राप्रसे के अफसरों को आईएएस अवॉर्ड कराने में पिछड़ा मप्र

आईएएस अवॉर्ड

आईएएस कॉडर रिव्यू में राप्रसे को फिर मिली निराशा

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। केंद्र द्वारा हाल ही में मप्र आईएएस कैडर के रिव्यू में 20 नए पद स्वीकृत किए गए हैं।  मप्र कैडर में आईएएस के 439 पद स्वीकृत है। अब उन पदों की संख्या बढ़कर 459 हो गई है। राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस अवार्ड होने के प्रमोशन पर पदों की संख्या 133 से बढ़कर 139 हो गई है। इस प्रकार इस संवर्ग में केवल 6 ही पद बढ़ाए गए हैं जबकि पिछली बार इस कैडर में 18 नए पद सृजित किए गए थे। माना जा रहा है कि इस साल वर्ष 2022 में रिक्त 10 पदों सहित 19 पदों पर राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को आईएस अवार्ड होगा जिसकी प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। कुल मिलाकर इस बार के लिए कैडर अलॉटमेंट में राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को निराशा हाथ लगी है।
 मप्र आईएएस संवर्ग के लिए हाल ही में हुए कॉडर रिव्यू में राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को निराशा हाथ लगी है। इस बार राप्रसे प्रमोशन से भरे जाने वाले पदों की संख्या 133 से बढ़कर 139 हुई है । यानि कुल छह पद ही बढ़े हैं। उधर, एक पद कलेक्टर और एक पद संभागीय अपर आयुक्त का बढ़ा दिया गया है।  जबकि प्रमुख सचिव, सचिव और संभागीय कमिश्नरों के पद यथावत रखे गए हैं।
मुख्य सचिव वेतनमान का एक भी पद नहीं बढ़ाया गया
प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश आईएएस संवर्ग का 2022 में हुए रिव्यू में मुख्य सचिव वेतनमान का एक भी पद नहीं बढ़ाया गया है। यानी चीफ सेक्रेटरी सहित अपर मुख्य सचिव के 7 पद कैडर में और 7 पद नान कैडर में ही रहेंगे। इसी प्रकार प्रमुख सचिव वेतनमान में भी यथावत 25 पद, सचिव वेतनमान में 15 पद,अपर सचिव- उप सचिव के लिए 20 पद और संभागीय कमिश्नर के लिए 10 पद रखे गए हैं। संभागीय अपर आयुक्त का एक पद जरूर बढ़ाया गया है। अब इन पदों की संख्या 11 हो गई हैं। इसी प्रकार निवाड़ी नया जिला बनने के कारण कलेक्टर के पदों की संख्या बढ़कर 51 से 52 हो गई हैं। जिला पंचायत सीईओ के संवर्ग में पूर्व अनुसार 22 पद ही रहेंगे जबकि प्रदेश में 52 जिला पंचायत सीईओ नियुक्त किए जाते हैं। कैडर रिव्यू में केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने वाले अफसरों की संख्या 94 से बढ़ाकर 99 गई है। वैसे भारत सरकार में 32 से 35 आईएएस ही प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं।
पल्लवी जैन के खिलाफ जांच शुरू
आइएएस पल्लवी जैन गोविल के खिलाफ केन्द्रीय कार्मिक मंत्रालय (डीओपीटी) के निर्देश पर जांच शुरू हो गई है। पल्लवी आदिम जाति कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव हैं। विभाग में अनुसंधान अधिकारी के पद पर पदस्थ लालजी राम मीना ने डीओपीटी में शिकायत की थी कि विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल लगातार नियम विरुद्ध काम कर रही हैं।
तबादला पोस्टिंग में भी भेदभाव किया जा रहा है। मीना ने 19 अफसरों की सूची डीओपीटी को भेजी थी, जिनकी नियम विरुद्ध पोस्टिंग की गई। मीना ने डीओपीटी में भेजी शिकायत में कहा था कि तृतीय श्रेणी कर्मचारी महावीर जैन को नियम विरुद्ध शिवपुरी जिले में जिला संयोजक पद का प्रभार दिया गया है।  आदिम जाति कल्याण विभाग छिंदवाड़ा में अनुसंधान अधिकारी के पद पर पदस्थ मीना ने बताया कि उन्होंने नियम विरुद्ध हो रहे कार्यों की ओर विभाग की प्रमुख सचिव का ध्यान दिलाया था, लेकिन उन्होंने एक्शन नहीं लिया। इसके बाद डीओपीटी को शिकायत की। डीओपीटी ने शिकायत दर्ज कर राज्य के मुख्य सचिव को लिखा है कि कार्रवाई की जाए।
नए कॉडर रिव्यू में 20 पद बढ़ाए गए
