भोपाल में अनुराधा व कटियार तो इंदौर में मिश्रा व देशमुख हो सकते है पुलिस कमिश्नर!

पुलिस कमिश्नर

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश के भोपाल और इंदौर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू किए जाने की कवायद के बीच अब कमिश्नर पद पर पदस्थापना के लिए काबिल आईपीएस अफसरों की तलाश शुरू कर दी गई है। इसके लिए सरकार के करीब माने जाने वाले दर्जनभर अफसरों के नामों पर मंथन किया जा रहा है। यह सभी अफसर एडीजी और आईजी स्तर के हैं।
पुलिस मुख्यालय इस पद पर उन अफसरों को बिठाने के पक्ष में हैं, जो इन दोनों शहरों की तासीर से पूरी तरह से न केवल बाफिक हों, बल्कि तालमेल बिठाने में भी महारत रखते हों। इसकी वजह है पुलिस मुख्यालय चाहता है कि सालों के प्रयासों के बाद लागू हो पा रही इस व्यवस्था के शुरूआत में कहीं भी कोई विवाद की स्थिति न बने। इसकी वजह है कि अगर ऐसा हुआ तो प्रणाली को लेकर ही सवाल खड़े होने लगेगें और असफलता का ठीकरा फूट जाएगा। मुख्यमंत्री द्वारा पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने का ऐलान करने के अगले ही दिन पुलिस मुख्यालय ने आयुक्त प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव गृह विभाग को भेज दिया है। यह प्रणाली लागू जल्द ही लागू होने की उम्मीद है। इसका प्रस्ताव भी अगली मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी के लिए पेश किया जा सकता है। इसकी वजह से ही शासन स्तर पर कमिश्नर पद के लिए अफसरों की तलाश तेजी से शुरू कर दी गई है।
इन नामों की इस वजह से चर्चा  
फिलहाल भोपाल व इंदौर शहरों में आयुक्त पद के लिए एडीजी ट्रेनिंग अनुराधा शंकर, गृह मंत्री के ओएसडी डा. अशोक अवस्थी, एडीजी  प्रशासन डी. श्रीनिवास राव, एडीजी इंटेलीजेंस आदर्श कटियार, एडीजी एसटीएफ विपिन माहेश्वरी, एमडी पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन उपेंद्र कुमार जैन, एडीजी इंटेलीजेंस- योगेश चौधरी, एडीजी साइबर सेल योगेश देशमुख, गृह सचिव डी. श्रीनिवास वर्मा, आईजी कानून व्यवस्था राकेश गुप्ता, आईजी उज्जैन संतोष कुमार सिंह और आईजी हरिनारायण चारी के नाम शुरुआती चर्चा में आए हैं। इनमें से किन्हीं दो नामों का चयन किया जाना है। इनमें भोपाल के लिए कई अफसरों के नाम हैं। पीएचक्यू से जिलों में जाने में अफसरों को ज्यादा दिक्कत भी नहीं होगी। भोपाल कमिश्नर के लिए तकरीबन सभी अफसर लगभग तैयार ही माने जा रहे हैं। जिन अफसरों के नाम सामने आए हैं, उनमें से ज्यादातर भोपाल में बारी-बारी से एसपी, डीआईजी और आईजी के तौर पर पदस्थ भी रहे हैं। भोपाल रेंज के एडीजी ए. सांई मनोहर पहले ही दिल्ली जाने के लिए लिखित में अनुरोध कर चुके हैं, जिसकी वजह से उनकी दावेदारी पहले ही समाप्त हो चुकी है। इंदौर के लिए सबसे बड़ा नाम हरिनारायण चारी मिश्रा और योगेश देशमुख है। दोनों अफसर इंदौर में आईजी (एडीजी) के तौर पर पदस्थ रहे हैं। दोनों के काम से पीएचक्यू से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक को दिक्कत भी नहीं है। हरिनारायण चारी मिश्रा अभी आईजी इंदौर के पद पर पदस्थ हैं। उन्हें भी कमिश्नर की जिम्मेदारी दी जा सकती है अगर उन्हें मौका नहीं मिलता है, तो वे आईजी इंदौर देहात के पद पर यथावत बने रहेंगे।
 शहर के अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण  जिलों की कमान पहले भी वे संभाल चुके हैं। पीएचक्यू की मंशा यह है कि दोनों शहरों में ऐसे अफसर को पदस्थ किया जाए, तो अपनी पदस्थापना के दौरान विवादों में नहीं रहे हों और उनका काम भी साफ-सुथरा हो। बताते हैं कि मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद जल्दी दो नामों पर फैसला हो जाएगा।
अगले माह से लागू होने की संभावना
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की कवायद बेहद तेजी से की जा रही है, जिससे माना जा रहा है कि यह प्रणाली अगले माह से लागू हो सकती है। इसके लिए बीते रोज मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी और अपर मुख्य सचिव गृह डा. राजेश राजौरा के बीच करीब एक घंटे की बैठक हो चुकी है। उधर इस मामले को लेकर गृह विभाग के अफसरों द्वारा भी पुलिस मुख्यालय से मिले प्रस्ताव पर मंथन किया गया। इसके लिए गृह विभाग इस नए प्रस्ताव के अलावा वर्ष 1999 में तैयार किए गए प्रारूप का भी परीक्षण कर रहा है। प्रस्ताव में पुलिस आयुक्त को मजिस्ट्रियल पावर देना प्रस्तावित किया गया। 

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