कमलनाथ के खिलाफ कांग्रेस में बड़ी साजिश!

कमलनाथ
  • आखिर कौन बिगाड़ रहा कांग्रेस नेता की छवि?

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। वर्तमान समय में कांग्रेस के वफादार और 10 जनपथ के करीबियों में जिन नेताओं का नाम लिया जाता है, उसमें मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का नाम सबसे ऊपर है। लेकिन विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद जिस तरह कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी से हटाया गया है ,उसको लेकर उनके खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है। इसी कड़ी में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक संदेश में कहा गया है कि कमलनाथ ने 21 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा है, जिसके बाद अटकलें तेज हो गईं। संदेश ने ये अटकलें भी तेज कर दीं कि कमलनाथ के बेटे और छिंदवाड़ा के सांसद नकुलनाथ भी कांग्रेस से परे विकल्प तलाश रहे हैं। हालांकि, कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने सोशल मीडिया संदेश को अफवाह और साजिश करार देते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री की तरफ से ऐसी किसी मुलाकात की मांग नहीं की गई है। बबेले ने एक आधिकारिक बयान में कहा, यह खबर पूरी तरह से षड्यंत्र है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर कमलनाथ के खिलाफ कौन साजिश कर रहा है। दरअसल, 14 जनवरी को जब मणिपुर से भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शुरू हुई तो उसमें मप्र कांग्रेस के कई नेता शामिल हुए, लेकिन पूर्व सीएम कमलनाथ शामिल नहीं हुए। इसी बीच यह चर्चा चल पड़ी कि कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए समय मांगा है। 21 जनवरी को दोनों की मुलाकात दिल्ली में हो सकती है। ये खबरें तब चल रही हैं कि जब 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। पीएम मोदी से मिलने की खबरों के बीच उनके ऑफिस से सफाई आ गई है। कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबले ने सोशल मीडिया एक्स पर सफाई दी है। सोशल मीडिया पर षडयंत्रपूर्वक इस तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री माननीय कमलनाथ ने प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा है। वह 21 जनवरी को प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। यह खबर पूरी तरह षड्यंत्रकारी है। कमलनाथ न तो प्रधानमंत्री से मिलने जा रहे हैं और न ही उन्होंने मिलने के लिए समय मांगा है। इसके अलावा 21 जनवरी को वह दिल्ली में भी नहीं है। उन्होंने आगे लिखा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि एक संगठित साजिश के तहत पिछले कुछ दिन से लगातार कमलनाथ के विषय में झूठी और बेबुनियाद अफवाहें फैलाई जा रही हैं। इस तरह की हरकतें अत्यंत निंदनीय हैं।
कमलनाथ को लेकर लगातार अफवाहें
दरअसल, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को उम्मीद थी कि कमलनाथ की सरकार आएगी। परिणाम आने के बाद कांग्रेस की करारी हार हुई। इसके बाद कमलनाथ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनकी जगह पर जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। कमलनाथ कुछ दिन पहले ही आकर विधानसभा की सदस्यता ली है। हालांकि इस बार के विधानसभा चुनाव में भी कमलनाथ का गढ़ छिंदवाड़ा अभेद रहा है। वहां की सातों सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है। वहीं, कुछ महीने बाद लोकसभा चुनाव है। मप्र में सिर्फ छिंदवाड़ा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। वहीं, कमलनाथ सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर चलते हैं। साथ ही बीच-बीच में आलाकमान के साथ नाराजगी की खबरें भी उड़ती रहती हैं। पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान कमलनाथ ने भाजपा का मुकाबला करने के लिए खुद को भगवान हनुमान के भक्त के रूप में पेश किया था। हालांकि, भगवा पार्टी 230 विधानसभा सीटों में से 163 सीटें जीतने में कामयाब रही। कमलनाथ ने बीते गुरुवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से मुलाकात की थी, जिससे अटकलें तेज हो गईं। हालांकि, मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसे औपचारिक मुलाकात बताया। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने से इनकार किए जाने के बाद कमलनाथ और उनके बेटे नकुल नाथ ने छिंदवाड़ा में एक सप्ताह लंबे धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया है।
कौन है साजिश की पीछे
कल तक मप्र कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता जय जय कमलनाथ करते थे लेकिन चुनावी हार के बाद अब कमलनाथ के विरुद्ध कांग्रेस के अंदर ही षड्यंत्र शुरू हो गए हैं। दिल्ली और भोपाल के नेताओं की एक मंडली ने पहले कमलनाथ के सिर हार का ठीकरा फोड़ा और अचानक उन्हें पीसीसी प्रमुख के पद से हटवा दिया। इसी षड्यंत्र के तहत प्लानिंग के तहत एक खबर सोशल मीडिया पर फैलाई गई कि कमलनाथ 21 जनवरी को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने जा रहे हैं। इस खबर में दावा किया गया कि वे अपने बेटे नकुलनाथ या पुत्रवधू को जल्द ही भाजपा में भेज सकते हैं और 21 जनवरी की प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात का उद्देश्य यही है। कांग्रेस प्रवक्ता पीयूष बबेले ने इस खबर का खंडन करते हुए कहा कि कमलनाथ का 21 जनवरी को प्रधानमंत्री से मिलने का कोई कार्यक्रम नहीं है। सवाल उठता है कि कमलनाथ के विरुद्ध यह साजिश मप्र में कौन कर रहा है? हमारे सूत्र बताते हैं कि दिल्ली में महामंत्री संगठन केसी वेणुगोपाल और विधानसभा में प्रभारी बनाकर भेजे गए रणदीप सुरजेवाला के साथ कमलनाथ की पटरी विधानसभा चुनाव में ही उतर गई थी। ऐसे में संभावना है कि दोनों नेताओं ने मप्र में कमलनाथ को पूरी तरह से अलग थलग करने का खेल शुरू कर दिया है।

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