- मप्र में नए सिरे से प्रशासनिक जमावट की तैयारी
विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मुख्य सचिव अनुराग जैन की जोड़ी प्रदेश में अफसरों की मंत्रालय से लेकर मैदान तक नई जमावट करने जा रही है। इसके लिए दोनों में कई दौर की बातचीत हो चुकी है। सरकार की कोशिश है की बेहतर काम करने वाले अफसरों को बड़ी जिम्मेदारी दी जाए। इसके लिए अफसरों की कार्यप्रणाली का आंकलन कर कुंडली बनाई जा रही है। उसके बाद बेस्ट परफॉर्मर को बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। नई जमावट में अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी संजय दुबे और अनुपम राजन के और पॉवरफुल होने की संभावना है। गौरतलब है कि प्रदेश में इन दिनों जिलों से लेकर राजधानी तक और राजधानी से लेकर जिलों तक सिर्फ एक ही बात है कि कलेक्टर-एसपी और मंत्रालय में पदस्थ बड़े अधिकारियों की ट्रांसफर लिस्ट कब आ रही है। कलेक्टरों और कमिश्नरों के साथ ही मंत्रालय में प्रमुख सचिव व अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारियों के दायित्व में परिवर्तन किया जाएगा। पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारियों के भी तबादले होंगे। प्रदेश में अपनी सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रालय से लेकर जिलों में प्रशासनिक आधार पर कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और कमिश्नर बदले थे। अधिकारियों को काम करने के लिए फ्री-हैंड भी दिया। लेकिन अब प्रदेश में नए सिरे से प्रशासनिक अधिकारियों की जमावट होने वाली है।
तबादलों की सूची तैयार
सामान्य प्रशासन विभाग ने तबादलों की सूची तैयार कर ली है और इसे मुख्य सचिव अनुराग जैन के साथ ही मुख्यमंत्री सचिवालय से भी हरी झंडी मिल गई है। इस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी उच्च स्तर पर अफसरों के साथ परामर्श कर लिया है। अब जिस दिन भी मुख्यमंत्री की ओर से निर्देश मिलेंगे, सूची जारी कर दी जाएगी। राज्य सरकार के पास इस समय अफसरों का टोटा है। पिछले माह डीपीसी में महज दो अफसरों को ही प्रमुख सचिव के पद पर पदोन्नत किया जा सका है। इनमें नवनीत मोहन कोठारी और पी. नरहरि शामिल हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि 2001 बैच में महज दो ही अफसर हैं। वहीं दूसरी तरफ दो माह में अपर मुख्य सचिव स्तर के दो अफसर रिटायर हो रहे हैं, इनमें गृह विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे एसएन मिश्रा और अजीत केसरी शामिल है, मिश्रा इसी माह तो केसरी अगले माह रिटायर होंगे। मिश्रा के रिटायरमेंट के बाद 1993 बैच के अनिरुद्ध मुखर्जी को अपर मुख्य सचिव बनाया जाएगा, उनके एक माह बाद संजय शुक्ला को अपर मुख्य सचिव के पद पर पदोन्नत किया जा सकता है।
मंत्रालय में अफसरों की कमी
मंत्रालय में अफसरों की कमी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अपर मुख्य सचिव स्तर के 14 में से महज 9 अफसर ही मंत्रालय में पदस्थ हैं। एसीएस स्तर के एक अधिकारी मोहम्मद सुलेमान को कृषि उत्पादन आयुक्त बनाया गया है जो कि लूप लाइन का ही पद माना जाता है। उनके पास अध्यक्ष पीईबी की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी है। एसीएस केसरी भी अभी पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, जो कि अपेक्षाकृत कम महत्व का है।
प्रमोशन भी है तबादलों की वजह
इस प्रशासनिक सर्जरी में उन आईएएस अफसरों के तबादले हो सकते हैं, जो एक जनवरी को सचिव और अपर सचिव पद पर प्रमोट हुए हैं और वर्तमान में छोटे जिलों में पदस्थ हैं। ऐसे अफसरों को कलेक्टर की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है, या फिर उन्हें बड़े जिलों की कमान दी जा सकती है। इसके अलावा, जिला पंचायतों में सीईओ की भूमिका निभा रहे आईएएस अफसरों को भी कलेक्टर की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है, जिससे प्रशासनिक स्तर पर और अधिक प्रभावी निर्णय लिए जा सकेंगे।
यह एक ही जगह लंबे समय से पदस्थ
प्रदेश में ऐसे कई आईएएस अफसर हैं, जो एक ही जगह कई सालों से जमे हुए हैं। ऐसे अफसरों की संख्या करीब दो दर्जन है। इन सभी का भी बदला जाना तय है। इनमें अशोक कुमार चौहान, नियाज अहमद खान, विनय निगम, प्रीति जैन , भावना वालिम्बे, मल्लिका निगम नागर, अरुणा गुप्ता, शिवशेखर शुक्ला, उषा परमार के अलावा आरपीएस जादौन, राजेश ओगरे, राजेश कुमार कौल, प्रबल सिपाहा, मनीषा सेंतिया, अर्चना सोलंकी और अनय द्विवेदी का नाम शामिल है। इनमें कई अफसर छह तो कई चार और कई तीन सालों से अधिक समय से एक ही जगह पर पदस्थ बने हुए हैं।
15 से अधिक कलेक्टर बदलेंगे
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसरों की पदोन्नति के बाद अब नए सिरे से प्रशासनिक जमावट होना तय है। मिले संकेतों के मुताबिक इसी सप्ताह आईएएस अफसरों के तबादले होंगे, सबसे पहले मैदानी अफसरों की सूची जारी होने की उम्मीद जताई जा रही है, जिसमें तीन संभागायुक्त और 15 से अधिक कलेक्टर बदले जा सकते हैं। इसके बाद मंत्रालय में उच्च स्तर पर नई जमावट होगी। नई जमावट में अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी संजय दुबे और अनुपम राजन के और पॉवरफुल होने की संभावना है। गृह विभाग में एसीएस मिश्रा के रिटायरमेंट के बाद किसी अपर मुख्य सचिव स्तर के अफसर को ही पदस्थ किए जाने की संभावना है। हालांकि अनुपम राजन अब एसीएस के पद पर पदोन्नत हैं और अभी उच्च शिक्षा विभाग में पदस्थ हैं, दूसरी तरफ एसीएस संजय दुबे अभी जीएडी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। ऐसे में इनमें से एक अधिकारी को गृह विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इधर एसीएस नीरज मंडलोई के पास अभी ऊर्जा और लोक निर्माण विभाग का भार है, ऐसे में उनका बोझ कुछ हल्का किया जा सकता है।