- इस बार श्रीमंत का व सीएम का आवास बना बैठकों का ठिकाना
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/ बिच्छू डॉट कॉम। भाजपा में राजनैतिक बदलाव की अटकलों के बीच बीते रोज मंत्रियो व भाजपा के दिग्गज नेताओं के बीच मेल मुलाकातों के साथ ही चली कई बैठकों के दौर ने कई तरह की चर्चाओं को तेज कर दिया है। यह दौर ऐसे समय चला है , जबकि आज रातापानी सेंचुरी के गेस्ट हाउस में भाजपा की बड़ी बैठक और कोर ग्रुप की चर्चा हो रही है। शुक्रवार का दिन वरिष्ठ मंत्रियों की अलग-अलग मुलाकातों और देर शाम केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व ज्योतिरादित्य सिंधिया की लंबी बैठकों के नाम रहा है। इसकी वजह से संभावित फेरबदल की अफवाहों को पंख लग गए हैं। बताया जा रहा है कि यह बैठकें सत्ता और संगठन में संभावित फेरबदल की लेकर बेहद अहम हैं। आज चल रही बैठक में शामिल होने के लिए राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष बीते रोज ही सुबह भोपाल आ गए थे। आज हो रही बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, सीएम शिवराज सिंह, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ प्रदेश के राष्ट्रीय पदाधिकारी और केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं। इन बैठकों व मेल मुलाकातों का महत्व इससे ही समझा जा सकता है कि दिल्ली दौरे पर गए राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को दौरे के बीच रास्ते इंदौर से भोपाल आना पड़ा है। इसके बाद वे मंत्रालय में मौजूद जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट से मिलने पहुचे गए। वहां उन दोनों नेताओं के बीच अकेले में लंबी चर्चा की गई। खास बात यह है कि इसके बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी राजपूत से मिलने उनके निवास पहुंच गए। इससे पहले राजपूत सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया के घर मिलने गए। इस बीच केंद्रीय नरेन्द्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी भोपाल आए। खास बात यह है कि यह दोनों नेता एक साथ ही भोपाल आए। सिंधिया के भोपाल आते ही उनके निवास पर उनके समर्थक मंत्रियों का पहुंचना शुरू हो गया था, जिसके बाद एक बार फिर बैठकों का दौर शुरू हो गया, जो देर रात तक चलता रहा। इस बैठक में शामिल होने के लिए उनके बंगले पर पहुंचने वाले मंत्रियों में गोविंद सिंह राजपूत , प्रभुराम चौधरी, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, एसकेएस भदौरिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर भी शामिल थे। उधर, एक बैठक मुख्यमंत्री आवास पर भी देर रात तक चलती रही जिसमें मुख्यमंत्री के अलावा प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जम्वाल और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद मौजूद रहे। माना जा रहा है कि इस बैठक में आज हो रही बैठक और कोर ग्रुप में चर्चा के लिए तय किए गए बिंदुओं पर चर्चा की गई है। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जबकि प्रदेश में बड़़े राजनैतिक बदलाव की चर्चाएं जोर पकड़े हुए हैं। पार्टी के दिग्गज नेताओं व मंत्रियों के बीच जारी मेल मुलाकातों के अब कई तरह के सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं। यह सब ऐसे समय हो रहा है जबकि प्रदेश में संगठन से लेकर सत्ता तक में बदलाव को लेकर कयासों का दौर चल रहा है। वहीं भाजपा के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिंया की लगातार बढ़ती सक्रियता को भी काफी अहम माना जा रहा है। प्रदेश में मेल मुलाकात का दौर बीते साल शुरू हुआ था। इसके बाद रुक-रुक कर भाजपा में यह दौर चलता रहता है। इस शुरुआती दौर में जब कई नेता गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से मिलने उनके आवास पर पहुंचे थे , तब कई तरह की सियासी अटकलें तेजी से शुरू हो गई थीं। उस समय इन मेल मुलाकातों के केन्द्र में बिंदु मिश्रा के अलावा कैलाश विजयवर्गीय, प्रभात झा और जयभान सिंह पवैया रहे थे।
श्रीमंत बेटे को लेकर जा चुके हैं विजयवर्गीय के घर
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश की सियासत फिर से किसी बड़े बदलाव की तरफ बढ़ रही है। मेल मुलाकातों का दौर जारी है। इसके साथ-साथ बड़े नेताओं की बैठक में कई कूटनीति फैसले लिए जा सकते हैं। दरअसल, शिवराज की ही कैबिनेट में ही गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा उनके प्रतिस्पर्धी माने जाते हैं। कुछ दिन पहले जिस तरह से सिंधिया अपने बेटे महाआर्यमन को लेकर कैलाश विजयवर्गीय के घर पहुंचे थे और बयान दिया था, उसको भी बदलाव से जोड़कर देखा जा रहा है। उस समय सिंधिया ने कहा था कि अब विजयवर्गीय के मार्गदर्शन में आगे बढ़ेंगे। मैं नए जोश के साथ काम करूंगा। तो मायने निकाले गए कि सिंधिया कोई नई जिम्मेदारी तो नहीं संभाल रहे। दरअसल, कैलाश हमेशा से शिवराज के समानांतर चलने वाली रेल की पटरी की तरह देखे गए हैं, जो कितनी ही दूर साथ चले लेकिन एक-दूसरे से अलग ही रहते है। इंदौर पहुंचने पर वे सीधे कभी अपने धुर विरोधी रहे विजयवर्गीय के घर पहुंच गए थे। तब उनके द्वारा कहा गया था कि वे एक पारिवारिक वातावरण में कैलाश जी के यहां सामूहिक परिवार के रूप में आया हूं। मैं मानता हूं कि उनके मार्गदर्शन में पार्टी उन्हें आगे आम कार्यकर्ता के रूप में क्षेत्र और प्रदेश के विकास का बीड़ा सौंपेगी। इसके लिए कैलाश विजयवर्गीय के साथ मिलकर इसे पूरा करेंगे।
कई बार की जा चुकी है समीक्षा
प्रदेश में सत्ता और संगठन दोनों के कामकाज की समीक्षा कई बार पूर्व में की जा चुकी है। सूत्रों की मानें तो राज्य के 15 बीजेपी जिला अध्यक्षों की जमीनी रिपोर्ट नकारात्मक आने पर उन्हें बदलने का मन बना दिया गया है। इसी तरह से मंत्रियों के कामकाज से भी संगठन नाराज है। संगठन के पास इस बात की शिकायत है कि जिन मंत्रियों के पास जिलों का प्रभार है, वह जिले में जाते ही नहीं है। इस वजह से कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी बढ़ रही है। माना जा रहा है कि ऐसे मंत्रियों को लेकर भी आज की बैठक में अहम चर्चा की जा सकती है।