खराब सेहत… टिकट पर फेर न दे पानी

खराब सेहत
  • यशोधरा का इंकार उम्रदराजों का बिगाड़ न दे खेल

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। राजनीति में भले ही रिटायरमेंट की कोई सीमा नहीं रहती है, लेकिन कुछ राजनीतिक पार्टियों ने उम्र की दीवार जरूर खड़ी कर रखी है। इन्हीं में से एक हैं भाजपा। लेकिन विडंबना यह है कि जीत की आस में पार्टी उम्रदराज नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने से कोई परहेज नहीं करती है। लेकिन, इस बार मप्र में प्रदेश की खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने सेहत का हवाला देकर चुनाव न लड़ने का निर्णय लेकर खराब सेहत वाले और उम्रदराज नेताओं को चिंता में डाल दिया है। गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान कई नेताओं की खराब सेहत सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी देखने का मिली है। लेकिन उसके बाद भी नेता चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में प्रदेश की खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने सेहत का हवाला देते हुए अगला विस चुनाव लडऩे से इनकार कर सबके सामने समस्या खड़ी कर दी है। शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से प्रतिनिधित्व करने वालीं यशोधरा ने अगस्त में ही पार्टी हाईकमान को चि_ी लिखकर बताया था कि चार बार कोविड होने से वे चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। ऐसे में उम्रदराज माननीयों की सेहत उनके विरोधियों को ज्यादा सताने लगी है।
सेहत का हवाला देकर मांग रहे टिकट
उल्लेखनीय है कि भाजपा के 79 टिकट घोषित करने के बाद 151 उम्मीदवार और घोषित किए जाने हैं। ऐसे में अब प्रदेश के उम्रदाराज और खराब सेहत वाले नेताओं की जगह युवा या अन्य प्रत्याशी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि टिकट के मौजूदा दावेदार मंत्री यशोधरा राजे का उदाहरण देकर वे अपना दावा मजबूत कर रहे हैं। भाजपा सूत्रों की मानें तो संगठन को उम्रदराज प्रत्याशी की बजाए युवा प्रत्याशी देने के सुझाव दिए जा रहे हैं। वे संगठन को उम्रदराज प्रत्याशियों की बीमारियों की जानकारी दे रहे हैं। हालांकि पार्टी का स्पष्ट कहना है कि प्रत्याशी चयन का पैमाना सिर्फ शीर्ष नेतृत्व तय करता है । प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा कह चुके हैं कि प्रत्याशी चयन में अनेक पहलुओं को ध्यान में रखा जाता है।
इनकी सेहत खराब
प्रदेश में कई भाजपा नेता हैं, जिनकी सेहत खराब चल रही है। वहीं कुछ ऐसे नेता भी हैं जिनकी तबीयत सार्वजनिक कार्यक्रमों में बिगड़ चुकी है। इनमें गिरीश गौतम का गणतंत्र दिवस पर कार्यक्रम के दौरान तबीयत बिगड़ने पर तत्काल भोपाल लाकर भर्ती कराया गया था। मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी को गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री का संदेश पढ़ते समय चक्कर आया था। सुरेंद्र पटवा पार्टी की विकास यात्रा के दौरान तबीयत बिगड़ी, कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा। कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे। वरिष्ठ पत्रकार गिरिजा शंकर का कहना है कि यशोधरा राजे सिंधिया ने सेहत का हवाला देकर चुनाव लडऩे से इंकार किया है। पार्टियां किसी प्रत्याशी का हेल्थ चेकअप करने नहीं बैठती। प्रत्याशी चयन में उम्र का भी कभी कोई पैमाना नहीं रहा। भाजपा ने छत्तीसगढ़ में ननकीराम कंवर को प्रत्याशी बनाया है। प्रत्याशी वही होता है, जिस पर हाईकमान को तसल्ली हो।
ये हैं उम्रदराज
वहीं कई विधायकों की उम्र काफी हो गई है। इनमें नागौद के विधायक नागेंद्र सिंह 80 के हो गए हैं। वे अपनी उम्र और सेहत का हवाला देते हुए चुनाव लडऩे में असमर्थता जता चुके हैं। वे परिवार के सदस्य को बतौर उत्तराधिकारी बनाना चाहते हैं। 75 साल के गुना के विधायक गोपीलाल छठवीं बार विधायक चुने गए हैं। वे 1969 से राजनीति में सक्रिय हैं। जाटव ने जनसंघ के सदस्य के रूप में भी काम किया। वे 1974 से 1990 तक पार्षद रह चुके हैं। श्यामलाल द्विवेदी 74 वर्ष के हो गए हैं। 1983 में सरपंच चुने गए द्विवेदी को 35 साल बाद 2018 में पहली बार रीवा जिले के त्योंथर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। इससे पहले वे जिला पंचायत के सदस्य भी रहे। बिसाहूलाल सिंह 73 वर्ष के हो गए हैं। अनूपपुर से छह बार के विधायक हैं। 2018 में वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। इसके बाद उन्होंने नवंबर 2020 में हुए उपचुनाव में बतौर भाजपा प्रत्याशी जीत हासिल की। वे खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री हैं। 73 साल के विधानसभा के पूर्व स्पीकर डॉ. सीतासरन शर्मा होशंगाबाद विस क्षेत्र के कद्दावर नेता हैं। वे पांच बार इटारसी और होशंगाबाद से विधायक चुने गए।

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