भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भाजपा के नेता पिछले एक साल से निगम-मंडलों में राजनीतिक नियुक्ति की आस देख रहे हैं, इस बीच सरकार ने निगम-मंडलों में अध्यक्षों के खाली पदों पर आईएएस अफसरों की नियुक्ति की प्रक्रिया एक बार फिर से शुरू कर दी है। इसकी शुरुआत राज्य वन विकास निगम से की गई है। वन विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल को निगम के संचालक मंडल का अध्यक्ष मनोनीत किया गया। गौरतलब है कि करीब 5 माह पहले सरकार ने निगम-मंडलों से हटाकर संबंधित विभाग के मंत्रियों को कार्यभार सौंपा गया था। गौरतलब है कि मोहन सरकार ने पांच महीने में अपना ही आदेश पलटते हुए आईएएस को निगम-मंडलों में नियुक्ति देना शुरू कर दिया है। शुरुआत राज्य वन विकास निगम से की है। वन विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल को मंगलवार को निगम के संचालक मंडल का अध्यक्ष मनोनीत किया गया। 10 सितंबर 2024 को सरकार ने निगम-मंडलों से प्रशासक एवं प्राधिकृत अधिकारियों को हटा दिया था। इनकी जिम्मेदारी विभागीय मंत्रियों को दी थी। अब फिर अफसरों की नियुक्ति शुरू होने से भाजपा में अंदरूनी विरोध तेज हो गया है। मोहन सरकार ने दिसंबर 2023 में निगम-मंडलों के अध्यक्षों को हटा दिया था। अंदाजा लगाया गया था कि सरकार जल्द नए सिरे से राजनीतिक नियुक्तियां करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव को पदेन अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल गई थी। सितंबर 2024 में सरकार ने एक कैबिनेट बैठक में निर्णय लेने के बाद आईएएस को निगम-मंडलों से बाहर किया था तब फिर राजनीतिक नियुक्तियों के, द्वार खुलने की अटकलें तेज हो गईं थीं। विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह एसीएस को अध्यक्ष मनोनीत किया है, ठीक उसी तरह राजनीतिक नियुक्ति की जा सकती है, पूर्व में ऐसा हुआ है। यदि सरकार को इसमें भी दिक्कत थी तो प्रतिनिधि नियुक्त किया जा सकता था।
मंत्री नहीं होने के कारण सौंपा कार्यभार
वन विभाग के कुछ अफसरों का तर्क है कि उक्त निगम के अध्यक्ष वन मंत्री होते हैं, जो कि रामनिवास रावत थे। विजयपुर विस उपचुनाव हारने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। तब से विभाग सीएम के पास है। सूत्रों के मुताबिक निगम से जुड़ी रूटीन बैठकों में सीएम का शामिल होना संभव नहीं होता। ऐसे में एसीएस को अस्थाई अध्यक्ष मनोनीत किया है। सूत्रों के मुताबिक विभाग की जमीनें उद्योगों के नाम पर निजी हाथों में देने की तैयारी है।
राजनीतिक नियुक्तियां टली
प्रदेश के विभिन्न निगम-मंडलों में राजनीतिक नियुक्तियों का लंबे से इंतजार किया जा रहा था। इस फैसले से इनमें नियुक्तियों का रास्ता ताक रहे भाजपा नेताओं को निराशा हो सकती है। कहा जा रहा है कि जिस तरह वर्णवाल को राज्य वन विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया है, उससे नेताओं की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है। जानकार सूत्रों का कहना है कि वर्णवाल को प्रभार सौंपने का फैसला अभी अस्थाई तौर पर किया गया है। गौरतलब है कि सितंबर 2024 में प्रदेश के सभी निगम, मंडल और प्राधिकरणों के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रहे अपर मुख्य सचिव (एसीएस) और अन्य आईएएस अधिकारियों को इन पदों से हटा दिया गया था और जिम्मेदारी मंत्रियों को सौंप दी गई है, जिससे प्रशासनिक निर्णयों में मंत्रियों की सीधी भागीदारी बढ़ी।
29/01/2025
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