मप्र आईएएस कॉडर में पूर्व में 439 पद स्वीकृत थे। नए कॉडर रिव्यू में 20 पद बढ़ाए गए हैं, जिससे संवर्ग में आईएएस की संख्या 459 हो गई है।  इसमें सीनियर कॉडर पोस्ट 238 से बढ़ाकर 249 की गई हैं। यानि सीनियरिटी के 11 ही पद बढ़े हैं, वहीं राप्रसे के प्रमोशन से भरे जाने वाले पदों की संख्या 133 से बढ़ाकर 139 की गई है। ऐसे में छह पद ही बढ़ाए गए हैं। वर्ष 2022 के रिक्त 10 पदों सहित अन्य 19 पदों पर राप्रसे के अफसरों को आईएएस के पदों पर प्रमोशन दिया जाएगा। डायरेक्टर स्टेट काउंसिल आॅफ एजुकेशन एवं रिसर्च, अतिरिक्त कमिश्नर सेल्स टैक्स के 2 पद, एक्सक्यूटिव डायरेक्टर लोक सेवा केंद्र, अपर आयुक्त नगरीय प्रशासन के तीन, डायरेक्टर आजीविका मिशन, तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में प्रबंध संचालक, भोपाल, इंदौर, जबलपुर तथा ग्वालियर में नगर निगम आयुक्त का एक-एक पद बढ़ाया गया है।
गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी 6 साल से नहीं बने आईएएस
मप्र में गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी पिछले 6 साल से पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं। इसका कारण नियम होने के बावजूद सरकार की तरफ से उनके आवेदन नहीं मंगाए जाना बताया जा रहा है। सामान्य प्रशासन विभाग के सूत्रों ने कहा कि नियम है, लेकिन सरकार तय करेगी कि किस कैडर से कितने पद भरने हैं। बता दें कि दरअसल राज्य प्रशासनिक सेवा का 439 अधिकारियों का कैडर है। इसमें से 33 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का नियम है। इनमें से 15 प्रतिशत पद गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से भरने का भी नियम बनाया गया है। लेकिन 2015 के बाद से गैर राज्य प्रशासनिक सेवा का कोई अधिकारी आईएएस के पदों पर पदोन्नति नहीं हो सका है। सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से संबंधित विभागों से योग्य अधिकारियों के आवेदन ही नहीं मंगाए नहीं जा रहे हैं। इस उपेक्षा के कारण अधिकारी नाराज हैं, लेकिन कोई खुल कर सामने आकर बोलने को तैयार नहीं है। दरअसल कोई सरकार के खिलाफ कुछ बोलना नहीं चाहता। सभी का सिर्फ यहीं कहना है कि जैसे 2015 और उसके पहले के अधिकारियों को मौके दिए गए हैं। उनके कैडर को मिलने चाहिए।
15 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने चाहिए
अधिकारियों का कहना है कि नियमानुसार गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से 15 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने चाहिए। लेकिन यह भी लिखा गया है कि यह सरकार पर निर्भर करेगा। उनका कहना है कि इससे राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के पदोन्नति के पद कम हो जाते हैं। सरकार बहुत ही अच्छा प्रदर्शन करने वाले अधिकारी को प्रमोशन देने के लिए इस नियम का उपयोग करती है। गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को आईएएस के पदों पर पदोन्नत करने के लिए आयु सीमा 56 साल निर्धारित है। ऐसे में लंबे समय से आवेदन नहीं मंगाने से कई योग्य अधिकारी आयु सीमा पूरी करने से अयोग्य हो गए हैं। पूर्व चीफ सेक्रेटरी केएस शर्मा ने कहा कि सरकार ने जब आईएएस अवॉर्ड का नियम बनाया है तो दूसरी सेवा के प्रतिभावान अधिकारियों को भी मौके देने चाहिए। इससे सरकार को ही अच्छे अधिकारियों की सेवा मिलेगी। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का नुकसान न होने की तर्कों के साथ मौका नहीं देना उचित नहीं है। इससे गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के साथ न्याय नहीं होना है। सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 15 प्रतिशत पद गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से भरने का नियम है, लेकिन नियम में यह भी है कि यह सरकार तय करेगी कि कि राज्य प्रशासन सेवा और गैर राज्य प्रशासनिक सेवा से कितने पद भरने हैं। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के पदोन्नति के पद गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के देने से उनके पद कम हो जाएंगे।

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