विदिशा व गुना में भाजपा को प्रत्याशी तय करने में आ रही मुश्किल

 भाजपा
  • नामांकन शुरु होने के बाद भी नहीं घोषित हो पा रहे उम्मीदवार

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में चुनाव नामांकन की प्रक्रिया शुरु हो गई है। ऐसे में जहां कांग्रेस अब तक दो किस्तों में अपने 229 नामों की घोषणा कर चुकी है तो भाजपा भी पांच सूचियों के माध्यम से अपने 228 नाम घोषित कर चुकी है। इसके बाद भी कांग्रेस में जहां एक तो भाजपा में दो नामों को लेकर पेंच फंसा हुआ है। भाजपा में जिन दो सीटों का मामला उलझा हुआ है उसमें गुना और विदिशा की सीट शामिल है।
दरअसल भाजपा का गढ़ होने के बाद भी भाजपा को बीते चुनाव में विदिशा सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। इस सीट पर कांग्रेस के शशांक भार्गव ने मुकेश टंडन को हराया था। टंडन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेहद करीबी माने जाते हैं। वे इस बार भी टिकट के दावेदार बने हुए हैं। टंडन का नाम मुख्यमंत्री द्वारा आगे बढ़ाया गया था, लेकिन संगठन उनके नाम पर सहमत नहीं हैं, जिसकी वजह से सीट को होल्ड पर रखा गया है। भाजपा इस सीट पर टंडन की जगह जिताऊ चेहरा की तलाश में लगी हुई है। इस सीट पर पूर्व वित्त मंत्री राघवजी भाई की बेटी पूर्व नपा अध्यक्ष ज्योति शाह के नाम पर भी विचार किया जा रहा है। बताया जाता है कि पार्टी हाईकमान ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा से एक बार और विचार मंथन कर प्रत्याशी के नाम पर सलाह मांगी है। विदिशा जिले की पहचान संघ और भाजपा के गढ़ के रूप में होती है, इसके बाद भी बीते चुनाव में मिली हार को गंभीरता से लिया जा रहा है। इस बार पार्टी हर हाल में इस सीट पर केसरिया फहराना चाहती है। यही वजह है कि इस सीट पर मंथन का दौर जारी है। 2013 के चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधनी के साथ विदिशा से भी चुनाव लड़ा था। दोनों सीटों पर विजयी रहने पर उन्होंने विदिशा सीट छोड़ दी थी। इसके बाद हुए उपचुनाव में भाजपा के कल्याण सिंह ने यहां से जीत दर्ज की थी। इसके बाद बीते चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काटकर मुकेश टंडन पर दांव लगाया था, जो गलत साबित हुआ। गौरतलब है कि 2018 में भाजपा को जिले की 5 में से चार सीटों पर जीत मिली थी, लेकिन विदिशा सीट पर उसे हार का सामना करना पड़ा था। गौरतलब है कि पूर्व वित्त मंत्री राघवजी ने पिछले सप्ताह केंद्रीय मंत्री व प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव से भी मुलाकात की थी।
गुना में दो दावेदारों में फंसा पेंच
गुना सीट पर बीते चुनाव में जीत दर्ज कर भाजपा लगातार जीतने की हैट्रिक लगा चुकी है। बीते चुनाव में यहां से गोपी लाल जाटव ने जीत दर्ज की थी। उनका नाम इस बार भी तय माना जा रहा था, लेकिन ऐन वक्त पर श्रीमंत कैंप ने उनके नाम पर वीटो लगा दिया है, जिसकी वजह से यहां पर पेंच फंस गया। अब जाटव के विकल्प के तौर पर एक और जाटव का नाम सामने आया है। दरअसल श्रीमंत कैंप द्वारा लगाए गए वीटो की वजह है, राज्यसभा चुनाव के दौरान की गई क्रॉस वोटिंग। इस सीट पर जाटव की जगह पूर्व विधायक पन्ना लाल शाक्य का नाम विकल्प के तौर पर दिया गया है। पार्टी इस सीट पर अब प्रत्याशी बदलने से होने वाले लाभ हानि का गुणाभाग कर रही है। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। बीते चुनाव में गोपीलाल जाटव को 84,149 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के चंद्र प्रकाश अहिरवार को महज 50,482 वोट मिले थे। कांग्रेस ने इस सीट पर पंकज कनेरिया को  उम्मीदवार घोषित किया है। यह सीट श्रीमंत के परिवार के प्रभाव वाली मानी जाती है। इसकी वजह है यहां से पूर्व में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित पूर्व में उनके पिता स्व. माधव राव सिंधिया और दादी विजयाराजे सिंधिया भी सांसद रह चुकी हैं।  

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