बंगले की परिक्रमा करने वाले बिचौलियों से सावधान रहें

शिवराज सिंह

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में दो साल के इंतजार के बाद तबादलों पर से हटे प्रतिबंधों के बाद अब सरकार को अपनी छवि की चिंता सता रही है। शायद यही वजह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को अपने मंत्रियों को सलाह देनी पड़ी है कि बंगले की परिक्रमा करने वाले बिचौलियों से सावधान रहें। यह समझाइश उन्होंने गत दिवस मंत्रियों को अपने सरकारी आवास पर भोज के लिए बुलाकर दी है। दरअसल सीएम चाहते कि उनकी सरकार की छवि पूर्व की कांग्रेस सरकार पर लगे तबादला उद्योग के आरोपों से दूर रहे। तबादलों पर से कल ही एक माह के लिए प्रतिबंध हटाया गया है, जिसके तत्काल बाद रात्रि भोज पर मुख्यमंत्री द्वारा अपने मंत्रियों को बुलाया गया था। इस भोज में हालांकि कुछ मंत्री बाहर होने की वजह से नहीं पहुंच सके हैं। उधर, मंत्रियों से कहा गया है कि वे हर माह में कम से कर दो दिन प्रभार के जिलों का दौरा अवश्य करें और प्रयास करें की रात्रि विश्राम भी जिले में ही करें।
दरअसल अब सरकार का पूरा फोकस सुशासन पर है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने स्वयं ही इसके लिए उठाए जाने वाले कदमों को लेकर अपने मंत्रियों को दौरों के अलावा कार्यकर्ताओं और संगठन के स्थानीय पदाधिकारियों से मेल मुलाकात करने के साथ ही उनके साथ समन्वय बनाने की भी नसीहत दी गई है। गौरतलब है कि प्रदेश में मंत्रियों को जिले का प्रभार लंबे इंतजार के बाद करीब डेढ़ साल बाद दिया गया है। इसी तरह से तबादलों पर से भी दो साल बाद प्रतिबंध हटाया गया है।
विकास और कानून व्यवस्था पर जोर
रात्रि भोजन पर बुलाए गए मंत्रियों से मुख्यमंत्री ने विकास कामों और बेहतर कानून व्यवस्था के लिए पैनी नजर रखने पर भी जोर दिया है। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि तबादलों के दौरान यह ध्यान रखें की उनकी और सरकार की छवि खराब न हो। इसके अलावा अति आवश्यक ही तबादले किए जाएं और उसकी संख्या सीमित रहे। तबादलों में उनका विशेष ध्यान रखा जाए जो कोरोना सहित अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं। इसके अलावा तय मानदंडों का पूरा पालन करने का भी प्रयास किया जाए।
जनभागीदारी मॉडल पर भी फोकस
मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से कहा है कि वे अपने प्रभार वाले जिलों में जनभागीदारी मॉडल पर भी फोकस करें। इस मॉडल का उपयोग अधिकाधिक रूप से विकास के कामों में हो। उन्होंने कहा कि यह वो मॉडल है जिसे देश के सामने मप्र ने ही पेश किया है। इसके अलावा चौहान ने कानून व्यवस्था की समीक्षा करने के साथ ही इस बात पर भी पूरा ध्यान देने को कहा है कि महिला, बच्चों और अजा, जजा अत्याचार से जुड़े मामलों में पुलिस व प्रशासन संवेदनशील होकर काम करे। इसके साथ ही इसी सप्ताह सभी मंत्री अपने प्रभार के जिलों में जाकर कानून व्यवस्था की समीक्षा जरुर करें। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने जिलों की मौजूदा स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की समीक्षा कर कोविड की स्थिति पर भी लगातार नजर रखने को भी कहा है।
यह मंत्री नहीं पहुंचे सीएम हाउस
बताया जाता है कि बीती रात में मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित भोज में आठ मंत्री नहीं पहुंचे हैं। इन मंत्रियों में महेंद्र सिंह सिसोदिया, मोहन यादव, उषा ठाकुर, प्रद्युम्न सिंह तोमर, ओम प्रकाश सकलेचा, हरदीप सिंह डंग, बृजेन्द्र प्रताप सिंह, रामकिशोर कांवरे और प्रेम सिंह पटेल शामिल हैं। दरअसल यह मंत्री पहले से तय कार्यक्रमों के तहत राजधानी से बाहर थे। अचानक भोज का आयोजन होने की वजह से सभी मंत्रियों को बीते रोज सुबह ही सूचना दी गई जिसकी वजह से यह लोग उसमें शामिल नहीं हो सके। इसकी सूचना इन मंत्रियों द्वारा सीएम सचिवालय को दे दी गई थी।

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