- भाजपा के 200 तो कांग्रेस के खाते में आ सकते हैं एक सैकड़ा जनपद अध्यक्ष
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में जनपद पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होते ही सभी की निगाहें उसके परिणामों पर लग गई हैं। इसके लिए भाजपा व कांग्रेस दोनों दलों के बड़े नेता बीते कई दिनों से सक्रिय बने हुए हैं। माना जा रहा है की जनपद की दो तिहाई सीटों पर भाजपा का अध्यक्ष चुने जा सकते हैं।
दरअसल प्रदेश के 313 जनपद पंचायतों में से करीब 200 में भाजपा समर्थक सदस्य तो वहीं 52 जिला पंचायतों में से 30 में भाजपा समर्थकों की जीत होने का दावा किया जा रहा है। भाजपा संगठन अब इन सीटों पर अपने अध्यक्ष बनवाने के लिए पूरा जोर लगा रही है। पिछली बार भाजपा के करीब 225 जनपद और 40 जिला पंचायत अध्यक्ष बने थे। उधर, सदस्यों की खरीद-फरोख्त व एक दूसरे दलों के समर्थन के डर से दोनों दलों द्वारा सदस्यों के निर्वाचन के परिणाम आने के बाद से पूरी तर हसे बाड़ेबंदी की दी गई थी। इसके तहत सदस्यों को ऐसी जगहों पर ले जाया गया था की प्रतिद्वंदी दल का कोई नेता उनसे संपर्क नहीं कर सके। अब जनपद अध्यक्ष के लिए आज से निर्वाचन शुरू होने की वजह से उनकी वापसी शुरू हो चुकी है।
गौरतलब है की उधर, गैर दलीय आधार पर होने वाले पंचायत चुनाव में भी राजनैतिक दलों का अप्रत्यक्ष रूप से पूरा दखल रहता है। भाजपा ने भी जिला और जनपद पंचायतों में अपने समर्थित प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा था , लेकिन कई जगहों पर उनकी जगह पार्टी के बागियों ने जीत हासिल कर पार्टी की मंशा पर पानी फेर दिया। अब इन जीते हुए बागियों को मनाकर पार्टी नेता जिला पंचायत और जनपद अध्यक्ष के लिए चुनावी गणित में उलझे हुए हैं। जनपद और जिला पंचायत के अध्यक्षों का निर्वाचन अजा व कल दो दिन में किया जाना है। यही वजह है की बीते रोज इन चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीडी शर्मा द्वारा एक दिन में दो बार मंत्रणा की गई। इसमें जिन जिलों में भाजपा समर्थित सदस्य अधिक नहीं जीते हैं, यहां जिला और जनपद अध्यक्ष बनाने को लेकर मंथन किया गया। मुख्यमंत्री ने आज का अपना दिन जनप्रतिनिधियों और पार्टी नेताओं से मुलाकात के लिए रिजर्व रखा है।
पहले चरण में आज प्रदेश के 170 जनपद और दूसरे चरण में 143 जनपद अध्यक्षों का चुनाव किया जाना है। मप्र में तीन चरणों में हुए पंचायत चुनावों के बाद अर्ब जनपद और जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के निर्वाचन का है। माना जा रहा है की ग्राम सरकार में भी भाजपा का दबदबा रह सकता है। जिन जिलों में जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव में भाजपा समर्थकों को अधिक जीत मिली है उनमें अलीराजपुर, अशोकनगर, इंदौर, उज्जैन, कटनी, खंडवा, गुना, ग्वालियर, डिंडौरी, दतिया, नरसिंहपुर, निवाड़ी, नीमच, पन्ना, बड़वानी, बुरहानपुर, बैतूल, रतलाम, रायसेन, विदिशा, शाजापुर, श्योपुर, हरदा, नर्मदापुरम और सागर आदि जिले शामिल हैं।
भोपाल में बराबरी की टक्कर
