है, लेकिन यह देखना बाकी है कि क्या वह महंगाई के मुद्दे को कमजोर कर देगी। वह भी तब जबकि चुनाव बहुत करीब आ गया है। राज्य में क्षेत्रीय तस्वीर का बहुत महत्व है। बीजेपी को चंबल, महाकौशल और मालवा के आदिवासी इलाके में वोट और सीटें मिल रही हैं। राज्य के मालवा उत्तर और विंध्य क्षेत्रों में कुछ सीटें खोने की उम्मीद है। इस विधानसभा चुनाव की तुलना में भाजपा को सीटों की बढ़त और कांग्रेस को सीटों की गिरावट का सामना करना पड़ेगा।