
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। आरजीपीवी में अव्यवस्थाओं का अंबार है। यहां कुलपति सुनील कुमार गुप्ता व्यवस्थाएं बना पाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। यही वजह है कि विश्वविद्यालय के अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी टाल रहे हैं। इस कारण से लाखों स्टूडेंट्स तो सिर्फ रिजल्ट न मिल पाने की वजह से परेशान हो रहे हैं।
वहीं विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक और रजिस्ट्रार भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर रहे हैं बल्कि काम को दूसरे का काम बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं। स्टूडेंट्स इस बात को लेकर भी चिंता में है कि अगले सेमेस्टर एग्जाम की तैयारी कैसे करें, क्योंकि विश्वविद्यालय की ओर से आगामी सेमेस्टर की परीक्षाओं को लेकर अब तक कोई तैयारी नहीं है। बता दें कि शासन के आदेश के मुताबिक सभी विश्वविद्यालयों को जून और जुलाई में परीक्षाएं पूरी कराना है।
शासन ने ओपन बुक सिस्टम से परीक्षाएं कराने के आदेश जारी किए हैं। हालांकि आरजीपीवी प्रबंधन दावा जरूर कर रहा है कि परीक्षा की पूरी तैयारियां हो चुकी हैं सिर्फ शासन के अप्रूवल का इंतजार है। वहीं सूत्रों का दावा है कि विश्वविद्यालय की ऑनलाइन परीक्षा को लेकर कोई तैयारी है ही नहीं। अधिकारी सिर्फ एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर अपना समय निकाल रहे हैं। दूसरी ओर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे सुनील गुप्ता का अब अधिकारियों पर कंट्रोल नहीं रहा। सूत्रों की मानें तो राज्यपाल द्वारा गुप्ता को भ्रष्टाचार के मामले में नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
अब तक नहीं मिला पिछला रिजल्ट
यही नहीं पिछला रिजल्ट नहीं मिलने से स्टूडेंट आगामी सेमेस्टर की परीक्षा में कैसे शामिल हों इस बात को लेकर चिंतित हैं। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक एके सिंह का बीते दिनों कोरोना की वजह से निधन हो गया था। हालांकि उन्होंने इसके पहले फरवरी और मार्च में ही बीटेक, बीई, एमसीए, एमई, आर्किटेक्चर व एमटेक सहित अन्य विषयों की परीक्षा करा ली थी। यह परीक्षाएं हुए दो माह से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन अब तक इनका रिजल्ट घोषित नहीं हो सका है, जबकि आरजीपीवी को ऑनलाइन वैल्यूएशन कराना है। हालांकि आठवें सेमेस्टर के पूर्व विद्यार्थियों के रिजल्ट जारी हो चुके हैं।
मूल्यांकन के लिए तलाशी जा रहीं कॉपियां
आरजीपीवी में अव्यवस्थाओं का आलम यह है कि स्टूडेंट की आंसर शीट ही गायब है। स्टूडेंट की आंसर शीट नहीं मिल पा रही है। यही वजह है कि पिछला रिजल्ट तैयार करने के लिए अभी तक मूल्यांकन ही नहीं हो पाया है। जबकि विद्यार्थियों की परीक्षाएं फरवरी-मार्च में ओपन बुक से कराई गई थी। इसके बाद स्टूडेंट्स की आंसर शीटकॉलेजों में जमा कराई गई थी। अब प्रभारी परीक्षा नियंत्रक प्रभात पटेल द्वारा मूल्यांकन कराने के लिए ये कापियां तलाशी जा रही हैं।