प्रदेश में ग्राम विकास की योजनाओं में…. फिर मारी भोपाल ने बाजी

ग्राम विकास योजना
  • अशोक नगर व छतरपुर संयुक्त रुप से तीसरे स्थान पर …

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। ग्रामीण विकास की योजनाओं में एक बार फिर से भोपाल जिले ने सभी जिलों को पीछे छोड़कर पहला स्थान हासिल किया है। यह स्थान भोपाल को बीते माह यानि की  फरवरी माह की शासन द्वारा जारी की गई ग्रेडिंग सूची में दिया गया है, जिसमें भोपाल को ए-प्लस का तमगा दिया गया है। भोपाल को यह स्थान मिलने की मुख्य वजह रही है पंचायतों में किये गये कार्यों की वजह से। इसके अलावा जिले में फरवरी माह के दौरान मनरेगा, आवास योजना, आजीविका मिशन, मध्यान्ह भोजन, स्वच्छ भारत, सीएम हेल्पलाइन जैसे मामलों में भी अच्छा काम किया गया है। इस सूची में इंदौर को दूसरा स्थान दिया गया है। गौरतलब है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास के अंतर्गत आने वाले जिला पंचायत भोपाल में दो जनपद पंचायतें आती हैं। इनमें बैरसिया और फंदा जनपद पंचायत शामिल हैं। दरअसल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रदेश के सभी जिलों की प्रगति का आंकलन ग्रेडिंग प्रणाली से किया जा रहा है। जिसमें जिले में चल रही विभिन्न योजनाओं में ग्रेडिंग के लिए 6 घटक निर्धारित किए गए हैं। पंचायत विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं-आजीविका मिशन, महात्मा गांधी नरेगा, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-वाटरशेड, प्रधानमंत्री आवास योजना,मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, स्वच्छ भारत मिशन, पंचायत सेक्टर के प्रगति के आधार पर ग्रेडिंग दी गई है।  28 फरवरी की प्रगति के आंकलन के आधार पर प्रदेश में भोपाल 4.63 अंक के साथ ए प्लस ग्रेड प्राप्त कर प्रथम स्थान पर, इंदौर 4.50 अंक के साथ ए प्लस ग्रेड प्राप्त कर दूसरे स्थान पर है। हालांकि दोनों ही जिलों में मामूली सा अंतर है। भोपाल जिला जहां सभी छह घटकों पर ए ग्रेड पर रहा, वहीं इंदौर पंचायत  बी ग्रेड लेकर पिछड़ गया। अशोक नगर दस पायदान से छलांग लगा कर तीसरे स्थान पर आया है। इस जिले को 4.38 अंक के साथ ए प्लस ग्रेडिंग मिली है। छतरपुर जिला भी तीसरे स्थान पर है। हालांकि इसके पहले यह दूसरे स्थान पर था, लेकिन इस बार यह अशोक नगर के साथ संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर है। मंदसौर जिला भी सातवें से चौथे स्थान पर आया है। इसे 4.25 अंक के साथ ए प्लस ग्रेडिंग मिली है।
5वें और 6वें स्थान पर 3-3 जिले
डिंडोरी, खरगोन और मुरैना संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर हैं। तीनों जिलों को 4.25 अंक के साथ ए प्लस की ग्रेडिंग मिली है। इसमें खरगोन जिला जनवरी में जहां 9 स्थान पर था, डिंडोरी दूसरे पर। इधर, उज्जैन, बालाघाट और ग्वालियर संयुक्त रूप से छठवें स्थान पर है। तीनों जिलों के 4.13 अंक हैं। साथ ही इनकी ग्रेडिंग ए है।
बीते माह भी मिला था पहला स्थान
भोपाल जिला इसके पहले बीते माह भी इस मामले में पहले स्थान पर रह चुका है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास के प्रमुख सचिव द्वारा जनवरी माह की जो ग्रेडिंग जारी की गई थी , उसमें भी भोपाल जिले को पहला स्थान दिया गया था।  पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के जनपद पंचायत स्तर पर क्रियान्वयन और प्रगति प्रतिवेदन के आधार पर प्रति जिला एवं संभागवार ग्रेडिंग की जाती है, जिससे शासन की योजनाओं एवं गतिविधियों का लाभ अधिक से अधिक लोगों को प्राप्त हो सके। ग्रेडिंग होने से शासन की योजनाओं को जिलेवार गति मिल सकेंगी और प्रतिस्पर्धा में प्रत्येक जिले को अच्छा कार्य करने में रूचि आयेगी। जिला अधिकारियों के उत्साहवर्धन के लिए प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रत्येक माह इस तरह की ग्रेडिंग की जाती है।

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