- कैग की रिपोर्ट में … प्रदेश के 57 जिला कोषालयों की खुली पोल
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में शासकीय कर्मचारियों के वेतन भुगतान में अरबों रूपए की गड़बड़ी सामने आई है। कैग की रिपोर्ट में कुल मिलाकर 1248 करोड़ का गड़बड़झाला सामने आया है। जिसमें शासकीय कर्मचारियों को होने वाले वेतन भुगतान में 251 करोड़ की गड़बड़ी सामने आई है, जबकि मजदूरी बांटने में 387 करोड़, सहायक अनुदान में 257 करोड़ तथा परिसंपत्तियों के मामले में भी 237 करोड़ का भुगतान गलत ढंग से किए जाने की गड़बड़ी का खुलासा सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में किया है। इसके अलावा मशीनरी क्रय करने में भी सरकार को 35.57 करोड़ की चपत लगी है।
गौरतलब है कि मप्र सरकार के लेनदेन का कार्य जिला कोषालयों से किया जाता है। इसके लिए 57 जिला कोषालय संचालित हैं, लेकिन शासकीय कर्मचारियों को बांटे जाने वाले वेतन, मजूदरी पर रखें गए श्रमिकों के भुगतान और सहायक अनुदान राशि आवंटन में भी गड़बड़ियां धड़ल्ले से चल रही है। खासकर सहायक अनुदान के तहत 494 करोड़ 69 लाख रुपए की राशि जारी की गई थी, जिसमें से 257 करोड़ का भुगतान गलत ढंग से किया गया। इसके अलावा क्षतिपूरक वनीकरण योजना में भी 5,196 करोड़ रुपए राष्ट्रीय कोष में जमा थे और वर्ष 2020 के दौरान इसमें से कोई भुगतान नहीं किया गया। केवल ब्याज के रूप में ही 3.39 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है।
भूमि अधिग्रहण और मशीनरी क्रय में भी घालमेल
सीएजी की रिपोर्ट कहती है कि कलेक्टरों ने भूमि अधिग्रहण के मामले में 1.10 करोड़ का त्रुटिपूर्ण भुगतान कर दिया, वहीं मशीनरी क्रय करने में 35.57 करोड़ और मुख्य निर्माण कार्यों में 1.15 करोड़ रुपए अधिक खर्च किए गए हैं। वहीं यात्रा भत्ता 2.17 करोड़, परीक्षा एवं प्रशिक्षण 1.85 करोड़, सेमीनार, कार्यशाला पर 25 लाख, प्रचार-प्रसार में 11 लाख, अंशदान देने में 2.97 करोड़ और डिक्री धन का भुगतान करने में सरकार को 63 लाख रुपए की चपत लगी है। उधर, भारतीय रिजर्व बैंक में जमा राशि 4,623.28 करोड़ के जांच प्रतिवदेन में पाया गया कि रोकड़ में शेष राशि 4,589.24 करोड़ पाई गई, इस तरह 34.04 करोड़ रुपए का अंतर पाया गया।