भारत भवन में बनने वाला एक दशक बाद भी आकार नहीं ले सका आर्टिस्ट विलेज

  • भारत भवन में बनने वाला  एक दशक बाद भी आकार नहीं ले सका आर्टिस्ट विले
भारत भवन

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम।
एक दशक से अटके आर्टिस्ट विलेज का  इंतजार समाप्त नहीं हो रहा है। इसका निर्माण भारत भवन के परिसर में कलाकारों के लिए किया जाना था। कुछ समय पहले इसी मामले को लेकर ट्रस्ट की बैठक भी आयोजित की जा चुकी है, इसके बाद भी यही कहा जा रहा है कि कला ग्राम को लेकर अभी कोई ऑफिशियल तौर पर निर्णय नहीं लिया गया है, इसको लेकर पहले डीपीआर तैयार किया जाएगा। डीपीआर तैयार होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की  जाएगी। फिलहाल जहां पर कला ग्राम प्रस्तावित है, वहां पर अभी  सिर्फ जंगल और घास देखने को मिल रही है।
आठ माह में बनाने का था दावा
करीब पांच साल पहले दावा किया गया था कि भारत भवन के ग्रीन जोन में आर्टिस्ट विलेज बनाया जाएगा। इसमें रहकर कलाकार दो साल में स्वयं को और दक्ष कर सकेंगे। इसके साथ ही रंगमंडल भी शुरु किया जाएगा। इस विलेज से चित्रकारों, आदिवासी कलाकार, गायकों और साहित्यकारों को मौका फायदा होना था, लेकिन उसका काम ही अगे नहीं बढ़ पा रहा है। दरअसल जहां पर कला ग्राम बनाया जाना है, वह जमीन ग्रीन लैंड में आती है, लिहाजा वहां र पक्का निर्माण नहीं हो सकता है, ऐसे में वहां पर पूरा निर्माण बांस लकड़ी और घास फूस से किया जाना है।
आर्टिस्ट विलेज की परिकल्पना  2013-14 में की गई थी, उस समय कहा गया था कि इसका निर्माण बांस से किया जाएगा। इस मामले में अब कहा जा रहा है कि भारत भवन में करीब एक एकड़ में तैयार होने वाले कला ग्राम में आर्किटेक्ट और इंजीनियर की सेवा ली जाएंगी। कला ग्राम के डायग्राम को लेकर बताया गया कि कला ग्राम के निर्माण को लेकर अभी डीपीआर तैयार नहीं है। उसको तैयार करने का काम किया किया जा रहा है। उसके बनने के बाद ही इस पर जल्द काम शुरु हो सकेगा।
इनका होना है निर्माण  
ओपन थिएटर – युवा कलाकारों को प्रोत्साहित करने और उन्हें मंच प्रदान करने के उद्देश्य से ओपन थिएटर तैयार किया जाएगा। जहां युवा प्रतिभागी कविता, गीत-संगीत सहित बैंड आदि की प्रस्तुति दे सकेंगे।
स्कल्पचर गार्डन – कलाग्राम में स्कल्पचर गार्डन मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेगा। इसमें कलाकार यहीं रहकर स्कल्पचर तैयार करेंगे। वरिष्ठ कलाकारों से युवा कलाकारों को इंटरेक्शन का मौका मिलेगा।
आर्ट वर्क स्टूडियो – परिसर में तीन से चार अलग-अलग आर्ट वर्क स्टूडियो तैयार किए जाएंगे। यह स्टूडियो बैंबू से तैयार होंगे, जिसमें विभिन्न जनजातीय कलाकारों को अपनी कला को आकार देने का मौका मिलेगा।
अलग-अलग बनना है स्टूडियो
कलाग्राम में सभी कलाओं रूपंकर, संगीत, साहित्य, रंगमंच आदि से जुड़े स्टूडियो तैयार किए जाएंगे। इन मल्टीपल स्टूडियो में पेंटिंग बनाने के लिए अलग स्टूडियो होगा, जहां चित्रकार या कोई भी कलाकार बिना किसी गतिरोध के काम कर सकेगा। इसी प्रकार सिरेमिक या मिट्टी के स्कल्पचर बनाने के लिए भी एक खास जगह तैयार की जाएगी। इस स्टूडियो में माटी को आकार देने वाले कलाकार तरह-तरह की आकृतियां गढ़ेंगे। इसी प्रकार साहित्यकारों के लिए विशेष स्थान इस स्टूडियो में होगा। जहां वह अपनी कल्पना को अपने विचारों के साथ कैनवास पर उतार सकेंगे।

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