भाजपा ने सभी 64,226 बूथो से मंगवाई रिपोर्ट

  • जिन मतदान केंद्रों पर कम हुई वोटिंग उसका भी आंकलन
  • गौरव चौहान
भाजपा

मप्र में भाजपा को विश्वास है कि पार्टी की सत्ता बरकरार रहेगी। फिर भी पार्टी अपने स्तर पर वोटों का आंकलन कर जीत के लिए पूरी तरह आश्वस्त होना चाहती है। इसके लिए पार्टी ने अपने बूथ एजेंटों से वोटिंग की जानकारी के साथ काउंटिंग का अनुमान भी मांगा है। हर बूथ प्रभारी को एक फॉर्मेट दिया गया है, जिसमें उस बूथ पर वोटिंग की हर डिटेल जानकारी मांगी गई है। साथ ही यह अनुमान भी पूछा है कि पार्टी को कितने वोट मिलेंगे? इस जानकारी के आधार पर पार्टी चुनाव में हार जीत का अनुमान तो लगाएगी ही, इसके अलावा यह डाटा मतगणना तैयारी में भी काम आएगा।
गौरतलब है कि इस बार प्रदेश में रिकॉर्ड मतदान हुआ है। ऐसे में भाजपा काफी उत्साहित है। पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है कि प्रदेश में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए भाजपा ने जो अभियान चलाया था, उसी का ही परिणाम है कि प्रदेश में बंपर वोटिंग हुई है। लेकिन भाजपा किसी गलतफहमी में नहीं रहना चाहती है। इसके लिए पार्टी ने एक-एक वोट का गणित लगा रही है। विधानसभा चुनाव में कम मतदान वाले बूथों की भाजपा समीक्षा में जुटी हुई है। इसके लिए पार्टी मुख्यालय ने सभी 64,626 बूथों से रिपोर्ट मंगाई है। जिन मतदान केंद्रों पर कम वोटिंग हुई है, उसके कारणों को जानने के साथ ही बूथ प्रभारी के प्रदर्शन का आंकलन भी किया जाएगा। यह रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को भी भेजी जाएगी। वहीं, जिन मतदान केंद्रों पर प्रभारियों ने लापरवाही की है, उनकी सूची भी तैयार की जाएगी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत को लेकर आंकलन अलग से होगा। पार्टी पदाधिकारियों का मानना है कि प्रदेश में इस बार रिकार्ड 77.15 प्रतिशत जो मतदान हुआ है, उसमें बूथ प्रबंधन की भी भूमिका रही है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व की रणनीति और 64 हजार 626 बूथों पर प्रभारियों की मेहनत का परिणाम है कि भाजपा इस बार पूर्ण बहुमत से विजय प्राप्त कर सरकार बना रही है।
जीत के लिए आश्वस्त भाजपा
विगत दिनों प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी कार्यालय में अलग-अलग जिलों से आए कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया। कार्यकर्ताओं ने बताया कि चुनाव में पार्टी की केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को लेकर सकारात्मक वातावरण था। लाड़ली बहना योजना का लाभ भी मिल रहा है। कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा। कई जगहों पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हमारे कार्यकर्ताओं को लेकर झूठी शिकायतें करके परेशान करने का काम किया। शर्मा ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आप अकेले नहीं हैं, पूरी पार्टी एक-एक कार्यकर्ता के साथ खड़ी है। गौरतलब है कि भाजपा ने बूथ विजय के लिए माइक्रो  मैनेजमेंट प्लान बनाकर बूथ प्रबंधन का कार्य किया था। पार्टी कार्यकर्ता और प्रवासी कार्यकर्ता 230 विधानसभाओं के 64 हजार 626 बूथों के हर घर, पगडंडी, चौपाल, गली, मोहल्ला पहुंचे थे और जनता के समक्ष पार्टी के समर्थन में वोट मांगने का काम किया था। भाजपा के 57 संगठनात्मक जिलों, 1093 मंडलों में तैनात 68 लाख से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं, 1,75,241 नव कार्यकर्ताओं ने चुनाव में विजय के लिए दिन-रात एक कर दिए थे।
पार्टी को कितने वोट मिलेंगे
जानकारी के अनुसार भाजपा ने अपने बूथ एजेंटों से वोटिंग की जानकारी के साथ काउंटिंग का अनुमान भी मांगा है। हर बूथ प्रभारी को एक फॉर्मेट दिया गया है, जिसमें उस बूथ पर वोटिंग की हर डिटेल जानकारी मांगी गई है। साथ ही यह अनुमान भी पूछा है कि पार्टी को कितने वोट मिलेंगे? इस जानकारी के आधार पर पार्टी चुनाव में हार जीत का अनुमान तो लगाएगी ही, इसके अलावा यह डाटा मतगणना तैयारी में भी काम आएगा। उधर, मतदान के तुरंत बाद भाजपा ने एक फटाफट सर्वे कराया था। इस सर्वे में पार्टी को लगभग 121 सीटें मिलने का अनुमान सामने आया। इस सर्वे ने पार्टी नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। इसके बाद पार्टी ने हर सीट पर डिटेल सर्वे कराने का निर्णय लिया। चुनाव प्रबंधन में लगी टीम को ही डिटेल जानकारी लेने का काम दिया है। सर्वे में कार्यकर्ताओं से कहा जा रहा है कि वे हकीकत बताएं। यानी की  किसी बूथ पर भाजपा हार रही है तो स्पष्ट रूप से लिखें कि पार्टी हारेगी। भाजपा ने चुनाव प्रबंधन के लिए प्रदेश के 64 हजार 626 बूथों को तीन कैटेगरी में बांटा था। ऐसे बूथ जहां पार्टी हमेशा चुनाव हारती है, ऐसे बूथ जहां लोकसभा तो जीतते हैं, लेकिन विधानसभा हार जाते हैं और ऐसे बूथ जहां हमेशा चुनाव जीतते हैं। तीनों कैटेगरी के बूथ पर पार्टी ने मतदान बढ़ाने के निर्देश दिए थे।

Related Articles