भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में भले ही बे-मौसम अफसरों की पदस्थापना का दौर चलता रहता है , लेकिन अगर मामला पुलिस महकमे का हो तो फिर लेट लतीफी होना सामान्य बात है। फिर मामला चाहे आर्थिक अपराध की जांच करने वाली एजेंसी ईओडब्ल्यू का हो या फिर आतंकवाद जैसे मामलों में कार्रवाई करने वाली राज्य सरकार की एजेंसी एटीएस का। एटीएस को बीते 25 दिनों से एसपी की पदस्थापना का इंतजार बना हुआ है। इसकी वजह से एटीएस एसपी का काम प्रभार देकर चलाया जा रहा है।
अहम बात यह है कि इस एजेंसी के एसपी के पद को बेहद अहम माना जाता है, लेकिन फिर भी यह पद रिक्त बना हुआ है। यह देरी ऐसे समय की जा रही है जब मप्र में भी कई आंतकियों को लेकर जांच चल रही है और पिछले दिनों मप्र से कई संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसकी वजह से एजेंसी में एसपी की पदस्थापना में होने वाली देरी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों की माने तो इस पद पर पदस्थापन के लिए पुलिस मुख्यालय से पांच आईपीएस अफसरों के नामों का एक पैनल तैयार कर गृह विभाग को भेजा गया था ,लेकिन गृह विभाग पैनल में शामिल नामों को लेकर सहमत नहीं है। अगर सूत्रों की मानें तो नए एसपी की पदस्थापना के लिए तत्कालीन एसपी गौरव तिवारी की तरह के ही अफसर की तलाश की जा रही है। गौरतलब है कि गृह विभाग ने बीते साल ईओडब्ल्यू में पदस्थ आठ डीएसपी, 6 निरीक्षक और 8 उपनिरीक्षक स्तर के अफसरों का एक साथ तबादला कर दिया था , लेकिन उनकी जगह नए अफसरों की लंबे समय तक पदस्थापना नहीं की थी।
एसपी की भूमिका महत्वपूर्ण
पुलिस मुख्यालय के अफसरों के मुताबिक एटीएस कई बेहद संवेदनशील और देश की सुरक्षा से जुड़े मामलों की जांच कर रही है। इस स्थिति में जांच में गड़बड़ी होने की आशंका बनी रहती है। भले ही जेएमबी के मामले में एनआईए ने चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी है। पीएफआई और एचयूटी के मामलों में भी आरोपी जेल में बंद हैं, लेकिन चार्जशीट की तैयारी। इसके लिए एसपी स्तर के अधिकारी का होना जरूरी है। ऐसी स्थिति में एटीएस कोर्ट में समय सीमा में चार्जशीट पेश नहीं कर पाएगी!
16/06/2023
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