भोपाल जिले की दो जनपद फंदा और बैरसिया में अध्यक्ष की कुर्सी का फैसला आज हो जाएगा। फंदा जनपद के 25 में से 13 वार्ड में भाजपा समर्थकों ने जीत हासिल की है, जबकि 6 वार्ड में कांग्रेस समर्थक और 6 ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। बैरसिया जनपद पंचायत अध्यक्ष का पद अनारक्षित वर्ग की महिला के लिए आरक्षित है। भाजपा जहां अपना अध्यक्ष बनाने के लिए पूरा जोर लगा रही है, वहीं संख्याबल में कांग्रेस पिछड़ रही है। इसके बाद भी जनपद में बहुमत को लेकर दोनों ही दल अपने-अपने दावे कर रहे हैं। फंदा में भाजपा और कांग्रेस में टक्कर की प्रमुख वजह है अध्यक्ष का फैसला स्वतंत्र सदस्यों के हाथ में होना। इस जनपद के 25 में से 12 सदस्य किसी दल से नहीं आते हैं। इस जनपद में 6 पर बीजेपी समर्थकों ने और कांग्रेस ने सात सीटों पर जीत तय की है। वहीं बैरसिया में भाजपा को 18 सदस्यों का समर्थन मिलने से उसकी जीत तय मानी जा रही है। फंदा जनपद में भाजपा की ओर से प्रमोद मेवाड़ा और पूर्व जनपद अध्यक्ष आरती यादव तो कांग्रेस की तरफ से सुरेश नागर और रावल मण्डलोई की दावेदारी है। फंदा जनपद अध्यक्ष का पद ओबीसी कैटेगिरी के लिए रिजर्व है। उधर, बैरसिया जनपद पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा की तरफ से लता कुबेर सिंह गुर्जर सबसे बड़ी दावेदार हैं। भाजपा द्वारा यहां पर कांग्रेस के कुछ सदस्यों को अपने पाले में कर लेने की खबर है। बैरसिया जनपद अध्यक्ष का पद अनारक्षित महिला के लिए आरक्षित है।
मंत्रियों और विधायकों के अलावा दिग्गज भी मैदान में
जनपद पंचायतों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू हो गई है जो कल भी जारी रहेगी। वहीं, जिला पंचायत के अध्यक्ष का चुनाव शुक्रवार को होना है। भाजपा ने अपने समर्थित जिला पंचायत-जनपद पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाने की जिम्मेदारी मंत्रियों के साथ वरिष्ठ विधायकों को दी हुई है। जिलों में इसके लिए पंचायत सदस्यों की बाड़ेबंदी पहले ही की जा चुकी है। मंत्री-विधायक स्थानीय स्तर पर डेरा डालकर निगरानी कर रहे हैं। इसके लिए मंगलवार को सीएम हाउस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के बीच तीन घंटे लंबी बैठक हुई। इसमें पंचायत और नगरीय निकाय के लिए विस्तार से नामों की समीक्षा हुई। भाजपा संगठन ने जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, नगर पालिका अध्यक्ष, सभापति और नेता प्रतिपक्ष बनाने के लिए पर्यवेक्षकों को सभी जिलों और निकायों में भेजा है। इसके लिए सागर में मंत्री भूपेंद्र सिंह और गोविंद सिंह राजपूत तो ग्वालियर-चंबल में मंत्री भारत सिंह कुशवाह निगरानी में लगे हुए हैं। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और श्रीमंत भी सक्रिय हैं। मालवा-निमाड़ में राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, तुलसी सिलावट और उषा ठाकुर इसी काम को देख रहे हैं।
इन जिलों में कांग्रेस को मिली सफलता
इसी तरह से कांग्रेस को जिन जिलों में सफलता मिली है उनमें भोपाल, जबलपुर, उमरिया, अनूपपुर, झाबुआ, देवास, बालाघाट, सिवनी, राजगढ़, सिंगरौली तथा छिंदवाड़ा जिले में कांग्रेस समर्थक अध्यक्ष बनेंगे। जबकि रीवा, शहडोल, शिवपुरी, सतना, सीधी, सीहोर, आगर-मालवा, खरगोन और छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह, धार, मंडला, मंदसौर जिले में भाजपा व कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर के हालात बने हुए हैं।