- जिन्हें कमजोर मानकर बीते चुनाव में काटा था टिकट, उन्हें इस बार मान लिया जिताऊ
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भाजपा ने अपनी पांच सूचियां में 228 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। दो सीटें गुना और विदिशा होल्ड पर हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में मिली हार को देखते हुए भाजपा इस चुनाव में किसी भी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती है। इसलिए पार्टी ने मिशन 2023 को फतह करने के लिए तपे तपाए नेताओं को टिकट दिया है। यानी इस बार के चुनाव में भाजपा का एक मात्र फोकस जीत पर है। इसलिए पार्टी ने सारे कायदे और फॉर्मूले दरकिनार कर टिकटों का वितरण किया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा कहते हैं कि भाजपा ने जो 92 नाम के प्रत्याशियों की सूची जारी की है, उसमें युवा, अनुभव और ऐसे कार्यकर्ताओं को टिकट दिया गया है जो अच्छे कार्यकर्ता के साथ-साथ सामाजिक कल्याण की दिशा में भी काम कर रहे हैं। इस बार पार्टी ने ऐसे कार्यकर्ताओं को मौका दिया है जो इतिहास बनाएंगे। गौरतलब है कि प्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा इस बार किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती। शायद इसीलिए पार्टी ने प्रत्याशियों की पांचवीं सूची में जहां विधायकों के टिकट तो काटे, लेकिन नए चेहरों पर दांव लगाने के बजाय पुरानों को ही आजमाना बेहतर समझा। शनिवार को घोषित 92 प्रत्याशियों की इस सूची में पुराने चेहरों पर भी दांव लगाया है। कांग्रेस-सपा से आए एक-एक और दो निर्दलीय विधायकों को भी टिकट दिया गया है। जोबट से सुलोचना रावत को टिकट न देकर उनके बेटे का दिया है। बालाघाट में मंत्री गौरीशंकर बिसेन की जगह बेटी मौसम प्रत्याशी हैं। 2018 में विधानसभा चुनाव हारने वाले 20 पूर्व विधायकों को फिर मौका दिया है। पांचवीं सूची में उम्र सीमा का बंधन नजर नहीं आया। विधायक नागेंद्र सिंह गुढ़ और नागेंद्र सिंह (नागौद) की उम्र 80 वर्ष से अधिक है और इन्हें टिकट दिया गया है। विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने डा. सीतासरन शर्मा तो कांग्रेस ने उनके भाई गिरजा शंकर को प्रत्याशी बनाया है। गिरजा शंकर भी भाजपा से विधायक रह चुके हैं। टिमरनी सीट से भाजपा से संजय शाह और कांग्रेस से भतीजे अभिजीत शाह आमने-सामने होंगे।
29 विधायकों के टिकट काटे
भाजपा ने पांचवीं सूची में तीन मंत्रियों सहित 29 विधायकों के टिकट काटे हैं। एससी के आठ और एसटी के सात विधायकों को भी टिकट नहीं दिया गया। तीन मंत्रियों शिवपुरी से यशोधरा राजे सिंधिया, बालाघाट से गौरी शंकर बिसेन और मेहगांव से ओपीएस भदौरिया के अलावा विजयपुर से सीताराम, भांडेर से रक्षा संतराम सरोनिया, कोलारस से वीरेंद्र रघुवंशी (अब कांग्रेस में), चंदला से राकेश कुमार प्रजापति, हटा से पुरुषोत्तम तंतुवाय, त्योंथर से श्याम लाल द्विवेदी, मनगवां से पंचूलाल प्रजापति, चितरंगी से अमर सिंह, सिंगरौली से राम लल्लू वैश्य, देवसर से सुभाष रामचरित, सिहोरा से नंदनी मरावी, मंडला से देव सिंह सैयाम, बासौदा से लीना संजय जैन, शमशाबाद से राजश्री रुद्र प्रताप सिंह, आष्टा से रघुनाथ सिंह मालवीय, नरसिंहगढ़ से राजवर्धन सिंह, सारंगपुर से कुंवर जी कोठार, बागली से पहाड़ सिंह कनौजिया, खंडवा से देवेंद्र वर्मा, पंधाना से राम दांगोरे, नेपानगर से सुमित्रा देवी कास्डेकर, जोबट से सुलोचना रावत, इंदौर-तीन आकाश विजयवर्गीय, उज्जैन उत्तर से पारस जैन, रतलाम ग्रामीण से दिलीप कुमार मकवाना और गरोठ से देवीलाल धाकड़ के नाम शामिल हैं।
मैदान में उतारे सात पूर्व मंत्री
भाजपा ने हारी सीटों को जीतने के लिए दूसरी सूची में जहां तीन केंद्रीय मंत्रियों और सात सांसदों सहित आठ दिग्गज नेता उतारे थे, तो वहीं अब पांचवीं सूची में अलग प्रयोग करते हुए सात पूर्व मंत्रियों को उतारा है। इनमें माया सिंह व सूर्यप्रकाश मीणा को भी टिकट थमा दिसा गया है। इन दोनों का पिछली बार टिकट काट दिया गया था। इस बार भाजपा ने कुल 11 पूर्व मंत्री मैदान में उतारे हैं, जिनमें से सात हारी सीटों और चार जीती सीटों पर चुनावी जंग लड़ेंगे। भाजपा की पांचवीं सूची में वर्ष 2018 में हारे 20 पूर्व विधायकों पर फि र भरोसा जताया है। इनमें से कुछ पूर्व मंत्री भी हैं। इनमें सूबेदार सिंह रजौधा (जीरा), सत्यप्रकाश सखवार (अंबाह ), नरेंद्र सिंह कुशवाह (भिंड), माया सिंह (ग्वालियर पूर्व), नारायण सिंह कुशवाह (ग्वालियर दक्षिण), घनश्याम पिरोनिया (भांडेर), जयंत मलैया (दमोह), उमादेवी खटीक (हट), राजेंद्र मेश्राम (देवसर) हेमंत विजय खंडेलवाल (बैतूल), सूर्य प्रकाश मीणा (श्मशाबाद), नारायण सिंह पंवार (ब्यावरा), अमर सिंह यादव (राजगढ़), राजेंद्र श्यामलाल दादू (नेपानगर), अर्चना चिटनिस (बुरहानपुर), बालकृष्ण पाटीदार (खरगोन), अंतर सिंह आर्य (संघवा), वेल सिंह भूरिया (सरदारपुर), मथुरालाल (रतलाम ग्रामीण), चंदर सिंह सिसोदिया (गरोठ ) को एक बार फि र टिकट दिया गया है।