कागजी नसबंदी में फंसा भोपाल नगर निगम

भोपाल नगर निगम
  • मुर्गी के डॉक्टर को एनिमल का चार्ज का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भोपाल नगर निगम में कुत्तों की नसबंदी और मुर्गी के डॉक्टर को एनीमल का चार्ज देने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इसको लेकर नगर निगम में हडक़ंप मच गया है। दरअसल, पीपुल्स फॉर एनिमल ने नगर निगम कमिश्नर सहित महापौर और एडीसी को नोटिस जारी किया है। वहीं मेनका गांधी ने महापौर को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए हैं। महापौर को लिखे पत्र में मेनका गांधी ने आरोप लगाया है कि निगम के वेटनरी डॉक्टर एसके श्रीवास्तव मुर्गी के डॉक्टर है। लेकिन इन्हें एनीमल का चार्ज दे रखा है। यह मामला सामने आते ही विवाद गर्मा गया है। दरअसल एक सप्ताह पहले अयोध्या नगर इलाके में एक 7 महीने के मासूम केशव को आवारा कुत्तों ने नोंच-नोंच कर मार डाला। इस घटना के बाद से ही शहर में आवारा कुत्तों के हमले लगातार सामने आ रहे हैं। इधर शहरवासी रोजाना अलग- अलग इलाकों से नगर निगम को आवारा कुत्तों की शिकायतें कर रहे हैं। इन शिकायतों के बाद निगम का डॉग स्क्वाड आवारा कुत्तों को पकड़ रहा है। इस मुहिम के दौरान पैट लवर्स और डॉग स्क्वायड के बीच वाद- विवाद के मामले सामने आ रहे हैं। विवादों के बाद डॉग स्क्वाड की तरफ से थानों में पैट लवर्स के खिलाफ मामले दर्ज हो रहे हैं। पैट लवर्स के खिलाफ एफआईआर और डॉग को पकड़ने के तरीके पर पीपुल्स फॉर एनिमल सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
विवादों में नसबंदी: एक तरफ नगर निगम दावा कर रहा है कि कुत्तों की लगातार नसबंदी हो रही है, वहीं दूसरी तरफ कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। निगम के वेटनरी डॉक्टर एसके श्रीवास्तव भी विवादों में फंस गए हैं। यही डॉक्टर हैदराबाद के एनजीओ के पार्टनर है। जो नसबंदी के नाम पर निगम से 9 करोड़ रुपए ले चुके हैं। प्रति नसबंदी एक हजार से भी जोड़ा जाए तो 10 हजार कुत्तों की नसबंदी हो जाना चाहिए। फिर इतनी बड़ी संख्या में आवारा कुत्ते कहां से आ गए? ऐसे कई ओर आरोप पत्र में लगाए गए हैं। उधर, सांसद मेनका गांधी ने महापौर मालती राय को लिखे पत्र में कहा कि कुत्तों को पुरानी लोकेशन की जगह अलग-अलग कॉलोनियों में फेंक रहे हैं। गलती उस एनजीओ की है, जिनसे डॉ. एसके श्रीवास्तव ने अनुबंध किया है। हैदराबाद के एक एनजीओ ने 9 करोड़ लिए हैं। इस हिसाब से 90 हजार कुत्तों की नसबंदी करनी चाहिए। लेकिन वे डॉ. श्रीवास्तव के पार्टनर हैं। मैंने यह बात कई बार कही है। एनजीओ को पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हटा दिया था। डॉ. श्रीवास्तव वापस ले आए। सबसे पहले डॉ. श्रीवास्तव को हटाए और एक ईमानदार को बिठाए। तीनों अप्रशिक्षित और गैर-मान्यता प्राप्त हैं।
आंकड़ों में घालमेल
पैट लवर्स स्वाति गौरव ने बताया कि निगम का डॉग स्क्वाड नसबंदी वाले कुत्ते सहित एक-दो दिन पहले जन्म देने वाली फीमेल डॉग उठा रहा है। जबकि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक ऐसा नहीं किया जा सकता। वहीं कुत्तों को जिस जगह से उठाया जाता है, वही उन्हें छोडऩा है, लेकिन इसका भी पालन नही हो रहा। निगम के तीन एबीसी सेंटर है। दावा किया जा रहा है कि तीन दिन में 350 कुत्तों की नसबंदी की। जबकि हर सेंटर में 70-80 कुत्तों को रखने की क्षमता है। ऐसे में बाकी कुत्तों की नसबंदी कहां कर दी? जो एनजीओ नसबंदी कर रहे है, वह एडब्ल्यूबीआई से मान्यता प्राप्त नहीं हैं। हैदराबाद के एनजीओ लिए तो बकायदा प्रतिबंधित किया गया है कि इसे कोई नसबंदी का काम न है, लेकिन वेटनरी डॉक्टर एसके श्रीवास्तव के साथ मिलीभगत कर यह एनजीओ काम कर रहा है और हर साल करोड़ों रुपए ले रहा है। वर्ष 2013 के रिकार्ड में 35 हजार कुत्ते भोपाल में थे। जब हर साल निगम 20 हजार कुत्तों की नसबंदी कर रहा है तो दो लाख कुत्ते कहां से आ गए ?
लगातार काट रहे हैं कुत्ते
राजधानी में आवारा कुत्ते लगातार लोगों को काट रहे हैं। अशोका गार्डन क्षेत्र में गुरुवार को फिर एक 14 साल की बच्ची को आवारा कुत्तों ने अपना शिकार बनाया। अचानक कुत्ते के हमले से बच्ची जमीन पर गिर गई। उसके हाथ और पांव में भी चोट आई है। जानकारी के अनुसार रात करीब 9 बजे बच्ची कोचिंग से घर लौट रही थी, इस दौरान मयूर विहार कॉलोनी गली नम्बर में आवारा कुत्तों ने बच्ची को काट लिया। बच्ची का नाम सानिया है। घटना के समय बच्ची की चीख सुनकर आसपास के लोगों ने कुत्तों के हमले से बचाया। वहीं बच्ची के घाव को देखते हुए उसका प्राथमिक उपचार कराने के लिए अस्पताल लेकर गए। रहवासियों ने इसकी शिकायत नगर निगम से भी की है।

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