बुंदेलखंड व बघेलखंड के इलाके अब भी प्यासे

बुंदेलखंड व बघेलखंड

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। भले ही इस बार प्रदेश में अच्छी बारिश हो रही है, लेकिन अब भी सूबे के दो अंचल पानी के लिए तरस रहे हैं। यह दोनों ऐसे अंचल हैं, जहां पर सालभर लोगों को पानी के संकट के दौर से गुजरना पड़ता है। इन अंचलों के तहत आने वाले 13 जिले ऐसे हैं, जहां पर इंद्रदेव अब भी कृपा नहीं वर्षा रहे हैं।
इन जिलों में अब तक 20 से लेकर 40 फीसदी तक बारिश कम हुई है।  प्रदेश में 16 जून से मानसून ने दस्तक दी इसके बाद करीब डेढ़ माह तक प्रदेश के अधिकांश जिलों में जमकर पानी गिरा। मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में अब तक 553.9 मिमी बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 4 फीसदी ज्यादा है, जिसकी वजह से अब तक की बारिश का कोटा पूरा हो चुका है। इसकी वजह से फसलों की सिंचाई और पीने के लिए भी पानी अब पर्याप्त मौजूद है। इसके उलट बुंदेलखंड, बघेलखंड के कुछ हिस्सों को अब भी अच्छे मानसून का इंतजार बना हुआ है। इनमें प्रदेश के झाबुआ, अलीराजपुर, दतिया, टीकमगढ़, निवाड़ी, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, कटनी और डिंडौरी जिलों में सबसे कम बारिश हुई है। इसकी वजह से इन जिलों के किसानों की फसल को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। दमोह, टीकमगढ़ सहित अन्य कम बारिश वाले जिलों में किसानों ने बारिश होते ही बोअनी तो कर दी है, लेकिन उसके बाद पानी नहीं गिरने की वजह से अब फसलों पर संकट खड़ा हो गया है। हालात यह हैं कि पानी  के अभाव में अब सोयाबीन सहित अन्य फसलों के पत्ते पीले पड़ने लगे हैं। अगर इन जिलों में जल्द अच्छी बारिश नहीं होती है, तो फसलों के नष्ट होने का खतरा पैदा हो गया है।
तीन अंचलों में अच्छी बारिश
रिटायर्ड वरिष्ठ  मौसम वैज्ञानिक जेडी मिश्रा ने बताया कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के कारण इंदौर, उज्जैन, खंडवा, रतलाम, बैतूल, खंडवा, रायसेन, देवास,  हरदा, भोपाल, नर्मदापुरम, विदिशा सीहोर, गुना और राजगढ़ में ज्यादा बारिश हो रही है। यहां सामान्य से 20 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक ज्यादा बारिश हो चुकी है। वर्तमान में महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़ और यूपी के बॉर्डर से लगे जिलों में नमी आने के कारण बारिश हो रही है। ग्वालियर इलाके से गुजर रही ट्रफ लाइन उस तरफ बारिश करवा रही है। इसकी वजह से प्रदेश के तीन अंचलों में अच्छी बारिश हो चुकी है। एक साथ आधा दर्जन वेदर सिस्टम सक्रिय होने से प्रदेश में एक बार फिर बारिश का दौर शुरू हो गया है। मंगलवार को भोपाल, नर्मदापुरम व जबलपुर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। बाकी संभागों में भी हल्की, तेज बारिश के आसार हैं। प्रदेश में बारिश का दौर तीन-चार दिन चलने के आसार हैं। राजधानी में रविवार को दिन में आसमान पर बादल छाए रहे, पर बारिश नहीं हुई।
इन जिलों को इंद्रदेव की कृपा का इंतजार
गुजरात, छत्तीसगढ़ और यूपी से सटे जिलों में मानसून अभी तक अधिक सक्रिय नजर नहीं आया है। मौसम विभाग के अनुसार ग्वालियर, चंबल, बघेलखंड और बुंदेलखंड में अच्छी बारिश की संभावना है। अब नया सिस्टम बन गया। इससे इन इलाकों में भी अच्छी बारिश हो सकती है। प्रदेश के दमोह,  डिंडोरी, छतरपुर, कटनी, पन्ना, रीवा, सीधी, सतना, सिंगरौली टीकमगढ़, उमरिया, अलिराजपुर, दतिया, झाबुआ सहित कई जिलों में 40 फीसदी तक कम बारिश हुई है।
24 घंटो में कहां कितनी बारिश
रविवार को दिन में सीधी में 50 मिमी, मंडला में 17, उज्जैन में 14, ग्वालियर में 12.7, सतना में 10, इंदौर, नौगांव में 9, रतलाम व खंडवा में 5 मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र, पाकिस्तान में पश्चिमी विक्षोभ, अरब सागर व पश्चिमी उप्र में ऊपरी हवा में चक्रवात, राजस्थान से रायसेन, सिवनी होते हुए बंगाल की खाड़ी तक मानसून टूफ बना है, जिससे प्रदेश में बारिश का गतिविधियां बढ़ गई हैं।

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