कश्मीर फाइल्स: बड़बोले नियाज के बड़े बोल

कश्मीर फाइल्स
  • सरकार के नोटिस पर… दिए जवाब में बताई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। कश्मीरी पंडितों के पलायन पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर किए गए ट्वीट के बाद मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस अफसर नियाज खान ने अपना जवाब दे दिया है। उन्होंने कश्मीर फाइल्स को लेकर किए गए ट्वीट को लेखक के नाते अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बताया है। नियाज ने फिल्म को लेकर एक-एक कर दो ट्वीट में  लिखा था कि मुस्लिम कीड़े नहीं हैं। उनके नरसंहार पर भी फिल्म बनाना चाहिए। उनके इस ट्वीट के बाद बवाल मच गया था। इस ट्वीट के बाद फिल्म के निर्देशक अग्निहोत्री ने ट्वीट कर लिखा था, सर, नियाज खान साहब, 25 मार्च को भोपाल आ रहा हूं। आपसे मिलकर विचारों का आदान-प्रदान करूंगा। तब नियाज ने कहा था, हम उनसे मांग करेंगे कि आप पीएम के करीबी हैं और उनसे रिश्ते अच्छे हैं, इसलिए आप मेरी कश्मीर में पोस्टिंग करा दीजिए और पंडितों के पुनर्वास का काम दिला दीजिए। पुनर्वास के काम में शानदार रिजल्ट देने का वादा करता हूं। नियाज के ट्वीट के कारण मचे बवाल के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने सिविल सेवा आचरण नियम 1968 का हवाला देते हुए उन्हें 24 मार्च को नोटिस जारी किया था। नोटिस में कहा गया था कि नरसंहार और कीड़े जैसे शब्दों के प्रयोग से वैमनस्यता  को बढ़ावा मिलता है। पीएम से पदस्थापन के लिए सिफारिश कराना भी सिविल सेवा आचरण नियम के विपरीत है। लिहाजा आपका यह कृत्य नियमों के अनुरूप नहीं होकर अनुशासनहीनता,
स्वेच्छाचारिता एवं गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आता है नियाज को जवाब देने के लिए सात दिन का वक्त दिया गया था। नियाज ने सात दिन का वक्त और मांगा था। मंत्रालय सूत्रों की माने तो नियाज ने दो दिन पहले अपना जवाब भेज दिया है। उन्होंने लिखा, किए गए ट्वीट लेखक के नाते अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। ट्वीट देश की एकता के लिए है, वैमनस्यता को बढ़ावा देने के लिए नहीं है। उन्होंने इसके लिए तमाम तर्क भी दिए हैं। बताते हैं कि अभी तक सामान्य प्रशासन विभाग ने उनके जवाब के बारे में कोई फैसला नहीं लिया है।
बॉबी ने कोर्ट से मांगी कार्रवाई से मुक्ति
 हिंदी बेव सीरीज आश्रम को लेकर चल रहे विवाद में नाम आने के बाद अभिनेता बाबी देओल ने भोपाल जिला अदालत में अर्जी दाखिल कर कहा है कि फिल्म को बनाने में मेरा कोई रोल नहीं है। मैं अभिनेता हूं और मुझे इस प्रकरण में कोर्ट की कार्रवाई से मुक्त रखा जाए। अदालत में इस प्रकरण की 11 अप्रैल को पेशी है। दरअसल वेव सीरीज आश्रम के कंटेंट पर मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस अफसर नियाज खान ने अपना दावा ठोका है। नियाज ने अपने वकील सचिन नायक के जरिए वेव सीरीज आश्रम के निर्माता मैक्स प्लेयर सिंगापुर, निर्देशक प्रकाश झा, लेखक हबीब फैजल और अभिनेता बाबी देओल पर कंटेंट चोरी करने का आरोप लगाते हुए 50 करोड़ का हर्जाना मांगा है। इसी मामले में अदालत ने सभी को नोटिस जारी किया था। नोटिस जारी करने के बाद देओल ने अदालत में अर्जी लगाई है। नियाज के वकील नायक के मुताबिक, मेरे मुवक्किल ने अनटोल्ड सीक्रेट आॅफ माय आश्रम के नाम से एक अंग्रेजी उपन्यास लिखा है। उन्होंने यह उपन्यास 2014 में लिखना शुरू किया था और 2016 में इसका प्रकाशन किया गया था। वर्ष 2020 में बेव सीरीज के निर्देशक प्रकाश झा ने आश्रम के नाम से एक फिल्म बनाई थी। फिल्म का कंटेंट, स्टोरी और थीम नियाज के उपन्यास से ली गई है। उपन्यास में दर्ज बहुत सारे तथ्य फिल्म में दिखाए गए हैं। किसी भी किताब का कंटेंट उपयोग करने के लिए संबंधित की सहमति जरूरी है। फिल्म के निर्माता और निर्देशक ने इसकी सहमति नियाज से नहीं ली थी। यह कॉपीराइट एक्ट की धारा- 63 का सीधे तौर पर उल्लंघन है, इसलिए हमने हर्जाना मांगा है। उनकी  याचिका के आधार पर अदालत ने सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है।

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