- राजपूत और ठाकुर के बीच सुलह की कवायद
- गौरव चौहान

सागर के दो नेताओं के बीच वर्चस्व की जंग अब सामाजिक स्तर पर भी देखी जा रही है। आलम यह है कि शूरवीर महाराणा प्रताप की मूर्ति के स्थापना स्थल के चयन पर रार शुरू हो गई है। पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्रसिंह ठाकुर और केबिनेट मंत्री गोविंदसिंह राजपूत के घरानों में बंट चुके क्षत्रिय समुदाय में ऊहापोह की स्थिति है। हालांकि बीते 48 घंटे में इस मामले में दो-एक डेवलपमेंट हुए हैं। पहला ये कि मूर्ति स्थापना में सबसे बड़ा रोड़ा बन रहा मूर्तिकार का पेमेंट हो चुका है। क्षत्रिय महासभा जिला सागर के अध्यक्ष लखनसिंह बामोरा के अनुसार नगर निगम सागर ने ग्वालियर के मूर्तिकार को 50 प्रतिशत राशि ट्रांसफर कर दी है। दूसरा ये है कि बुंदेलखंड में क्षत्रिय समाज के दोनों दिग्गज भाजपाई केबिनेट मंत्री गोविंदसिंह राजपूत और पूर्व मंत्री व वरिष्ठ विधायक भूपेंद्रसिंह के बीच सुलह कराए जाने के संबंध में समाज के वरिष्ठजन सोचने लगे हैं। गौरतलब है कि सागर में महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापना स्थल को लेकर घमासान मचा हुआ है। पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के भतीजे और क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष लखन सिंह बामौरा प्रतिमा को नगर निगम सिटी स्टेडियम के बाहर स्थापित कराना चाहते हैं। लेकिन, दूसरी तरफ मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के भाई और जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा केंद्रीय जेल की बाउंड्री के पास आईजी बंगले के सामने स्थापित कराने की बात रखी है। प्रतिमा स्थापना को लेकर चल रही खींचतान के बीच जिला क्षत्रिय समाज ने शुक्रवार को एक बैठक बुलाई। जिसमें 5 निर्णय लिए गए हैं। इसमें शहर के क्षत्रिय समाज के दो घरानों की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और आपसी मतभेद खत्म करने के लिए समिति बनाई गई है। इस समिति में समाज के बुजुर्ग और युवाओं को शामिल किया गया है। समिति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह से बात करेगी। समाज के कृष्णा सिंह महुआखेड़ा ने बताया कि समिति बातचीत के बाद मंत्री राजपूत और पूर्व मंत्री सिंह के बीच चले आ रहे मतभेदों को खत्म करने का प्रयास करेगी। क्योंकि उनके बीच कोई बड़े मतभेद नहीं है जो भी छोटी-छोटी बातें हैं, उन्हें समाज के साथ मिलकर दूर किया जाएगा।
समाज तय करेगा जगह
दरअसल, सागर शहर में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा की स्थापना की जानी है। इसके लिए 1 करोड़ की राशि स्वीकृत हो चुकी है। प्रतिमा का ग्वालियर में निर्माण चल रहा है। लेकिन प्रतिमा स्थापना के लिए जगह को लेकर खींचतान चल रही है। ऐसे में जिला क्षत्रिय समाज ने निर्णय लिया है कि महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापित करने के लिए समाज के वरिष्ठजन जगह चिंहित करेंगे। आपस में समाज के सभी लोग संभावित स्थानों का निरीक्षण करेंगे। जिसके बाद जगह तय की जाएगी। यह निर्णय पूरे समाज को मान्य होगा। सागर जिले के संस्थापक राजा उदेन शाह की स्मृति में शहर के चारों मुख्य मार्गों पर प्रवेश द्वार बनवाने के लिए प्रक्रिया शुरू की जाएगी। क्षत्रिय समाज का नया विशाल भवन निर्माण कराया जाएगा। इसके साथ ही 29 अप्रैल को महाराणा प्रताप जयंती के दिन शहर में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। स्वीडिश मिशन स्कूल से जुलूस निकाला जाएगा जो शहर के मुख्य मार्गों से होकर मोतीनगर स्थित पद्माकर सभागार पहुंचकर समाप्त होगा। इसी दिन महाराणा प्रताप की प्रतिमास्थल का भूमिपूजन करने का निर्णय लिया गया है।